Saturday, July 27, 2024
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राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2022 का किया गया आयोजन

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जनवाणी ब्यूरो |

लखनऊ: कृषि क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस कार्य योजना बनाए जाने की आवश्यकता है। यह बात प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2022 के दौरान कही। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वह अपने जनपद की फसलवार उत्पादकता का आंकलन करें और देखे की किन-किन फसलों की उत्पादकता राष्ट्रीय स्तर और प्रदेश स्तर से कम है।

उनका मुख्य फोकस प्रदेश की उत्पादकता कैसे बढ़े इस पर होना चाहिए। प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर चिन्ता व्यक्त करते हुये उनके द्वारा बताया गया कि प्रदेश में देश की 17 प्रतिशत आबादी के लिए 3 प्रतिशत ही भू-जल उपलब्ध है। जल के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा लांच की गयी अमृत सरोवर योजना का भी उल्लेख किया गया।

राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी- 2022 का आयोजन कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में कृषि निदेशालय के प्रेक्षागृह में किया गया। कृषि निदेशक, उवप्रव द्वारा सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुये प्रदेश की रबी हेतु रणनीति पर चर्चा करते हुये बताया गया कि प्रदेश में बीज एवं खाद की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गयी है।

किसानों को रबी की बुवाई में किसी भी निवेश की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने अधिकारियों को पराली प्रबंधन हेतु किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिये तथा पराली में आग की घटनाओं के प्रति सजग रहने की अपेक्षा की गयी। गोष्ठी में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लगभग 500 किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने इस अवसर पर बताया कि कुल उत्पादन में रबी फसलों का हिस्सा दो तिहाई होता है इसलिए रबी की फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। समय से बुवाई के महत्व के दृष्टिगत उन्होंने किसानों से समय से खेती की तैयारी करने का सुझाव दिया ताकि अधिकतम उत्पादकता प्राप्त की जा सके। जनपद लखनऊ के दो तीन गांवों को चयनित कर इसमें संरक्षित खेती के मॉडल तैयार करने के निर्देश दिये गये। बड़े-बड़े शहरो के पास के गांवों में भी इस तरह के मॉडल बनाने पर बल दिया गया। आमदनी वृद्धि हेतु किसानों को खेती के साथ-साथ खाद्य प्रसंकरण अपनाने की भी आवश्यकता है।

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