- स्टाफ की कमी से जूझ रही सरधना सीएचसी
- अस्पताल आने वाले मरीजों को उठानी पड़ रही परेशानी
- 12 की जगह तीन चिकित्सकों पर पूरे अस्पताल का भार
- पांच में महज दो महिला चिकित्सक तैनात
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: मरीजों के इलाज का दम भरने वाली सरधना सीएचसी खुद स्टाफ की कमी से जूझ रही है। अस्पताल चिकित्सकों से लेकर तमाम स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है। जिसके चलते अस्पताल आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालत यह है कि जहां दर्जनभर चिकित्सकों की आवश्यकता है, वहीं महज तीन डॉक्टर पूरे अस्पताल का भार संभाले हुए हैं।
महिला चिकित्सकों में भी पांच की जगह दो डॉक्टर ही जैसे तैसे गाड़ी धकेल रहे हैं। इसके अलावा अन्य स्टाफ की बात करते तो आवश्यकता के सापेक्ष आधे कर्मचारी भी सीएचसी में तैनात नहीं हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ तो लंबे समय से नसीब ही नहीं हुआ है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएचसी आने वाले मरीजों को किस स्तर की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं मिल पा रही होंगी।
सरधना एक बड़ा कस्बा है। यहां सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सीएचसी बनी हुई है। जिसके अंडर में आसपास के 50 से अधिक गांव आते हैं। यानी लाखों की आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा सरधना सीएचसी पर है। मरीजों के इलाज को बनी सीएचसी लंबे समय से स्टाफ की भारी कमी से जूझ रही है। चिकित्सक से लेकर नर्स, वार्ड ब्वॉय, स्वीपर आदि के अधिकांश पद खाली पड़े हैं। वैसे तो अस्पताल में नियमानुसार 12 चिकित्सक तैनात होने चाहिए। जिनमें बाल रोग, स्त्री रोग, नेत्र रोग आदि के चिकित्सक शामिल हैं।
मगर वर्तमान में यहां चार चिकित्सक तैनात हैं। उसमें भी एक चिकित्सक को लापरवाही बरतने पर हटा दिया गया है। यानी अब महज तीन चिकित्सकों के कंधों पर पूरे अस्पताल का भार है। महिला चिकित्सक के रूप में भी दो डॉक्टर तैनात है, जबकि यहां कम से कम पांच चिकित्सकों की जरूरत है। इसके अलावा फार्मेसिस्ट, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वॉय, स्वीपर आदि पदों का भी यही हाल है। आवश्यकता के अनुसार स्टाफ आधे से भी कम है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल आने वाले मरीजों को किस स्तर की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं मिल पा रही होंगी।
सीएचसी में आधे से भी कम स्टाफ
- सीएचसी में 12 चिकित्सक की जगह 4 की तैनाती
- 5 महिला चिकित्सकों की जगह 2 की तैनाती
- 4 फार्मोसिस्ट की जगह 2 की तैनाती
- 16 स्टाफ नर्स की जगह 4 की तैनाती
- 6 वार्ड ब्वॉय की जगह 3 की तैनाती
- 4 स्वीपर की जगह 1 की तैनाती
नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं हुआ नसीब
सरधना सीएचसी में आंखों के मरीजों के इलाज की कोई सुविधा नहीं है। सीएचसी में लंबे समय से कोई नेत्र रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं हुई है। जिसके चलते आंखों के मरीजों को जेब ढीली करके निजी अस्पतालों में आंखों का इलाज कराना पड़ रहा है। इसके अलावा आर्थोपेटिक व फिजिशियन भी तैनात नहीं हैं।
अल्ट्रासाउंड की नहीं सुविधा
सरधना सीएचसी में अल्ट्रासाउंड मशीन तो है। मगर मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल रही है। क्योंकि मशीन को चलाने के लिए रेडियोलोजिस्ट नहीं है। ऐसे में मरीजों को बाहर अल्ट्रासाउंड कराने पड़ते हैं।
आज शुरू नहीं हुई लिफ्ट
सरधना सीएचसी के महिला विंग का करबी सात वर्ष पूर्व निर्माण हुआ था। बिल्डिंग को तमाम सुविधाओं से लैस किया गया था। बाकायदा मरीजों को पहली व दूसरी मंजिल ले जाने के लिए लिफ्ट की व्यवस्था की गई थी। मगर आज तक महिला विंग में लगी लिफ्ट चालू नहीं हो सकी है। जिसके चलते मरीजों व तिमारदारों को सीढ़ी चढ़कर जाना पड़ता है।