- शहर में जाम का झाम: जाम से मुक्ति पाने को बना बाइपास खुद ही भीषण जाम की चपेट में
- महानगर के तमाम प्रमुख बाजार और चौराहों पर दिन भर लगता है भयंकर जाम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एसपी ट्रैफिक बदले हैं, लेकिन शहर में जाम की स्थिति की यदि बात की जाए तो उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। महानगर के तमाम प्रमुख चौराहों व बाजारों में अभी भी वाहन बजाय चलने के रेंगते नजर आते हैं। सबसे हैरानी तो बाइपास पर लगने वाले जाम को लेकर होती है।
शहर को बाहरी वाहनों से बाहर से बाहर निकालकर जाम से मुक्ति दिलाने के नाम पर बनाया गया बाइपास खुद भी जाम की चपेट में रहता है। आज न तो शादियों का बहुत ज्यादा साया है और न ही कोई जुलूस या जलसा इसके बाद भी बाइपास का मोदीपुरम, कंकरखेड़ा व खड़ौली के इलाके में सुबह से लेकर रात 9 बजे तक कई बार जाम लगा।
नहीं बदला स्टाफ का रवैया
एसपी ट्रैफिक के बदले जाने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि महानगर का बेपटरी यातायात कुछ दिन के लिए ही सही, लेकिन पटरी पर आ सकेगा, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं हुआ। शहर को जो यातायात पहले भी बेपटरी था वो अभी भी बेपटरी ही है। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के रवैये में किसी प्रकार का सुधार हुआ हो ऐसा बिलकुल नजर नहीं आ रहा है। बल्कि अब पहले से ज्यादा बुरे हालात नजर आते हैं। शहर के तमाम प्रमुख चौराहे अभी भी जाम की चपेट में हैं।
प्रमुख इलाके जहां लगता है भयंकर जाम
- बेगम चौराहा
यहां बेतरकीब खड़ी की जाने वाली ई रिक्शाओं की वजह से दिन भर जाम सरीखे हालात रहते हैं। कई बार तो पीएल शर्मा रोड की ओर जाना दुश्वार हो जाता है। दूसरे वाहन चालक भले ही कितने ही हौरन बजाते रहें, लेकिन ई-रिक्शा चालकों को वो हौरन सुनाई नहीं देते।
- लालकुर्ती पैंठ एरिया
इस इलाके में थाना पुलिस व कैंट बोर्ड के संरक्षण में खडेÞ होने वाले ठेलों के चलते सुबह 9 बजे से देर शाम तक जाम सरीखे हालात रहते हैं। दो दिन मंगलवार व शनिवार को तो हालात इतने ज्यादा खबरा होते हैं कि यहां से पैदल भी नहीं निकल सकते।
- घंटाघर क्षेत्र
देहलीगेट का घंटाघर इलाका जिसमें अहमद रोड, जलीकोठी, वैली बाजार, लाला का बाजार, शहर सराफा बाजार आदि शामिल है, यहां अक्सर ई-रिक्शाओं की वजह से जाम लगा रहता है। खैर नगर व कोटला इलाकों में स्थिति सबसे ज्यादा खराब होती है।
- गोला कुआं इलाका
लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र का गोला कुआं व भूमिया का पुल लिसाड़ी रोड इलाका भी दिन भर जाम के श्राप से पीड़ित नजर जाता है। इन इलाकों में जाम तो दिन भर नजर आ जाएगा, लेकिन पुलिस वाले कभी कभार ही नजर आते हैं। हापुड़ स्टैंड चौराहे को उसके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया गया है।
- केसरगंज इलाका
रेलवे रोड थाना क्षेत्र का केसरगंज ओर ईदगाह इलाके का दिल्ली रोड वाला हिस्सा भी दिन भर जाम की चपेट में रहता है। इन इलाके में भी सारे फसाद व मुसीबत की जड़ ई-रिक्शा को ही माना जाता है, हालांकि रेलवे रोड थाना पुलिस की सफाई है कि रैपिड रेल प्रोजेक्ट की वजह से दिल्ली रोड बंद कर दिए जाने के कारण रेलवे रोड थाना क्षेत्रों में वाहनों का प्रेशर अधिक है, जिनकी वजह से यहां जाम लगा रहता है।
- वीरबाला पथ
बेगमपुल से सटा छावनी का वीरबाला पथ इलाका भी सुबह से देर शाम तक जाम की चपेट में रहता है। यहां जाम की वजह ई-रिक्शाओं के अलावा पुराना आटो स्टैंड है। इसी रास्ते पर जितने भी कार गैराज हैं उनके यहां सर्विस के लिए आने वाली तमाम गाड़ियां बजाय गैराज के रोड पर ही खड़ी कर साफ की जाती हैं। वीरबाला पथ को लेकर ना तो कैंट बोर्ड अफसर न ही थाना पुलिस नींद से जागने को तैयार हैं।
एसपी ट्रैफिक ने खुद संभाला मोर्चा
शहर के यातायात के लिए मुसीबत साबित हो रहे ई-रिक्शाओं से निपटने के लिए सोमवार दोपहर को एसपी ट्रैफिक रावेंद्र कुमार मिश्रा खुद सड़कों पर उतर गए। पूरे शहर में उन्होंने खुद हालात का जायजा लिया। शहर के बेहद भीड़ वाले इलाकों में सबसे अव्वल हापुड़ स्टैंड चौराहे पर वह काफी देर तक रुके रहे। उन्होंने खुद ई-रिक्शाओं की चेकिंग की और जो ई-रिक्शा अवैध चल रहे थे, उनको सीज कराया।
एसपी ट्रैफिक के सड़कों उतरने व अवैध ई-रिक्शाओं के खिलाफ उनके अभियान के बाद पूरे शहर के ई-रिक्शा चालकों में हड़कंप मच गया। हापुड़ स्टैंड पर अभियान के दौरान जो ई-रिक्शा चालक मौजूद थे, उन्होंने अपने साथियों को काल कर अपनी गाड़ी को हापुड़ स्टैंड चौराहे की ओर ना लाने की सलाह दी। इसका नुकसान उन सवारियों को उठाना पड़ जो हापुड़ रोड की ओर जाने के लिए ई-रिक्शाओं में बैठ गयी थीं।
इनके चालकों ने सवारियोें को बची रास्ते उतारा और अपनी गाड़ी लेकर निकल गए। कुछ देर बार हापुड़ स्टैंड चौराहे की ओर ई-रिक्शा आनी एकाएक बंद हो गयीं। वहीं, दूसरी ओर एसपी ट्रैफिक ने सोमवार को पूरे शहर के यातायात का मुआयना किया। साथ ही उन्होंने फील्ड स्टाफ को हिदायत दी कि कहीं भी जाम नहीं लगना चाहिए। जो भी जाम का कारण बने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।