Saturday, July 27, 2024
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बोर्ड परीक्षा में ईकनॉमिक्स की तैयारी, कॉन्सेप्ट की क्लेयरिटी है बहुत जरूरी

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मानविकी और वाणिज्य स्ट्रीम में ईकनॉमिक्स एक मुख्य विषय के रूप में शुमार किया जाता है। इस विषय के थ्योरी और कॉन्सेप्टस राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वित्त के डोमेन और अर्थव्यवस्था के ग्रोथ में काफी अहम भूमिका निभाता है। कॅरियर के दृष्टिकोण से भी ईकनामिक्स का विषय काफी प्रतिष्ठित माना जाता है। सीबीएसई की बारहवीं कक्षा की ईकनॉमिक्स की परीक्षा 18 मार्च को निर्धारित है और इस तरह से इस विषय की तैयारी के लिए प्राय: दो महीने का वक्त शेष है। बारहवीं की कक्षा में ईकनॉमिक्स के सिलेबस की बात करें तो इसमें मैक्रो ईकनॉमिक्स और इंडियन ईकॉनमी से प्रश्न पूछे जाते हैं। मैक्रो ईकनॉमिक्स से 40 मार्क्स के और इंडियन ईकॉनमी से भी 40 मार्क्स के प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके अतिरिक्त 20 मार्क्स के प्रोजेक्ट होते हैं जिसमें 8 मार्क्स का वाईवा भी होता है।

अन्य विषयों से परे ईकनॉमिक्स विषय की अच्छी तैयारी के लिए कठिन परिश्रम और निरंतर प्रैक्टिस की जरूरत होती है। इस विषय में न्यूमेरिकल प्रश्नों के अतिरिक्त डाइग्राम्स और ग्राफ के ऐप्लीकेशन से संबंधित प्रश्न भी पूछे जाते हैं और यही कारण है कि सीबीएसई बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा में अर्थशास्त्र विषय की तैयारी आसान नहीं है। इस विषय की मुकम्मल तैयारी के लिए एक अच्छी रणनीति के साथ योजनाबद्ध तरीके से सेल्फ स्टडी की नितांत जरूरत है।
सबसे पहले पाठ्यक्रम को अच्छी तरह जानें

किसी भी विषय की अच्छी तैयारी की रणनीति बनाने के लिए उस विषय का पाठ्यक्रम उसके रोडमैप के रूप में कार्य करता है। इसके अभाव में कोई भी तैयारी मुकम्मल नहीं हो सकती है। इसके लिए विषय के संपूर्ण पाठ्यक्रम से अवगत होना एक महत्वपूर्ण स्टेप होता है। मैक्रो ईकनॉमिक्स और इंडियन ईकॉनमी के सभी यूनिट और चैप्टर्स को अच्छी तरह से समझना जरूरी है। मैक्रो ईकनॉमिक्स में आय और रोजगार सबसे अधिक मार्क्स का चैप्टर है जिससे कुल 12 मार्क्स के प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें 3 अंकों के एक मार्क्स के क्वेशचन पूछे जाते हैं। ये एक अंक वाले प्रश्न कॉम्पिटन्सी बेस्ड प्रश्न होते हैं जो मल्टिपल च्वाइस या थीम बेस्ड क्वेस्शन्स होते हैं। यह चैप्टर कॉन्सेप्टवाइज डिफिकल्ट है। इसमें ‘से’ के बाजार नियम से लेकर एग्रीगेट डिमांड, एग्रीगेट सप्लाइ, आॅटोनमस इनवेस्टमेंट, इंडयूस्ड इनवेस्टमेंट, एमपीसी, एमपीएस, इक्सेस डिमांड, डिफिशएन्ट डिमांड, इनवेस्टमेंट मल्टीप्लाइअर, बैंक रेट, रेपो रेट, सीआरआर, मॉरल स्वैजन, ओपन मार्केट आॅपरेशन, डिस्काउंट रेट इत्यादि से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं।

इसके साथ ही 6 मार्क्स के क्वेशचन के अंतर्गत आय और रोजगार का संतुलन एग्रीगेट डिमांड, एग्रीगेट सप्लाइ या फिर इनवेस्टमेंट और सेविंग के अप्रोच से दशार्ने के लिए पूछा जाता है। कभी-कभी इक्सेस डिमांड और डिफिशन्ट डिमांड की समस्याओं को दूर करने के लिए मॉनिटेरी पॉलिसी या फिस्कल पॉलिसी के विभिन्न उपायों के बारे में भी प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे संबंधित डाइग्रैम की प्रैक्टिस भी काफी महत्वपूर्ण है। इस चैप्टर में 3 मार्क्स के न्यूमेरिकल प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं जो एमपीसी, एमपीएस, इनवेस्टमेंट मल्टप्लाइअर की गणना से संबंधित होते हैं।

