Wednesday, April 30, 2025
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रिज्यूम राइटिंग एक कला है

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रिज्यूम में उम्मीदवार के आत्मविश्वास और कठिन मेहनत जैसे गुण रिफ्लेक्ट होने चाहिए। इससे भी महत्वपूर्ण जब रिज्यूम में उम्मीदवार का अपने जीवन के निश्चित डोमेन में सफलताओं के शीर्ष पर पहुंचने का सपना दिखता है तो नियोक्ता के लिए उस उम्मीदवार में सबसे उपयुक्त और पसंदीदा एम्प्लोयी चुनने की राहें आसान हो जाती हैं। जॉब सर्च कर रहे उम्मीदवारों के लिए रिज्यूम सर्वाधिक अनिवार्य डॉक्यमेन्ट होता है जिसमें उनके खुद के अपडेटेड प्रोफाइल के अतिरिक्त एजुकेशनल क्वाईफिकेशंस और अन्य स्किल्स की जानकारियाँ होती हैं। रिज्यूम फर्स्ट आइडेंटिटी और फर्स्ट इम्प्रेशन क्रिडेन्शल के रूप में कार्य करता है क्योंकि यह जॉब सर्च के लिए एमपलॉयएर के सामने पहला और सबसे महत्वपूर्ण प्रेजेंटेशन होता है। दैनिक जनवाणी प्रोफाइल

रिज्यूम में वर्क अनुभव और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं होती हैं जो नियोक्ता को रिक्त पद के लिए एक योग्य उम्मीदवार का चयन करने मे सहायता प्रदान करती है। इस दृष्टिकोण से एक रिज्यूम जॉब के पाने के लिए उम्मीदवार का आईना होता है, जिसमें इंटरव्यू बोर्ड के सामने उनका संपूर्ण व्यक्तिव रिफ्लेक्ट होता है। यही कारण है कि रिज्यूम लिखने में काफी सावधानियां बरतनी की जरूरत होती हैं ताकि यह नियोक्ता या इंटरव्यू बोर्ड को प्रभावित कर पाए और अपनी जरूरत के हिसाब से एक योग्यतम उम्मीदवार का चयन कर पाए। एक उत्कृष्ट रिज्यूम से प्रभावित होकर नियोक्ता उम्मीदवार को इंटरव्यू के लिए कॉल करने या जॉब ज्वाइन करने के लिए इन्वाइट करने में देरी नहीं करते हैं। किंतु रिज्यूम राइटिंग का काम आसान नहीं होता है। यह एक प्रोफेशनल कला है जिस पर मास्टरी के लिए निम्न बिंदुओं पर ध्यान देना अनिवार्य होता है –

छोटा रिज्यूम अच्छा रिज्यूम होता है

एक उत्कृष्ट रिज्यूम का सबसे बेसिक रूल यह है कि इसे कन्साइज और शॉर्ट होना चाहिए। इस संबंध में सामान्य नियम यह है कि रिज्यूम एक पेज से अधिक बड़ा नहीं होना चाहिए। वैसे सभी प्रकार के वर्क अनुभव को कवर करने के लिए रिज्यूम को बड़ा कर सकते हैं। लंबे रिज्यूम नीरस होते हैं और नियोक्ता उसे पढ़ने में इन्टरेस्ट नहीं लेते हैं। वैसे इस बारे में सर्वमान्य मान्यता यह है कि रिज्यूम में जॉब से रिलेटेड सभी डिटेल्स को लिखने की जरूरत नहीं है। उसमें केवल हाल के और बहुत ही प्रासंगिक कार्य अनुभव को ही लिखा जाना चाहिए।

