जनवाणी संवाददाता |
चांदपुर: रोडवेज कर्मचारियों ने रोडवेज के निजीकरण के विरोध में नगर स्थित डिपो परिसर में धरना प्रदर्शन कर 5 सूत्री मांगों का ज्ञापन सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को सौंपा। प्रदर्शनकारी कर्मचारी रोडवेज का निजीकरण बंद किए जाने के साथ ही संविदा पर रखे चालक परिचालकों को नियमित किए जाने की मांग कर रहे थे।
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के तत्वाधान में रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार द्वारा रोडवेज को निजी हाथों में सौंपा जाने का विरोध शुरू कर दिया है। बुधवार को कर्मचारियों ने नगर स्थित रोडवेज डिपो परिसर में विरोध प्रदर्शन करते हुए रोडवेज का निजीकरण बंद किए जाने के साथ ही रोडवेज को पूर्व की भारतीय राजकीय घोषित किए जाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि रोडवेज की बसें यातायात का सबसे सुगम साधन है।
रोडवेज कर्मचारी दिन रात मेहनत कर कर यात्रियों को सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। सरकार रोडवेज को निजी हाथों में सौंप कर रोडवेज में काम कर रहे कर्मचारियों का भविष्य चौपट करने पर तुली है। वक्ताओं ने रोडवेज का निजीकरण बंद किए जाने के साथ ही रोडवेज को पूर्व की भांति राजकीय घोषित किए जाने तथा लंबे समय से संविदा पर कार्य कर रहे चालकों व परिचालकों को नियमित किए जाने की मांग की।
कर्मचारियों ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो संयुक्त परिषद के तत्वाधान में कर्मचारी बड़ा आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इस दौरान प्रदर्शनकारी कर्मचारियों द्वारा परिवहन मंत्री के साथ ही उच्चाधिकारियों के नाम 5 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को सौंपा गया। प्रदर्शनकारियों में नरेश कुमार, वीरेंद्र सिंह, राकेश कुमार, रवि सैनी, चेतन स्वरूप, राजकुमार, अनूप सिंह, अमित कुमार खेमचंद, जितेंद्र सिंह, जतिन कुमार, अजय पाल सिंह, राजेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।