इसी पार्ट में ही बजट का चैप्टर होता है जिसका वेटेज 6 मार्क्स का होता है और इसमें 2 प्रश्न मल्टिपल च्वाइस के होते हैं और एक प्रश्न 4 मार्क्स का होता है। बजट के चैप्टर का डिफिकल्टी लेवल काफी कम होता है और यह आसान और हाई स्कोरिंग चैप्टर में गिना जाता है। इसमें मुख्य रूप से बजट घाटे के प्रकार, बजट के विभिन्न कॉमपोनेन्टस जैसे बजट प्राप्ति, बजट व्यय और इसके उद्देश्य से प्रश्न पूछे जाते हैं। केवल थोड़ी मेहनत से इस चैप्टर के प्रश्नों के उत्तर को आसानी से हल किया जा सकता है। मनी और बैंकिंग का चैप्टर भी 6 मार्क्स का होता है और इसका डिफिकल्टी लेवल भी काफी कम होता है। इस चैप्टर में भी मुद्रा की परिभाषा के साथ मनी या फिर कमर्शियल बैंक या रिजर्व बैंक के फंक्शन पूछे जाते हैं। इस चैप्टर में सबसे अधिक रीपीट होनेवाले प्रश्नों मंह कमर्शियल बैंकों के द्वारा क्रेडिट क्रीऐशन की प्रक्रिया का प्रश्न होता है जिसको आसानी से सॉल्व किया जा सकता है।

मैक्रो ईकनामिक्स में ही नैशनल इंकम का चैप्टर 10 मार्क्स का होता है और यह चैप्टर कॉन्सेप्ट वाइज काफी कठिन होता है। इसमें कॉन्सेप्ट आधारित प्रश्नों के अतिरिक्त नयूमेरिकल प्रश्न पूछे जाते हैं जो मुख्य रूप से राष्ट्रीय आय की गणना की तीनों विधियों में से किसी दो विधियों से होता है। राष्ट्रीय आय में विभिन्न प्रकार के लेन झ्र देन को जोड़ा जाता है या नहीं इस प्रकार के प्रश्न भी प्राय: पूछे जाते हैं। इस चैप्टर की बेहतर तैयारी के लिए नैशनल इंकम से रिलेटेड बेसिक कॉन्सेप्टस को अच्छी तरह से आत्मसात करना जरूरी होता है। इसके अभाव में इस चैप्टर की तैयारी अधूरी ही रहती है।

भुगतान संतुलन के चैप्टर से प्रश्नों के उत्तर के लिए कुल 6 मार्क्स होते हैं और यह चैप्टर भी कुल मिलाकर कॉन्सेप्ट बेस्ड होता है। बैलन्स आॅफ पेमेंट के विभिन्न कॉमपोनेन्टस और उनके उदाहरणों को अच्छी तरह से जान लेने पर इस चैप्टर में अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। इस चैप्टर से 4 मार्क्स के नूमेरिकल प्रश्न भी पूछे जाने की संभावना होती है। कुल मिलाकर मैक्रो ईकनामिक्स की अच्छी तैयारी के लिए बेसिक कॉनसेप्टस की अच्छी समझ जरूरी है। साथ ही ऐप्लीकैशन बेस्ड प्रश्नों को भी हल करने के लिए कॉनसेप्टस को बेहतर ढंग से समझना जरूरी होता है। नूमेरिकल प्रश्नों की सघन प्रैक्टिस भी आवश्यक है।

