Friday, March 29, 2024
HomeUttar Pradesh NewsMeerutविद्यालयों के पास नहीं अपनी बिल्डिंग

विद्यालयों के पास नहीं अपनी बिल्डिंग

- Advertisement -
  • कैसे होगा पौधरोपण? शहरी क्षेत्र में कुल 129 विद्यालय है, इनमें से 32 विद्यालयों के पास बिल्ंिडग ही नहीं
  • पौधरोपण के लिए हर विद्यालय में पांच पेड़ लगाना अनिवार्य, नींबू व सहजन के पौधों को प्राथमिकता

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सरकारी विद्यालयों में बरसात के मौसम से पहले पौधरोपण कार्यक्रम चलाने के आदेश आए हैं। इनमें प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय शामिल है, लेकिन पौधरोपण कार्यक्रम उन विद्यालयों में कैसे पूरा होगा? जिनके पास अपनी बिल्ंिडगे तक नहीं है। ऐसे में इस कार्यक्रम को चलाने के लिए सरकार द्वारा पैसे खर्च करने का उद्देश्य क्या है? यह बड़ा सवाल है।

शिक्षा निदेशक (बेसिक) डा. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने 24 जून को एक पत्र जारी किया है। जिसमें प्रदेश के सभी बेसिक विद्यालयों में पौधरोपण कार्यक्रम चलाने के आदेश हैं। आदेश में प्रत्येक स्कूल में विद्यालय वाटिका तैयार करने की बात कही गई है। जिसमें अमरूद, आम, पपीता, अनार, करौंदा, बेल, कटहल, आंवला व गुलाब के पौधे लगाने हैं, लेकिन मेरठ में ही बड़ी संख्या में ऐसे सरकारी विद्यालय है। जिनके पास अपन बिल्ंिडग नहीं है।

 

08 26ऐसे में इन विद्यालयों में किस तरह पौधरोपण कार्यक्रम पूरा होगा। पौधरोपण कार्यक्रम के पीछे सरकार का उद्देश्य यह होता है कि इससे न केवल पर्यावरण को बचाया जा सकता है, बल्कि सहजन की फली की सब्जी व नींबू के पौधों से विद्यालय वाटिका की बाउंड्री की जा सके, लेकिन सरकार हर साल लाखों रुपये इस कार्यक्रम पर खर्च करती है, मगर इसका लाभ बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालयों को नहीं मिल पाता है।

जिनके पास अपनी बिल्ंिडग नहीं है। जबकि पूरे प्रदेश में इस तरह के विद्यालयों की संख्या अच्छी-खासी है। एबीएसए शहरी क्षेत्र एसपी सिंह का कहना है कि कार्यक्रम तो आया है, लेकिन शहर में जिन विद्यालयों की अपनी बिल्ंिडगें नहीं है। उनमें इसे नहीं चलाया जा सकता। इनकी जगह दूसरे ऐसे विद्यालयों में ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे, जिनमें जगह है। जिन विद्यालयों के पास अपनी बिल्ंिडगे नहीं है, उनमें पौधरोपण कार्यक्रम नहीं चलेगा।

प्राथमिक विद्यालय जाटव गेट

यह विद्यालय सालों से तीन कमरों में चल रहा है, जो ऊपरी मंजिल पर स्थित है। इस विद्यालय के पास अपनी बिल्ंिडग नहीं है, किसी तरह कक्षा एक से पांच तक के छात्रों को शिक्षा दी जा रही है। अब शासन द्वारा जारी किए गए पौधरोपण कार्यक्रम को कैसे पूरा किया जाएगा कोई नहीं जानता।

प्राथमिक पाठशाला कन्या सरायलाल दास

इस विद्यालय की बिल्ंिडग ध्वस्त हो चुकी है, स्कूल की छात्राओं को किसी दूसरी जगह शिक्षा दी जा रही है। जिस जगह शिक्षा देने की बात कही जा रही है उस विद्यालय के पास भी अपनी बिल्ंिडग नहीं है। ऐसे में किन परिस्थितियों में पौधरोपण कार्यक्रम को पूरा किया जाएगा।

लाला लाजपतराय स्मारक विद्यापीठ

मेडिकल कॉलेज कैंपस में स्थित यह विद्यालय भी केवल चार कमरों में चल रहा है। सभी कमरे मेडिकल कॉलेज के है, जबकि विद्यालय के पास अपनी बिल्ंिडग नहीं है। दो कमरों में विद्यालय का कार्यालय बना है। जबकि बाकी के दो कमरों में पहली से पांचवीं तक के छात्रों को शिक्षा दी जा रही है। ऐसे में विद्यालय के पास अपनी बिल्ंिडग नहीं होने किस तरह पौधरोपण कार्यक्रम चलाया जाएगा।

प्राथमिक विद्यालय मोहनपुरी

यह विद्यालय एक ही कमरे में चल रहा था, लेकिन बिल्ंिडग की हालत खराब होने पर इसे रामानुज अनाथ आश्रम में शिफ्ट कर दिया गया है। आश्रम में भी विद्यालय दो ऊपरी मंंंजिल के कमरों में चल रहा है। ऐसे में पौधरोपण कार्यक्रम को अमली जामा कैसे पहनाया जाएगा यह बड़ा सवाल है।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments