- दशकों से अनवरत जारी है, गोमती नदी का भीषण कटाव
- बाढ़ न आने पर भी बरसात में जलस्तर बढ़ते ही धारा का तेज वेग मचाती है तबाही
- कई गांव हैं कटाव के निशाने पर, शासन प्रशासन से उठता जा रहा है लोगों का भरोसा
पाठक पुरवा गांव का वजूद ही ख़त्म हो चुका है, वहां के निवासी सेवरा में जा बसे हैं। जज्जौर एवं बगीवा गांव का आधा भाग नदी का कटाव निगल गया। गांव निवासी जहां तहां ठिकाना बनाकर बेहाल जिंदगी गुजारने पर मजबूर हैं। घर, खेत, खलिहान और बाग—बगीचे समेत भरी गृहस्थी गंवाने वालों को झूठी सहानुभूति और कोरा आश्वासन ही मिला। सैकड़ों एकड़ जमीन लगातार कटान की भेंट चढ़ती जा रही है।
जनवाणी संवाददाता |
सुल्तानपुर: जिले के विकासखंड धनपतगंज अंतर्गत दो ग्राम सभाओ में लगातार गोमती नदी की भीषण विनाशलीला जारी है। जहां एक तरफ किसानों के जीविकोपार्जन वाली सैकड़ों एकड़ जमीन लगातार कटाव की भेंट चढ़ती जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर स्थानीय निवासी अपना घर, खेत और हरी भरी गृहस्थी गंवाने पर मजबूर हैं।
पाठक पुरवा गांव का वजूद मिट गया है। राम दयाल पाठक, गोपी नाथ पाठक, विद्या पाठक, वासुदेव पांडेय, सालिक राम पांडेय समेत अनेक निवासी, सेवरा गांव एवं अन्यत्र ठिकाना बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं। बगीवा गांव और जज्जौर का आधा हिस्सा नदी में समा गया, यहां के निवासी रामदेव यादव, देवनाथ यादव, लालबहादुर रैदास, रंजीत यादव समेत दर्जनों ग्रामीण जहां तहां रहकर गुजर बसर कर रहे हैं।
जज्जौर के मौजूदा ग्राम प्रधान श्रवण कुमार यादव के अनुसार बार-बार प्रशासन को अवगत कराते रहने के बावजूद समस्या का कोई समुचित समाधान नहीं हो सका है। स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि 2008 की भारी तबाही के बाद बाढ़ प्रखंड के अवर अभियंता चिंतामणि शर्मा एवं विनय कुमार सिंह ने प्रभावित इलाके का सर्वे करके नदी का कटाव रोकने हेतु तटबंध बनाने का आश्वासन देते हुए कहा था कि कार्य योजना का प्रारूप प्रदेश सरकार को भेजा जा रहा है। जल्द ही तटबंध का कार्य शुरू होगा, किंतु अभी तक हुआ कुछ नहीं।
स्थानीय निवासी मनोज कुमार दूबे का कहना है कि पूर्व विधायक सूर्यभान सिंह ने दो वर्ष पूर्व कटाव प्रभावित गांवों का दौरा किया था और कटाव रोकने हेतु ठोस कदम उठाने की बात कही थी किंतु नतीजा शून्य रहा। चुनाव के दौरान बड़ी—बड़ी बातें करने वाले नेता चुनाव खत्म होने पर नजर नहीं आते। जज्जौर, बगीवा अमऊ, शुकुलान समेत कई गांव कटान के निशाने पर हैं।
नदी में मामूली जलस्तर बढ़ते ही तीव्र कटाव शुरू हो जाता है और लोगों में भय व्याप्त हो जाता है। अमऊ जासर पुर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राम नयन मिश्रा का कहना है कि तीन माह पूर्व बाढ़ प्रखंड के अधिकारियों द्वारा तटबंध की कवायद शुरू की गई थी। जिन किसानों की जमीन में तटबंध बनना था उनकी एनओसी की प्रक्रिया पूरी करके प्रशासन को दी जा चुकी है, लेकिन अब पता चल रहा है कि बाढ़ न आने की बात कहकर प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया है जबकि कटाव लगातार जारी है।
जय प्रकाश दूबे ने बताया कोलिया गांव निवासी गोमती यादव के दरवाजे तक आ पहुंचे गोमती नदी कटाव से पूरा गांव हलकान है। वर्तमान विधायक विनोद सिंह की पहल पर नदी के तटबंध और पैंटून पुल के लिए प्रशासन सक्रिय हुआ था। लेकिन, अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। जबकि तमाम प्रशानिक प्रक्रिया शुरू होने से ग्रामीणों को नई रोशनी नजर आने लगी थी, परंतु तमाम उम्मीदें निराशा में बदल चुकी हैं।