बारहवीं क्लास के ईकनामिक्स में प्रश्न दूसरी पुस्तक इंडियन ईकॉनमी से पूछी जाती है। इस सेक्शन से भी कुल 40 मार्क्स के प्रश्न पूछे जाते हैं जिसमें सबसे अधिक 22 अंकों के प्रश्न करंट चलेंजेज फैसिंग इंडियन ईकानमी सेक्शन से पूछे जाते हैं। इस सेक्शन में मानव पूंजी निर्माण, ग्रामीण विकास, रोजगार और सस्टैनबल डेवलपमेंट से होते हैं। इस सेक्शन से 6 मार्क्स के दो प्रश्न पूछे जाते हैं जो रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकारी उपायों, धारणीय विकास को प्रमोट करनेवाले फैक्टर्स और ग्रामीण विकास के लिए सरकारी उपायों इत्यादि से संबंधित प्रश्न होते हैं। नाबार्ड, सेल्फ हेल्प ग्रुप, पर्यावरण और अन्य क्षेत्रों से भी प्रश्न होते हैं। कुल मिलाकर इस सेक्शन से बहुत ही आसान प्रश्न पूछे जाते हैं और यही कारण है कि इसमें कम मिहनत करके भी अधिक मार्क्स अर्जित किया जा सकता है।

इंडियन ईकानमी वाले सेगमेंट में ही डेवलपमेंट का सेगमेंट होता है जिससे 12 मार्क्स के प्रश्न पूछे जाते हैं। यह सेगमेंट देश की स्वतंत्रता के पूर्व के डेवलपमेंट का इतिहास है तो दूसरी तरफ कृषि के विकास और कृषि नीतियों से रिलेटेड भी प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके साथ ही 1990 के दशक में देश में शुरू किए गए आर्थिक सुधारों के रूप में लिब्रलाइजैशन, प्राइवटाईजैशन और ग्लोबलाइजैशन से भी प्रश्न इसी सेगमेंट में ही होते हैं। इस सेगमेंट में देश की राजनीतिक और आर्थिक इतिहास का संक्षिप्त वर्णन है। देश में 1990 के दशक में आर्थिक सुधार किन परिस्थितियों में की गईं इससे भी प्रश्न पूछे जाते हैं। डिसिनवेस्टमेंट, आउट्सोरसिंग इत्यादि कॉनसेप्टस से भी प्रश्न पूछे जाते हैं।

इस सेगमेंट का लास्ट यूनिट भारत का चीन और पाकिस्तान देशों के साथ विकास के रोड मैप और आर्थिक सुधारों का वर्णन करता है। इस चैप्टर से 6 मार्क्स के प्रश्न पूछे जाते हैं जो मुख्य रूप से भारत का चीन और पाकिस्तान के साथ आर्थिक संबंधों के विश्लेषण से जुड़े होते हैं।

ईकनामिक्स की तैयारी के लिए विशेष टिप्स
अर्थशास्त्र एक सामान्य सब्जेक्ट नहीं है। इसमें गणित, स्टेटिस्टिक्स, हिस्ट्री और पॉलिटिकल साइंस सहित कई विधाओं का मिश्रण है। इस विषय में अच्छा स्कोर करने के लिए स्टूडेंट्स को कुछ बातों पर ध्यान रखना चाहिए।
-अच्छे मार्क्स के लिए आंसर बिल्कुल इग्जैक्ट होने चाहिए।
– वर्ड लिमिट का ध्यान रखें।
-सभी कॉनसेप्टस को अच्छी तरह समझें, रटें नहीं।
-परिभाषा के टर्म्स पर अच्छी तरह से मास्टरी प्राप्त कर लें।
-प्रत्येक चैप्टर में थ्योरी और नियम के स्टैट्मन्ट को भी अच्छी तरह से जान लें।
-मुख्य सूत्रों को याद कर लें और उनके डेरिवैशन को भी अच्छी तरह समझ लें।
-आंसर छोटे पैराग्राफ में लिखें और सारगर्भित लिखें। आंसर को घुमाएं नहीं। जो कहना हो डायरेक्ट कहें।
-जहां आवश्यक हो प्रश्न के जरूरत के हिसाब से डाइग्राम और ग्राफ का अवश्य यूज करें।
-आंसर लिखने में इकनॉमिक्स के टर्म्स का ही यूज करें।
-न्यूमेरिकल प्रश्नों की अच्छी तरह से प्रैक्टिस कर लें। नियमित रूप से मॉक टेस्टस की प्रैक्टिस अवश्य करें।
-पूर्व के पांच वर्षों के प्रश्न पत्रों को सॉल्व करना अच्छा माना जाता है। इससे प्राय: 80 फीसदी परीक्षा की तैयारी हो जाती है।
-कॉन्सेप्ट को रटें नहीं, बल्कि उन्हें समझने की कोशिश करें।
-विशेष घटनाओं के वर्ष और तारीखों को भी याद रखें और जरूरत के मुताबिक उन्हें अपने आंसर में अवश्य यूज करें।
श्रीप्रकाश शर्मा


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