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जनपद में डेंगू की प्रभावी रोकथाम के लिए रणनीति तैयार

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जनपद में डेंगू की प्रभावी रोकथाम के लिए रणनीति तैयार
  • चिकित्सालयों में औषधियों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध
  • जारी किये गये कन्ट्रोल रूम हेल्पलाइन नम्बर के साथ चिकित्सकों के नम्बर

जनवाणी संवाददाता |

सहारनपुर: शासन के आदेशों एवं जिलाधिकारी अखिलेश सिंह द्वारा जनपद में डेंगू की प्रभावी रोकथाम के लिए निर्देशों के अनुपालन में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संजीव मांगलिक ने अवगत कराया कि जनपद में पूर्व में कोविड-19 रोग के प्रबंधन हेतु जनपद स्तरीय चिकित्सालयों को कोविड-19 रोगियों हेतु वार्ड बेड्स विकसित एवं सुसज्जित किये गये थे।

जो वर्तमान में रिक्त है। जनपद में डेंगू की रोकथाम के लिए फतेहपुर चिकित्सालय बनाया गया है। डेंगू चिकित्सालय में फिजिशियन एवं चाइल्ड स्पेशलिस्ट को नामित किया गया। वर्तमान में डेंगू रोगियों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। इन चिकित्सालयों में चिकित्साधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गयी है।

डेंगू चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों के उपचार हेतु पर्याप्त मात्रा में औषधिया, ओ0आर0एस0 तथा आई0वी0 फ्लूड्स की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। डेंगू चिकित्सालय फतेहपुर में डा0 मुकेश कुमार को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी बनाया गया है। जिनका मोबाइल न0-9410295002 है।

डेंगू चिकित्सालय को ब्लड बैंक और प्रयोगशाला से भी जोडा गया है जिससे डेंगू रोगियों को समय पर प्लेटलेट्स उपलब्ध कराई जा सकें। वंही उनकी डेंगू जांच के लिये सैंपल आसानी से प्रयोगशाला को भेजा जा सकता है और समय से जॉच रिपेार्ट प्राप्त की जा सकेगी।

जनपद में बनाये गये इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम द्वारा डेंगू अस्पताल में प्रतिदिन भर्ती होने वाले व डिस्चार्ज होने वाले रोगियों की संख्या, कुल कितने रोगी अस्पताल में भर्ती है और अभी कितने बेड खाली है, का अपडेट किया जायेगा।

डेंगू मरीजों के स्वजन प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम हेल्पलाईन नंबर 18001805145 एवं 140 पर संपर्क कर मदद ले सकते है तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय एपिडेमिक कन्ट्रोल रूम 01322716204 बनाया गया है।

नोडल अधिकारी वैक्टर बोर्न शिवांका गौड ने जानकारी दी कि डेंगू, मलेरिया एवं चिकुनगुनिया इत्यादि संक्रामक रोगों के बचाव एवं रोकथाम करने हेतु कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। संक्रामक रोग डेंगू, मलेरिया एवं चिकुनगुनिया इत्यादि रोगों की पुष्टि होने पर ग्राम प्रधान, आशा, आंगनवाडी के द्वारा सोर्स रिडक्सन जल से भरे स्रोत, नालियों में साप्ताहिक एण्टीलार्वा का छिड़काव व गांव में फांगिंग करायी जा रही है।

ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी हेतु जन-जागरण के लिये प्रचार-प्रसार, प्रधान वी0एच0एस0एन0सी0 के माध्यम से संक्रामक रोग, दिमागी बुखार के रोकथाम हेतु ‘‘ क्या करें क्या न करें‘‘ का सघन प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। स्वास्थ्य शिक्षा के अर्न्तगत ‘‘क्या करे क्या न करें‘‘ की जानकारी दी गयी।

तेज बुखार होने पर पैरासीटामोल की गोली ले सकते हैं अथवा ठण्डे पानी से शरीर को पौछें तथा अपने नजदीकी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर अपनी जांच करायें। डेंगू, मलेरिया इत्यादि सभी जाचें सरकारी अस्पतला, मेडिकल कालेज में निःशुल्क की जा रही है।

क्या करे:-

  • मच्छरों के काटने से बचें मच्छरदानी, मच्छर, अगरबत्ती या कॉयल वगैरह का प्रयोग करें। पूरे आस्तीन की कमीज, फुल पैट मोजे पहनें।
  • डेंगू के उपचार के लिऐ कोई खास दवा अथवा बचाव के लिऐ केाई वैक्सीन नही है, औषधियों का सेवन चिकित्सक की सलाह से करें।
  • गम्भीर मामलों के लक्षण जैसे खून आना होने पर चिकित्सालय में फौरन सम्पर्क करें।
  • डेंगू रोगी मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।
  • पीने के लिए इंडिया मार्का हैण्ड पम्प के पानी का प्रयोग करें। पानी हमेशा ढक कर रखें। छिछला हैण्ड पम्प के पानी को खाने पीने में प्रयोग न करें।
  • रात्रि में सेाते समय मच्छरदानी एवं मच्छरों से बचने की क्रीम एवं तेल का उपयोग करें।

क्या न करे:-

  • एस्पीरिन अथवा स्टीरोएड आदि दवाओं का प्रयोग कभी न करें।
  •  घर के बर्तन कुलर ,पानी की टंकी, घरों के आस-पास पडे टायर लोहे व प्लास्टिक के बर्तनों में पानी न इकटठा न होने दें। क्योंकि डेंगू के मच्छर इन्ही में पनपते हैं तथा दिन में काटतें हैं। पानी के बर्तनों आदि को सप्ताह में एक बार सुखाकर ही पुनः उपयोग में लायें।
  •  बेहोशी व झटके की स्थिति में मरीज के मुंह में कुछ भी नही डालें।
  •  झोला छाप डाक्टरों के पास ना जायें।
  •  घर के आस पास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।
  •  इधर-उधर कूडा-कचरा व गंदगी न फेलायें।
  •  खुले मैदान या खेतों में शौच न करें।