Thursday, April 25, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई टाली, पढ़िए- पूरी खबर

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) को निर्देश दिया है कि घरेलू हिंसा कानून, 2005 (प्रोटेक्शन ऑफ वीमन फ्रॉम डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट, 2005) के तहत अब तक दर्ज मामलों के बारे में जानकारी दे।

जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा कि इस बारे में नालसा राज्यों के विधिक सेवा प्राधिकरणों को प्रश्नावली भेजकर जरूरी सूचना मांग सकता है। पीठ ने कहा, इस कानून के तहत अब तक दर्ज और लंबित केसों और कितने मामलों में संरक्षा अधिकारी और शेल्टर होम्स की सेवाएं ली गई, इसकी जानकारी इस अदालत को उपलब्ध कराने का निर्देश हम नालसा को देते हैं।

केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने पीठ को बताया कि महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा सोची गई मिशन शक्ति परियोजना एवं कानून एवं न्याय मंत्रालय के तहत आने वाली अन्य परियोजनाएं गठन के स्तर पर हैं। भाटी ने कहा कि मिशन शक्ति को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई है। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई 20 जुलाई तक के लिए टाल दी है।

शीर्ष कोर्ट पूरे देश में घरेलू हिंसा पीड़ित महिलाओं को प्रभावी कानूनी सहायता उपलब्ध कराने और उनके लिए शेल्टर होम का पूरे देश में बुनियादी ढांचा बनाने की मांग को लेकर ‘वी द वीमन ऑफ इंडिया’ की दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

फरवरी में शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार से हलफनामा दायर कर यह बताने के लिए कहा कि इस कानून के तहत विभिन्न राज्यों के प्रयासों में मदद करने वाले केंद्रीय कार्यक्रमों और योजनाओं की जानकारी दी। इसके तहत वित्तीय मदद, वित्तीय मदद के लिए शर्तें और मौजूदा नियंत्रण मशीनरी की जानकारी मांगी गई थी। केंद्र सरकार से राज्यों में दर्ज मामलों, अदालतों की संख्या और संरक्षा अधिकारियों की संख्या की जानकारी भी मांगी गई थी।

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