- एनएच-58 जाम हवाले, नासूर बनता जा रहा है खड़ौली तिराहा
- महानगर के तमाम प्रमुख इलाके रहे जाम की चपेट में, सैकड़ों वाहन फंसे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एनएच-58 को जाम मुक्त करने के लिए खड़ौली में मस्जिद को पीछे हटवाया गया। मुआवजा भी दिया, लेकिन वर्तमान में ठेले और ट्रकों ने जाम की समस्या पैदा कर दी हैं। दुकानों का रोड वाइडिंग में निर्माण कर दिया, जिन पर कोई कार्रवाई प्राधिकरण ने नहीं की। यही नहीं, एनएचएआई भी आंखें मूंदे हुए हैं।
इन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही हैं। नोटिस एनएचएआई ने भेजे थे, जो एक तरह से खानापूर्ति वाले नोटिस साबित हो रहे हैं। आखिर रोड वाइडिंग में निर्माण करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही हैं? इसके लिए सीधे जवाबदेही एनएचएआई की हैं। आखिर इसमें एनएचएआई की क्या लाचारी है कि अवैध निर्माणकर्ताओं पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं।
रविवार को शादियों का साया हल्का ही था, इसके बावजूद खड़ौली में हाइवे जाम था। जाम की समस्या यहां नासूर बन गई हैं। हाइवे के अलावा भी पूरा महानगर शाम के वक्त जाम की चपेट में रहा। सबसे बुरा हाल वाया मेरठ दिल्ली देहरादून हाइवे यानि एनएच-58 का रहा। बाइपास को जाम के हवाले कर पुलिव वाले गायब थे। महानगर के तमाम प्रमुख इलाके और सड़कें खासतौर से दिल्ली रोड, गढ़ रोड मवाना रोड कमिश्नर आवास वाला चौराहा, पुराना हापुड़ स्टैंड चौराहा व कमेला तिराहा, रुड़की रोड़ कंकरखेड़ा व रोहटा रोड सरीखे तमाम इलाके शाम के वक्त जाम के शिकंज में फंसकर रह गए।
इन दिनों शादियों के साए चल रहे हैं, लेकिन रविवार की यदि बात की जाए तो विवाह शादियों का साया हल्का ही रहा। बाईपास समेत पूरे महानगर में जिनमें दिल्ली रोड, गढ़ रोड, हापुड़ रोड, बागपत रोड आदि पर मेन रोड पर ही विवाह मंडप बने हुए हैं। इनमें से ज्यादातर विवाह मंडपों की अपनी खुद की पार्किंग नहीं हैं। यहां होने वाली विवाह शादी समारोह में वाहन पार्किंग के लिए आमतौर पर सड़क का इस्तेमाल किया जाता है। इन तमाम विवाह मंडपों में कुछ ही रविवार को शादियों की बुकिंग थी बाकियों में केवल लाइटें की डेकोरेशन भर थी।
शादियों का साया हलका होने के बावजूद रविवार की शाम को पूरे महानगर में यदि जाम की बात करें तो जबरदस्त जाम की चपेट में शहर के लोग थे। बेगमपुल जीरो माइल्स चौराहे से रुड़की रोड वाया मोदीपुरम की ओर जाने वाले रास्ते पर जगह-जगह जाम लगा था। मोदीपुरम फ्लाई ओवर के नीचे चक्का जाम के हालात थे। इससे हाइवे पर चले तो हाइवे पर कैलाशी हास्पिटल से जाम लगना शुरू हो गया।
