जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पएनसीआरटीसी ने दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर सराय काले खां स्टेशन को जंगपुरा स्टेबलिंग यार्ड से कनेक्ट करने के लिए बनाए जा रहे वायडक्ट के लिए बारापुला फ्लाईओवर पर 200 टन 4 गार्डर्स वाले स्टील स्पैन को सफलतापूर्वक स्थापित किया।
एनसीआरटीसी की टीम ने इस प्रक्रिया को प्रशासन, लोक निर्माण विभाग और ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से पूर्ण किया, जिसके लिए एनसीआरटीसी द्वारा सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई और उत्कृष्ट समन्वय के साथ इस कार्य को पूर्ण किया गया। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि 2025 तक पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को आम जनता के लिए संचालित कर दिया जाए।
वर्तमान में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ नमो भारत स्टेशन के बीच 55 किमी के खंड में 11 स्टेशनों पर नमो भारत ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। कॉरिडोर पर दिल्ली में सराय काले खां और न्यू अशोक नगर के बीच का 4.5 किलोमीटर का हिस्सा एक महत्वपूर्ण सेक्शन है, जिसे अगले चरण में परिचालित करने के लिए तैयार किया जा रहा है। गत 13 अप्रैल से इस हिस्से में ट्रायल रन किए जा रहे हैं। नमो भारत कॉरिडोर पर चलने वाली ट्रेनों को खड़ा करने के लिए सराय काले खां स्टेशन से कुछ ही दूरी पर जंगपुरा स्टेबलिंग यार्ड बनाया जा रहा है, जिसके लिए सराय काले खां स्टेशन से वायडक्ट का निर्माण किया जा रहा है।
नमो भारत कॉरिडोर के एलिवेटेड सेक्शन में वायाडक्ट के निर्माण के लिए एनसीआरटीसी आमतौर पर औसतन 34 मीटर की दूरी पर पिलर निर्माण करता है। इस लोकेशन पर भूतल पर एक नाला बह रहा है, जिसके समानांतर बारापुला फ्लाईओवर स्थित है। यहां नमो भारत कॉरिडोर नाले और बारापुला फ्लाईओवर दोनों को एक ही जगह पर पार कर रहा है। इसी को पार करने के लिए 4 गार्डर वाला स्टील स्पैन बनाया गया है। इन स्टील गार्डर्स की लंबाई 40 मीटर (प्रत्येक) है और वजन 50 टन (प्रत्येक) है।
इन 4 स्टील गार्डर्स को 2 स्टेज लिफ्टिंग प्रक्रिया के जरिए उच्च क्षमता वाली 3 क्रेन्स की मदद से स्थापित किया गया। यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे टीम ने रात के समय निरंतर प्रयास से पूर्ण किया। नीचे बहता नाला और उसके ऊपर बारापुला फ्लाईओवर होने की वजह से यहां पर स्टील स्पैन्स को क्रेन से उठाकर सीधा निर्धारित पिलर्स पर रखना था, इसलिए यहां बारापुला फ्लाईओवर की एक साइड में दो क्रेनों की मदद से स्टील गार्डर्स को एक-एक करके जमीन से उठाकर पहले बारापुला फ्लाईओवर पर बनी सड़क पर रखा गया। इसके बाद फ्लाईओवर के दोनों ओर खड़ी क्रेनों की मदद से गार्डरों का एक-एक सिरा दोनों तरफ से उठाकर निर्धारित पिलर्स पर एक-एक करके स्थापित किया गया।