जरूरी है बेसिक इनफार्मेशन को शामिल करना

रिज्यूम के माध्यम से एक उम्मीदवार इंटरव्यू बोर्ड या अपने एमपलॉयर्स के समक्ष खुद को सर्वोत्तम रूप में रेप्रिजेन्ट करता है जिसमें वे अपने एजुकेशनल अचीव्मेंट्स के साथ-साथ जॉब स्किल्स और अन्य उपलब्धियों को इन्टरव्यू बोर्ड के समक्ष रखता है। इसलिए एक अच्छा रिज्यूम लिखने के समय में इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि जॉब से रिलेटेड महत्वपूर्ण एजुकेशनल क्वालिफकेशंस, अचीवमेन्टस और रीसेंट वर्क अनुभव अवश्य लिखे जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त एक अच्छे रिज्यूम में कॉन्टैक्ट इनफार्मेशन कॉलम के अंतर्गत अपने मेलिंग एड्रेस के साथ ईमेल एड्रेस और मोबाईल नंबर इत्यादि का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए।

आकर्षक बनाएं अपने अनिवार्य स्किल्स और एक्सपीरियंस को

प्रत्येक जॉब के अपने स्पेसिफिक स्किल्स और वर्क एक्सपीरियंस होते हैं। ऐसी स्थिति में रिज्यूम राइटिंग भी जॉब स्पिेसिफिक जरूर होने चाहिए। एक रिज्यूम को हम कॉमन रूप से सभी प्रकार के जॉब्स के सर्च और इंटरव्यू के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। यही कारण है कि जब आप किसी जॉब के लिए अपने रिज्यूम तैयार कर रहे हों तो उस जॉब से रिलेटेड अनिवार्य स्किल्स, एजुकेशन और वर्क अनुभव को अच्छी तरह से हाईलाइट कर दें। कोई नियोक्ता सभी वर्क अनुभव को पढ़ना प्रेफर नहीं करते हैं और इसीलिए यह जरूरी है कि जॉब से रिलेटेड आवश्यक अनुभव और स्किल्स को हाईलाइट कर दें ताकि नियोक्ता को आपके रिज्यूम को शॉर्टलिस्ट करने में सुविधा हो।

शब्दों के प्रयोग में बरतें सावधानी

कोई भी नियोक्ता सामान्य रूप से किसी जॉब चाहने वाले के रिज्यूम को बड़ी जल्दी से समझना चाहता है और शॉर्टलिस्टिंग या जॉब आॅफर के किसी निर्णय पर पहुंचना चाहता है। इस लिहाज से रिज्यूम के पैराग्राफ जब बड़े और अनावश्यक शब्दों से भरे हुए होते हैं तो फिर उम्मीदवार की एलिजिबिलिटी और सूटेबिलिटी के बारे में विभिन्न फैक्ट्स को समझने में काफी टाइम लग जाता है। ऐसी स्थिति एक उम्मीदवार के लिए लाभदायक नहीं होता है। इसलिए जहां तक संभव हो रिज्यूम लिखने के समय इस बात की कोशिश अवश्य की जानी चाहिए कि सारी सूचनाएं डाइरेक्ट हो, शॉर्ट हो और स्पिसिफिक जॉब से रिलेटेड ही हों।

सोशल मीडिया प्रोफाइल का भी करें यूज

सोशल मीडिया के वर्तमान युग में रिज्यूम राइटिंग और उसके कंटेंट डिस्क्रिप्शन में भी काफी परिवर्तन आए हैं। इनफार्मेशन टेक्नॉलजी के तेजी से विकास के कारण अब सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर ही नियोक्ता अपनी जरूरत के मुताबिक योग्य उम्मीदवारों का सिलेक्शन कर लेते हैं। अनुभवी उम्मीदवार अपने रिज्यूम में प्रोफाइल लिंक्स देते हैं जो एक ईफेक्टिव इम्प्लॉइमन्ट टूल का कार्य करता है।

वे अपने लिंकेडीन प्रोफाइल, ट्विटर अकाउंट, फेसबुक और ब्लॉग के यूआरएल को भी अपने रिज्यूम में शामिल करते हैं, जो एक नियोक्ता को योग्य उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने में काफी सहायता करती है। इन सभी सोशल मीडिया नेटवर्क्स से नियोक्ता को उम्मीदवार के स्ट्रॉंन्ग मार्केटिंग नेटवर्क्स और फ्लूएंट और प्रोफेशनली अप्रूव्ड रिटन और कम्यूनिकेशन स्किल्स का पता लगता है जो उनके जॉब पाने में काफी लाभदायक सिद्ध होता है।

