जनवाणी संवाददाता |
बिनौली: ग्वालीखेड़ा के श्री दादू बलराम संस्कृत महाविद्यालय में रविवार को विद्यालय का 72 वॉ वार्षिकोत्सव समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर हुए संस्कृत सम्मेलन में मुख्य अतिथि बागपत सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान ने कहा संस्कारों को जीवित रखने के लिए संस्कृत शिक्षा बहुत जरूरी हैं।
उन्होंने कहा देववाणी संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषा हैं। संस्कृत पढ़ने वाले बच्चे चरित्रवान, ज्ञानवान और संस्कारवान होते हैं। इससे पहले व्यायाम शिक्षक कृष्णपाल आर्य के निर्देशन में ब्रह्मचारियों ने शारीरिक, योग क्रियाओं और लाठी, फरसा, तलवार, भाला चलाने की कला का प्रदर्शन किया। प्रबंधक महंत डॉ. साधुराम स्वामी, प्राचार्य आचार्य ललित शास्त्री ने समारोह आये अतिथियों को शॉल उढ़ाकर सम्मानित कर उनका आभार प्रकट किया। संचालन आचार्य अमरेश शास्त्री, सतेंद्र मोघा ने संयुक्तरूप से किया। पूर्व जिलाध्यक्ष सूरजपाल गुर्जर, प्रदीप ठाकुर, ब्रजपाल सिंह शास्त्री, विक्रांत जावला, गरीब दास महाराज, सागर शास्त्री, श्रवणदास स्वामी, ज्ञानेंद्र शर्मा, अमित तंवर, राजीव आदि उपस्थित रहे।