Saturday, July 27, 2024
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रैपिड: रुड़की रोड पर हुआ रूट डायवर्ट

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  • मेरठ नॉर्थ स्टेशन पर गर्डर की होगी स्थापना, अतिरिक्त ट्रैफिक मार्शल किए गए तैनात

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर निर्माण कार्यों में और तेजी आ गई है। इसी कड़ी में मेरठ नॉर्थ स्टेशन (रुड़की रोड) पर गर्डर की स्थापना के चलते आगामी तीन दिन तक रात में रूट डायवर्ट रहेगा। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार मेरठ नॉर्थ स्टेशन के प्लेटफॉर्म लेवल पर उच्च क्षमता वाली क्रेनों की मदद से गर्डर एरेक्शन का कार्य किया जाएगा। इस कार्य के लिए दो बड़ी क्रेनें रुड़की-दिल्ली रोड पर खड़ी की जाएंगी। इसके चलते यहां बुधवार रात लगभग 12 बजे से रूट डायवर्ट कर दिया गया।

यह रूट डायवर्जन अगले 2 दिन और जारी रहेगा। रूट डायवर्जन रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक किया जाएगा। स्थानीय यातायात पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग से यह रूट डायवर्जन लागू किया जाएगा। इस बीच रुड़की की ओर से आने वाले ट्रैफिक को नेशनल हाइवे पर दिल्ली से रुड़की साइड पर डायवर्ट करके दिल्ली की दिशा में आगे भेजा जाएगा जबकि दिल्ली से रुड़की की ओर आने वाले ट्रैफिक को हाइवे के बराबर में स्थित सर्विस लेन पर डायवर्ट करके रुड़की की दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा।

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इसी तरह ट्रैफिक डायवर्जन के दौरान निर्माण के सभी कार्य बैरिकेडिंग जोन में किए जाएंगे। निर्माण स्थलों के पास यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त ट्रैफिक मार्शल्स तैनात किए गए हैं। इस दौरान निर्माण स्थल के पास उपयुक्त प्रकाश व्यवस्था के लिए लाइटिंग की व्यवस्था की गई है एवं नाइट ब्लिंकर्स भी लगाए गए हैं, ताकि रात में लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े और वे सुरक्षित यात्रा कर सकें।

मेरठ समेत पांच शहरों को वायु गुणवत्ता सुधार के लिए मिलेंगे 255.12 करोड़

मेरठ: उत्तर प्रदेश में नगरीय जीवन गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरण को बेहतर व प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से मेरठ समेत प्रदेश के मिलियन प्लस पांच शहरों को 255.12 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी। इस राशि के उपयोग से वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जन जागरूकता के साथ ही आवश्यक प्रयास भी किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार पिछले नौ वर्षों से भारतीय शहरों को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।

इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वायु प्रदूषण से निपटने, सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने और प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से 15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को अवितरित अनुदानों के वितरण के लिए उत्तर प्रदेश के मिलियन प्लस श्रेणी के पांच शहरों को वित्तीय वर्ष 2023-24 में कोन्स में कमी लाने तथा वायु गुणवत्ता सुधार के दृष्टिगत उच्च प्रदर्शन किए जाने के फलस्वरूप कुल 255.12 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी।

प्रदेश के मिलियन प्लस शहरों में आगरा, कानपुर, वाराणसी, गाजियाबाद और मेरठ को यह धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। धनराशि के प्रयोग से वायु गुणवत्ता सुधार के लिए शहरवासियों में जन जागरूकता उत्पन्न करने, शहरों की सड़कों पर धूल नियंत्रण (पीएम10), प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर नियंत्रण, पौधरोपण और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने जैसे कार्य सम्मिलित होंगे। इस धनराशि के आवंटन से उत्तर प्रदेश के इन शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार होने से पर्यावरण वायु प्रदूषण मुक्त होगा। फलस्वरूप नगरवासियों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण देने के लिए चलायी जा रही केंद्र और राज्य सरकार की मुहिम को बल मिलेगा।

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