जरूरी है एम्पलॉयमेंट के डोमेन को बारीकी से जानना

साइकोलॉजी का सामान्य-सा नियम यह है कि आप मछली पकड़ने के लिए मछली के चारा की जगह पर काजू और किशमिश का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। यही मनोविज्ञान जीवन में जॉब पाने के लिए अपने स्किल्स, योग्यता और अनुभवों को रिज्यूम में प्रेजेंट करने की स्थिति में लागू होता है। जब रिज्यूम में कंपनी या इंडस्ट्री के द्वारा इस्तेमाल किए गए टर्म्स और कॉनसेप्टस यूज किए जाते हैं तो एमपलॉयर्स को केंडीडेट्स में अपने भावी कर्मचारी की छवि स्पष्ट रूप से नजर आती है। लिहाजा कंपनी के बारे में रिसर्च करने के बाद उससे संबंधित टर्म्स और यूज होने वाले कॉनसेप्टस को रिज्यूम में यूज करना अच्छा माना जात है।

प्रूफरीडिंग भी है बहुत जरूरी

मीडिया की तरह ही प्रूफरीडिंग का अर्थ एडिटिंग करना होता है और यह रिज्यूम राइटिंग का एक अहम हिस्सा होता है। इसके अंतर्गत रिज्यूम के कंटेन्ट में विभिन्न प्रकार की गलतियों का पता लगाया जाता है और उसे करेक्ट किया जाता है। स्पेलिंग मिस्टैक से लेकर ग्रैमर की अशुद्धियों को दूर करना भी प्रूफ रीडिंग के अंतर्गत ही आता है। फॉर्मैटिंग और हेडिंग की गलतियों को भी प्रूफरीडिंग के माध्यम से दूर किया जा सकता है। अशुद्धियों के साथ और बिना प्रूफरीडिंग के जब रिज्यूम को इंटरव्यू बोर्ड या एमपलॉयएर को प्रेजेंट किया जाता है तो इसका प्रभाव ऋणात्मक होता है और हम जॉब पाने से वंचित रह जाते हैं।

एक अच्छा रिज्यूम तैयार करते समय निम्न बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए 

  •  अपने रिज्यूम को शॉर्ट रखें और अपनी बातों को घुमा-फिराकर नहीं कहें।
  •  अनिवार्य स्किल्स, योग्यताओं और इक्स्पिरीअन्सिज को प्रमुखता दें ।
  •  एक अच्छा और प्रोफेशनल टेम्पलेट यूज करें।
  •  सुंदर और सटीक भाषा का प्रयोग भी जरूरी है।
  • अपने रिज्यूम की एडिटिंग अवश्य करें। इसके अंतर्गत स्पेलिंग, ग्रैमर और कंटेन्ट इनफार्मेशन के मिस्टेक्स को दूर किया जा सकता है।
  • आप जिस पोस्ट के लिए अप्लाई कर रहे हैं, अपने रिज्यूम को उसके मुताबिक ही तैयार करें।
  • रिज्यूम में अनावश्यक व्यक्तिगत जानकारियां नहीं दें। हॉबी इत्यादि मेंशन करने के प्रचलन पुराने हो चुके हैं।
  • ईमानदार बनें और अपनी काबिलियत और अचीवमेन्टस को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं लिखें।
  • बिल्कुल करेक्ट ईमेल और कॉन्टैक्ट नंबर का उपयोग करें।
  • रेफ्रन्स नंबर भी आवश्यक नहीं होता है और इसलिए इसे रिज्यूम में नहीं दें।

दो-तीन वाक्यों में अपने सबसे महत्वपूर्ण स्किल्स, अचीवमेन्टस और एजुकेशनल उपलब्धियां को रिज्यूम समरी या कॅरियर आॅब्जेक्टिव के कॉलम के अंतर्गत अवश्य शामिल किया जाना चाहिए। इसमें अपने कॅरियर लक्ष्य और खुद को आनेवाले पांच या दस वर्षों को कहां देखना चाहते हैं, उन सब बातों को भी लिखा जा सकता है।
                                                                                                                    श्रीप्रकाश शर्मा


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