- डेयरियों से निकलने वाले गोबर से अटी पड़ीं नालियां पनप रहे मक्खी, मच्छर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम द्वारा ग्रीन मेरठ क्लीन मेरठ के संदर्भ में ढीले-ढाले रवैये व लापरवाही से पूरा शहर वाकिफ है। जिसका सीधा फायदा रिहायशी इलाकों में चल रही अवैध डेयरियां उठा रही हैं। नगर निगम की अनदेखी के चलते शहर में अवैध डेयरियों का संचालन खुलेआम चल रहा है। इससे मेट्रो प्लाजा स्थित कॉलोनीवासियों की परेशानियां दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है। कॉलोनी में रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो गया है।
देवपुरी वार्ड-42 में लगभग 1000 परिवार रहते हैं। इस इलाके में 10 से 12 डेयरी संचालक घरों से डेयरी संचालन का काम करते हैं। जिसके चलते डेरी से निकलने वाले गोबर व पानी से नालियां पटी पड़ी है। सोने पर सुहागा ये कि इस इलाके में स्थित हलवाई की दुकान ने अपने यहां की चिकनाई और बक्खर नालियों में बहाकर लोगों का जीना बद से बदतर कर रखा है। पूरे देवपुरी एवं प्रेमपुरी की नालियां चोक हो गई हैं। घरों के बाहर नालियों में कुंतलों के हिसाब से सुबह-शाम गोबर निकाला जाता है। जिस कारण घरों में दुर्गंध व बीमारियां फैलने से लोग परेशान है।
इस इलाके में कई स्कूल और कोचिंग सेंटर हैं। जिनमें पूरे दिन बच्चों की आवाजाही बनी रहती है। आए दिन सिल्ट के कारण यहां स्कूटी व बाइक स्लिप होने से बच्चे व लोग चोटिल हो रहे हैं। दरअसल, नियमों के तहत नगर निगम के सीमा क्षेत्र में एक भी डेयरी नहीं चलाई जा सकती। ऐसा पाए जाने पर डेयरी संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। जिसमें एक साल की सजा व प्रत्येक पशु पर 1000 के हिसाब से जुर्माने की सजा है। साथ ही कोर्ट द्वारा आदेश भी जारी किया गया था कि शहर में चल रही डेयरियां शहर से बाहर शिफ्ट की जायें ताकि उनका गोबर नालियों में न बहाया जा सके, लेकिन देवपुरी और प्रेमपुरी में इस आदेश की अवहेलना कर दी गई है।
सड़ांध से घरों में हैं कैद
जसविंदर सिंह ने बताया कि गंदगी के कारण घर के सदस्य आये दिन इन्फेक्शन की चपेट में आते हैं। गंदगी और सड़ांध के कारण घर के खिड़की दरवाजों को नहीं खोलते हैं। घरों में कैद और घुटकर रह गये हैं।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी
वार्ड-43 के पार्षद रोहित जैन का कहना है कि पुराने सफाई कर्मचारियों का रिटायरमेंट हो रहा है और नये कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो रही है। नगर आयुक्त और सफाई कर्मचारी को रिपोर्ट दे दी गयी है। मगर समस्या का निस्तारण कब तक हो पाएगा। इस पर वह चुप्पी साधे नजर आये।
देवपुरी प्रकरण संज्ञान में नहीं
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरपाल सिंह का कहना है कि डेयरी वालों के खिलाफ चालान काटकर अब तक 300 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई है। उनका कहना है कि देवपुरी प्रकरण में अब तक उनके पास अभी तक शिकायत नहीं पहुंची है। वहीं, दूसरी ओर डेयरी संचालकों के लिए अलग जगह के विषय में कोर्ट में केस लंबित है।