- प्लॉस्टिक मांझे पर बैन के बाद भी नहीं दिखा कोई असर, खूब हुई बिक्री
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर भर में मंगलवार को बसंत पंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह छह बजे से ही लोग पतंगबाजी के लिए अपनी छतों पर जा पहुंचे।
पतंगबाजी इतनी जमकर हुई कि आसमान का रंग-बिरंगा हो उठा। त्योहार के अवसर पर सभी लोगों ने मां सरस्वती की आराधना के साथ दिन की शुरूआत की। इसके बाद दिन भर युवक-युवतियों ने खूब पतंगबाजी की।
वहीं सिर्फ मंगलवार को ही नहीं बल्कि सोमवार रात से ही लोगों ने अपनी छतों पर चढ़कर खूब पतंग उड़ाई। रात के समय में भी एक बजे तक आसामन में पीले और सफेद रंग की पतंगे नजर आर्इं। वहीं रातभर डीजे की धुन पर बड़ों और बच्चों ने खूब धमाल मचाया।
छतों पर ही हुआ पीली तहारी का लंच
लोग पतंगबाजी में इतने मग्न थे कि छतों पर ही पीली तहरी का लंच करते दिखाई दिए। बता दें कि वसंत के दिन पीली तहरी का बनने का काफी पुराना रिवाज है। एक हाथ में पतंग की डोर तो दूसरे हाथ में खाने की थाली लिए लोगों ने आई-बो वो-काटा बोलकर खूब धूम मचाई।
महंगा होने के बावजूद खूब बिका पतंग-मांझा
पिछली बार के मुकाबले इस बसंत पर पतंग और मांझे के रेट परवान चढ़े हुए थे। तीन रुपये में बिकने वाली पतंग चार तो वहीं चार रुपये में बिकने वाली पतंगे छह रुपये बाजारों में मिल रही थी, लेकिन इसके बावजूद पतंगबाजी का क्रेज इतना था कि दुकानदारों की खूब चांदी हुई। वहीं प्लास्टिक के मांझे पर लगे बैन का कोई असर बाजार मेें नहीं दिखाई दिया। प्लास्टिक का मांझा बाजारों में धड़ल्ले से खुलेआम बिका।
बिजली के तारों में उलझा मांझा, खूब हुए फाल्ट
पतंगबाजी के चलते बिजली के तारों में मांझे के उलझने से खूब फाल्ट हुए। जिसके चलते बिजली आती जाती रही। मांझा बिजली के तारों में उलझता रहा और फाल्ट होते रहे। जिस कारण लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।