यह रोहटा रोड रहा। रोहटा रोड फ्लाई ओवर पर पहुंचे तो वहां के हालात बद से बदतर नजर आए। यहां से निकलकर बागपत रोड फ्लाई ओवर तक पहुंचना मुसीबत का सबब बन गया। इस दौरान हालात इतने खराब थे कि जाम की वजह से कई वाहन टकराने भी गए। बागपत रोड फ्लाई ओवर के नीचे पहुंचे तो वहां भी जाम में फंसे वाहन अपनी बारी के आने का इंतजार कर रहे थे।
अवैध कट बने मुसीबत
हाइवे के अवैध कट सारे फसाद या कहें जाम लगने की असली वजह हैं। इन अवैध का असर कंकरखेड़ा फ्लाई ओवर पार करने के बाद दिखना शुरू हो जाता है। हाइवे पर श्रद्धापुरी के सामने दो पहिया वाहन सड़क के इस पार से दूसरी पार जाने के लिए इन्हीं अवैध कट का इस्तेमाल करते हैं। पैदल यात्रियों के यहां फुट ओवर ब्रिज बनाया हुआ है, लेकिन पैदल चलने वालों को लगता है कि उस पर चढ़ने की जहमत उठाना गंवारा नहीं।
यहां से कुछ आगे चलेंगे तो लाला मोहम्मदपुर के सामने भी अवैध कट मुसीबत बना हुआ है। यहां भी सड़क के इस ओर से दूसरी ओर जाने वाले डिवाइडर पर दो पहिया वाहन कुदाते देखे जा कसते हैं। रोहटा फ्लाई ओवर पार करने के बाद खड़ौली तिराहे का अवैध कट की हालत पूरे हाइवे पर बद से बदतर बनी हुई है। यहां अवैध कट से बाइक व स्कूटी कुदाने वालों की तादाद सबसे ज्यादा है। यहां से निकला इतना आसान नहीं होता।
बाकी शहर भी बदहाल
हाइवे पर ही केवल जाम नहीं लगता। रविवार की शाम को तो पूरा शहर ही जाम की चपेट में नजर आया। गढ़ रोड व हापुड़ रोड पर शादी के साये ज्यादा न होने के बाद भी जाम लगा रहा। यहां वाहन बजाए दौड़ने के रेंगते हुए नजर आए। शाम के वक्त दिल्ली रोड पर जाना तो किसी मुसीबत को दाबत देने सरीखा है। यहां एक तो रैपिड रेल का काम दूसरे टीपीनगर की ओर से दिल्ली रोड की ओर जाने वाला हल्का भारी ट्रैफिक, जाम की आग में घी डालने का काम करता है।
परतापुर फ्लाई ओवर पार करते तक ऐसे ही हालात बने रहते हैं। शहर के जिन इलाकों का यहां जिक्र किया गया है, वहां लगाने वाले जाम का साइड इफैक्ट महानगर के बाकी इलाकों पर भी पड़ता है। जाम से फंसने से बचने के लिए लोग दूसरे इलाकोें को बाईपास के रूप में प्रयोग करते हैं, इससे वहां भी जाम लग जाता है। आबूलेन, बोम्बे बाजार, सदर कबाड़ी बाजार में शायद इसी वजह से रविवार की शाम भारी जाम लगा हुआ था।
पुलिस गायब
जहां-जहां जाम लगा था, वहां रविवार की शाम पुलिस नजर नहीं आ रही थी। हाइवे पर जो लोग जाम में फंसे थे उनकी नजरें पुलिस वालों को तलाश रही थीं कि शायद संकट मोचन बनकर पुलिस वाले आ जाएं और जाम के शिकंजे में फंसी उनकी गाड़ियों को किसी तरह यहां से निकाल दें, लेकिन पुलिस वाले थे कि कहीं नजर ही नहीं आ रहे थे।
शादियों के साए और रविवार
- इन दिनों शादियों के साए चल रहे हैं। इसके अलावा रविवार को दिन वैसे भी लोग जो घूमने के लिए गए होते हैं वो लौट रहे होते हैं, इसकी वजह से कुछ स्थानों जाम के हालात बन गए हों। वैसे तमाम चौराहों पर ट्रैफिक स्टाफ मुस्तैद रहता है।
-जितेन्द्र श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक