- शहर की सड़कों के जाम के झाम से दिलाओ निजात
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर के बीचोंबीच भूमिया पुल के चौराहे पर लगने वाला जाम आज की समस्या नहीं। बल्कि वर्षों पुरानी आमजन समस्या है। जिस पर ट्रैफिक पुलिस ने आज तक इस चौराहे पर लगने वाले जाम के लिए कोई ठोस यातायात प्लान नहीं बनाया। यही वजह है कि आसपास और दूरदराज से आने वाले लोग रोज सुबह से शाम तक जाम में फंसकर रह जाते हैं। चौराहे पर लगने वाला भीषण जाम आये दिन लोगों के लिए मुसीबत बना है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस है कि इस ओर से आंखें मूंदे हैं।
हापुड़ अड्डे चौराहे पर 100 मीटर के दायरे में ई-रिक्शा और थ्री व्हीलर के लिए नो जोन घोषित होने के बाद रूट डायवर्जन की स्थिति से भूमिया पुल चौराहे पर जाम की स्थिति अब ओर भी विकट हो गई है। ज्यादातर ई-रिक्शा और आॅटो हापुड़ अड्डे चौराहे की ओर न जाकर इस्लामाबाद चौकी से बांये तरफ गोलाकुआं की ओर से निकलते हैं। वहां से कुछ ई-रिक्शा लिसाड़ी गेट रोड से होकर भूमिया पुल चौराहे पर जाकर जाम की स्थिति उत्पन्न कर देते हैं। इस तरह चौराहे पर सुबह से ही ई-रिक्शा और आॅटो व अन्य चौपहिया वाहनों के चलते जाम लगना शुरू हो जाता है।
भूमिया पुल चौराहे पर जाम की समस्या के बारे में लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रशीद नगर नूर नगर वाली सड़क पर भूमिया पुल चौराहे से ही सड़कों के किनारे सब्जी के ठेले, फल के ठेलों का जमावड़ा लगा रहता है। यही वजह है कि दुपहिया और चौपहिया वाहनों का निकलना दूर्भर हो जाता है। इसी तरह भूमिया पुल चौराहे से कोतवाली क्षेत्र बनियापाड़ा पुलिस चौकी की ओर जाने वाले रास्ते पर भी दुकानदारों द्वारा किया गया अतिक्रमण रोजमर्रा जाम के लिए समस्या बना हुआ है। वहीं भूमिया पुल चौराहे से नाले की ओर सद्दीक नगर से कांच के पुल की ओर निकलने वाले मार्ग पर भी अतिक्रमण की समस्या ई-रिक्शाओं और आॅटो का बेतरबीब संचालन चौराहे पर लगने वाले जाम के लिए मुसीबत है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षों से प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस भूमिया पुल चौराहे पर लगने वाले जाम से लोगों को निजात दिला पानें में पूरी तरह विफल साबित हुआ है। कई बार तो घंटों जाम में फं सी एंबुलेंस में भी मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते। जिसके चलते उन्होंने बीच में ही देरी की वजह से दम तोड़ दिया। कई बार गर्भवती महिलाओं को इस जाम के चलते प्रसूति में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
तीन-तीन लाइनों में चलते हैं ई-रिक्शा
डा. खालिद का कहना है कि यहां तो जाम की समस्या ऐसी है कि बच्चे स्कूल से छुट्टी होने के बाद तीन बजे के बाद घर पहुंचते हैं। चौराहे पर घंटों जाम में फंसे रहते हैं। ई-रिक्शा तीन तीन लाइनों में चलते हैं। सड़कों पर ठेले वालों का अतिक्रमण है।
कट मारकर आगे निकलते हैं ई-रिक्शा
डा. यूनुस खान का कहना है कि अनरजिस्टर्ड ई-रिक्शा और आॅटो का संचालन ही जाम की समस्या है। कट मारकर ई-रिक्शा आगे निकलते हैं तो यातायात अवरुद्ध हो जाता है। रेगुलर मॉनिटरिंग की जरूरत है। चौराहे पर यातायात की स्थिति बेहद खराब है।
जाम के लिए सिस्टम जिम्मेदार
सलमा खान का कहना है कि राष्टÑीय उपाध्यक्ष प्रोगेसिव हृयूमन डवलपमेंट सोसाइटी-यातायात की स्थिति के लिए सिस्टम ही जिम्मेदार है। पब्लिक की गलती नहीं हैं। जब हम पब्लिक को बतायेंगे नहीं, समझायेंगे नहीं। तब तक व्यवस्था नहीं सुधरेगी। जहां ठेले वाले रेहड़ी वाले खड़े हैं। उन्हें नही हटावाना चाहते हैं। जिस दिन सिस्टम सही हो जायेगा। उसी दिन सब सही हो जायेगा।
शहर की सड़कों पर अतिक्रमण की भरमार
अब्दुल मतीन का कहना है कि दुकानों के आगे सब्जी, फल के ठेले खड़ कर देते हैं। दुकानदार इनसे रुपये लेता है। सड़कों पर अतिक्रमण की वजह से जाम लगता है।