जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए रविवार को जनपद में मतगणना चली। देर शाम से नतीजे भी घोषित होना प्रारंभ कर दिये गए। नजीते सिर्फ ग्राम प्रधान, बीडीसी, ग्राम पंचायत सदस्य पदों के लिए हुए। जिला पंचायत सदस्य के लिए देर रात में ही रिजल्ट संभव हो सकते हैं।
हालांकि, मतगणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के निर्देश हवा-हवाई साबित रहे हैं। सुबह जैसे ही मतगणना स्थल पर एंट्री पाने के लिए प्रत्याशियों के एजेंटों की लंबी कतार लग गई थी, जहां पर सोशल डिस्टिंसेगिं का प्रयोग ही पुलिस-प्रशासन नहीं करा पाया।
कई मतगणना स्थलों पर सुप्रीम कोई के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़Þी। आखिर इसके लिए जवाबदेही किसकी हैं? यही नहीं, सरधना मतगणना स्थल पर चार एआरओ कोरोना पॉजिटिव निकले गए, जिसके बाद तो हड़कंप मच गया। यही नहीं, कई मतगणना स्थल पर जांच के दौरान कई लोगों को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आयी है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि नियमों का पालन ड्यूटी पर तैनात लोगों के अलावा सभी संबंधित लोगों द्वारा किया जाएगा। इसमें किसी तरह का अपवाद नहीं होगा। मतगणना केंद्रों और आसपास के इलाके में मतगणना चलने और नतीजे घोषित होने तक सख्त कर्फ्यू लागू रहेगा, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ मतगणना स्थलों के आसपास लोगों की भीड़ लगी रही। बता दें, कोर्ट ने कहा था कि सुनिश्चित किया जाएगा कि सिर्फ उम्मीदवारों और अधिकृत एजेंट ही मतगणना केंद्र जाएं।
वहां किसी तरह की भीड़-भाड़ नहीं होगी। जीत के जुलूस या मतगणना के दौरान जुलूस निकालने की इजाजत नहीं होगी। इसके बावजूद लोग जीत के जश्न में डूब गए। गांवों में निकल रहे जुलूसों को पुलिस-प्रशासन नहीं रोक पाया, जिसके बाद स्थिति और भी भयानक हो सकती है।
एडीजी सब्बरवाल, डीएम के. बालाजी व एसएसपी अजय साहनी समेत तमाम अधिकारी भी मतगणना स्थलों का निरीक्षण करने के लिए निकले। अधिकारी निरीक्षण करते रहे, मगर सोशल डिस्टिंसेगिं का पालन ही नहीं करा सके।