नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। क्योंकि यह चुनावी साल है इसलिए अनुमान यही लगाया जा रहा है कि वित्त मंत्री इस बजट में देश के किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकती हैं। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि देश के साढ़े ग्यारह करोड़ किसानों को मिलने वाली पीएम किसान सम्मान राशि में इस बार बढ़ोतरी हो सकती है। अभी तक किसानों को 6000 रुपये साल में तीन किस्तों के तौर पर मिलते हैं। उम्मीद है कि इस बजट में वित्त मंत्री किसानों के लिए यह राशि बढ़ाकर 8000 रुपये सालाना कर सकती हैं।
खेती और किसानी इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इस राशि को बढ़ाकर देश की अर्थव्यवस्था को न सिर्फ सुधारा जा सकता है, बल्कि इस बजट में कृषि ऋण का लक्ष्य भी बढ़ाए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि इस बजट में कृषि के क्षेत्र में सुविधाओं को देकर सियासत भी साधी जाए।
कहने को तो देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अंतरिम बजट में कुछ विशेष घोषणाओं के नहीं करने की बात कही है। बावजूद इसके इस चुनावी साल में सबसे ज्यादा उम्मीद खेती किसानी से जुड़े लोग और विशेषज्ञ लगा रहे हैं। एक फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कृषि के क्षेत्र में सबसे ज्यादा उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
माना यही जा रहा है कि लोकसभा चुनावों के मद्देनजर किसानों को सबसे ज्यादा राहत और तोहफे दिए जा सकते हैं। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की योजना की किस्त को इस बजट में बढ़ाया जा सकता है। अभी तक 11 करोड़ 40 लाख किसानों को हर साल छह हजार रुपये तीन किस्तों में मिलते हैं। 2019 से यह योजना शुरू हुई है।
केंद्र सरकार को अलग-अलग एजेंसियों की ओर से भी किसान सम्मान निधि योजना की राशि को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया था। सूत्रों के मुताबिक अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो देश के 11 करोड़ 40 लाख किसानों को साल में 6000 रुपये की बजाय 8000 रुपए सालाना मिला करेंगे। अभी तक करोड़ों किसानों को 2000 रुपये चार-चार महीनों के अंतराल पर मिलते हैं।
इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 6000 रुपये की बजाय 8000 रुपये सालाना किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा करती हैं, तो यह राशि चार किस्तों में किसानों के खाते में पहुंचेगी। विशेषज्ञों की मानें, अगर वित्त मंत्री किसानों को 6000 रुपये की जगह पर 8000 रुपये सालाना की घोषणा करती हैं, तो यह अप्रैल 2024 से लागू माना जाएगा।
विशेषज्ञ बताते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृषि व्यवस्था को मजबूत करना बेहद जरूरी है। उनका मानना है कि किसानों को मिलने वाली राशि से छोटे किसान खेतों में अपनी जरूरत की आवश्यकताओं को न सिर्फ पूरा करते हैं, बल्कि बीज, खाद पानी आदि को वक्त रहते फसल की बेहतरी के लिए खेतों में इस्तेमाल कर लेते हैं। ऐसी दशा में किसान को न सिर्फ उसकी आय को बढ़ाने में सहूलियत मिलती है, बल्कि कृषि उत्पादन में भी महत्वपूर्ण भूमिका बढ़ने लगती है।
सिर्फ किसान सम्मान राशि ही नहीं, बल्कि इस बजट में कृषि ऋण लक्ष्य को भी बढ़ाया जाना चाहिए। चालू वित्त वर्ष में सरकार का कृषि ऋण लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये का है। इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कृषि ऋण को बढ़ाकर 25 करोड रुपये तक करने का अनुमान लगाया जा रहा है। अगर इस बजट में कृषि ऋण लक्ष्य बढ़ाया जाता है, तो निश्चित तौर पर किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इसके बदले किसानों की न सिर्फ प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि खेती की उपज का देश की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ेगा।
राजनीतिक जानकार भी कहते हैं कि इस बजट में किसानों के लिए अगर कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं और तोहफे दिए जाएंगे, तो उसका लाभ मोदी सरकार को मिलना तय माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों कहना है कि 2019 में जब इस पीएम किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की गई थी, तो उसका सीधा असर लोकसभा चुनावों पर पड़ा था। वह कहते हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव में इसे गेम चेंजर के तौर पर माना गया था।
इसलिए पांच साल पूरे होने पर अगर इस समान राशि में कुछ बढ़ोतरी की जाती है, तो निश्चित तौर पर आने वाले लोकसभा के चुनाव में इसका सीधा लाभ भाजपा को हो सकता है। क्योंकि, केंद्र सरकार की योजनाओं में जो लाभ नीचे तक लोगों को मिल रहा है। ऐसे में मोदी सरकार इन योजनाओं में आने वाले बजट के माध्यम से कुछ बढ़ोतरी कर सकती है, ताकि लोकसभा चुनावों में एक बार फिर से इन योजनाओं को बतौर गेम चेंजर आगे बढ़ाया जा सके।