जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के तिरूमाला में हुए लड्डू विवाद में बड़ा आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि,उच्चतम न्यायालय ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद के रूप में परोसे जाने वाले प्रसाद में पशु की चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच पड़ताल के लिए अब नई स्वतंत्र एसआईटी यानि विशेष जांच दल गठित करने का आदेश दिया है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, एसआईटी में सीबीआई के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और एफएसएसएआई का एक वरिष्ठ अधिकारी होगा। सीबीआई निदेशक एसआईटी जांच की निगरानी करेंगे।
आरोप में कोई भी सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है
दरअसल, इससे पहले हुई सुनवाई में केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अगर आरोप में कोई भी सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एसआईटी की निगरानी किसी वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी की ओर से की जाए, इससे लोगों में भरोसा बढ़ेगा। एसजी ने कहा कि देश भर में भक्त हैं, खाद्य सुरक्षा भी है। मुझे एसआईटी के सदस्यों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली।
एक स्वतंत्र एसआईटी बनाई जाए: सुप्रीम कोर्ट
वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि एक स्वतंत्र एसआईटी बनाई जाए। इसमें सीबीआई और राज्य सरकार से दो-दो सदस्य रह सकते हैं। इसके अलाव FSSAI से भी एक सदस्य को इस समिति में रखा जाए। खाद्य पदार्थों की जांच के मामले में FSSAI सबसे विशेषज्ञ शीर्ष निकाय है।
आगे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल है। ऐसे में वह नहीं चाहता कि यह राजनीतिक ड्रामा बन जाए। अगर एक स्वतंत्र निकाय होगा, तो विश्वास पैदा होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया कि यदि कोई बात हो तो आप जांच लंबित रहने तक फिर से न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
कल क्यों नहीं हो पाई थी सुनवाई?
पहले इस मामले की सुनवाई गुरुवार दोपहर 3:30 बजे होनी थी। तब मेहता ने जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा था कि यदि आप अनुमति दें तो क्या मैं शुक्रवार सुबह 10:30 बजे जवाब दे सकता हूं? पीठ ने अनुरोध को स्वीकार कर लिया और कहा कि वह शुक्रवार को मामले में सुनवाई करेगी।