जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भाकियू का 18 फरवरी को रेल रोको आंदोलन है। वेस्ट यूपी में किसान रेल रोककर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसका ऐलान भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने किया है। उनके ऐलान के बाद पुलिस-प्रशासन यही तैयारी कर रहा है कि कैसे किसानों को ट्रेन रोकने से रोका जाए? क्योंकि किसान ट्रेन रोकने के लिए अडिग हैं, ऐसे में टकराव के हालात भी बन सकते हैं। पुलिस-प्रशासन ने यदि सख्ती की तो बवाल भी निश्चित है।
कहा जा रहा है कि ट्रेन यात्रियों को भाकियू कार्यकर्ता पानी व शर्बत भी पिलायेंगे। उनका मकसद यात्रियों को परेशान करने का नहीं हैं, बल्कि सरकार के विरोध में यह आंदोलन किया जा रहा है। कृषि कानून के विरोध में यह आंदोलन किया जा रहा है। पूरे भारत में किसानों ने रेल रोको अभियान का ऐलान किया है।
उसी के तहत भाकियू नेताओं व किसानों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है कि कहां-कहां पर किसान ट्रेनों को रोककर विरोध प्रदर्शन करेंगे। किसी भी यात्री से अभद्रता नहीं की जाएगी। इसके लिए भी विशेष हिदायत दी गई।
सिटी स्टेशन, कैंट स्टेशन व दौराला स्टेशन पर भाकियू कार्यकर्ता एक जुलूस की शक्ल में पहुंचेंगे, जहां पर ट्रेन रोककर विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। इसमें तभी टकराव हो सकता है, जब पुलिस प्रशासन ने किसानों को रोकने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस-प्रशासन भी रेल रोको अभियान को रोकने के लिए पूरी तैयारी में जुटा हैं।
मजिस्ट्रेट भी तैनात किये जाएंगे तथा अतिरिक्त फोर्स भी लगाई जाएगी। हालांकि पिछले दिनों हाइवे जाम करने के ऐलान को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने वेस्ट यूपी व उत्तराखंड से वापस ले लिया था। हरियाणा, पंजाब में हाइवे जाम हुए थे, लेकिन वेस्ट यूपी में नहीं। वेस्ट यूपी में इस दौरान हिंसा की संभावनाएं जता दी गई थी, जिसके चलते जाम का ऐलान वापस ले लिया था। अब वैसे ही रेल रोको आंदोलन हैं, जिसमें टकराव के हालात भी बन सकते हैं।