- सोशल मीडिया पर बाकायदा ग्राफिक्स के साथ सूची वायरल
- वायरल सूची में दिल्ली से मेरठ का संभावित किराया 90 रुपये बताया
- इसी सूची में रैपिड के अन्य रूटों पर भी संभावित किराया घोषित
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रैपिड ट्रेन देश की पहली सेमी हाईस्पीड टेÑेन है। इसलिए इसके किराए को लेकर भी लोगों में के्रेज बना हुआ है। कुछ लोग अपने स्तर से इसके किराए के कयास लगा रहे हैं। जबकि एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि अभी रैपिड के किराए पर कोई मंथन नहीं चल रहा है, बल्कि यह तो सरकार तय करेगी।
वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से एक ग्राफिक्स नुमा सूची भी वायरल हो रही है जिसमें मेरठ से दिल्ली का संभावित किराया 90 रुपये प्रति यात्री दर्शाया गया है। इस सूची में दिल्ली मेरठ कॉरिडोर के अलावा अन्य प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए भी अभी से किराए को दर्शा दिया गया है।
इस सूची में सराय काले खां से मेरठ तक 90 रुपये के अलावा कश्मीरी गेट से पानीपत तक 100 रुपये व कश्मीरी गेट से अलवर तक 193 संभावित किराया दर्शाया गया है। इन रुटों पर यह एक्सपेक्टेड फेयर लगभग एक रुपये प्रतिकिलोमीटर के हिसाब से दर्शाया गया है। इस ग्राफिक्स में टेÑन की आॅपरेशनल स्पीड 60 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई गई है। जबकि इसकी डिजाइन्ड स्पीड 190 किलोमीटर प्रति घंटा बताई गई है।
किराया तय करना सरकार की जिम्मेदारी: एनसीआरटीसी
इस वायरल सूची को एनसीआरटीसी अधिकारियों ने पूरी तरह से नकार दिया है। मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने इस सूची को पूरी तरह से फेक बताते हुए साफ किया है कि यह ग्राफिक्स कोई आधिकारिक ग्राफिक्स नहीं है और न ही इस ग्राफिक्स का एनसीआरटीसी से कोई लेना देना है।
वहीं, दूसरी ओर एनसीआरटीसी के एक अन्य अधिकारी राजीव चौधरी ने बताया कि अभी किराए को लेकर कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है और किराया तय करना सरकार की जिम्मेदारी है। वहीं, किराया तय करेगी।