श्वेता चौहान |
दिवाली जहां एक तरफ सभी का जीवन खुशियों से भर देने वाला त्योहार है, वहीं बीमारी झेलने वाले लोगों के लिए परेशानी खड़ी करने वाला भी। ऐसे लोगों को त्योहारों के मौके पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए जिससे आगे चलकर उनकी समस्याएं न बढ़ें।
दिवाली के समय भीड़भाड़ और शोर की वजह से दिल की बीमारी जैसे-हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को अधिक खतरा रहता है। बीते कुछ सालों से कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के मामले देखने को मिले हैं, ऐसे में पटाखों और लोगों से के शोर से कमजोर दिल के लोगों को दूरी बनाए रखने की जरूरत है।
बचाव के तरीके
-अपनी दवाएं रेगुलर समय पर लें और सांस में या सीने में किसी भी तरह की दिक्कत हो तो उसे अनदेखा न करें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
-तेज आवाज से बचने के लिए कमरे के अंदर रहकर खिड़की और दरवाजे अच्छे से बंद कर लें।
-अपने खाने में विशेष सावधानी बरतते हुए कम सोडियम और शुगर वाला खाना लें। अगर वह लो फैट का खाना हो तो और भी बेहतर।
अस्थमा अटैक
नवंबर या दिसंबर के आसपास त्योहारों के साथ पराली जलाने की घटनाएं आदि की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ने लगता है। यह मौसम अस्थमा के मरीजों के लिए किसी बड़े जोखिम से कम नहीं। प्रदूषित कण फेफड़ों को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं और यही वो समय है जब अस्थमा अटैक के केस भी बढ़ने लगते हैं।
बचाव के तरीके
-सांस से जुड़ी परेशानी वाले मरीज जहां तक संभव हो घर के अंदर ही रहें।
-यदि किस कारण से बाहर निकलना पड़ जाए तो मास्क पहनना बिलकुल न भूलें।
-डॉक्टर की सलाह लेकर समय-समय पर नेबुलाइजेशन लेते रहें और इन्हेलर को हमेशा अपने पास रखें।
डायबिटीज
त्योहारों के समय में खाने-पीने पर कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल होता है, फिर डायबिटीज के लिए तो यह और भी बड़ी चुनौती वाला समय है। ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से रोकने के लिए इन्हें अपने कुछ जरूरी एहतियात जरूरत बरतने चाहिए।
बचाव के तरीके
-फेस्टिवल से पहले ही अपने खाने की पूरी प्लानिंग कर लें ताकि स्वाद भी बरकरार रहे और हेल्थ भी।
-कम कैलोरी वाली चीजें ही खाने में शामिल करें और शुगर वाली मिठाइयों, डिब्बाबंद और फ्राई चीजों से दूरी बनाए रखें।
-पानी बराबर पीते रहें जिससे मीठे की क्रेविंग कम होगी।
-खाने के बीच लंबा गैप न रखते हुए प्रोटीन, फाइबर और गुड कार्ब्स वाला खाना ही खाएं।
गर्भावस्था
महिलाओं के जीवन में प्रेगनेंसी एक ऐसी स्टेज है जिस समय उनके शरीर में कई तरह में बदलाव होते हैं। ये बदलाव एक हेल्दी शिशु के लिए बहुत जरूरी है। दिवाली जैसे त्योहारों में प्रेगनेंट महिलाओं को भी विशेष सावधानी की जरूरत होती है।
बचाव के तरीके
-पटाखों के धुएं और शोर के सीधे संपर्क में आने से बचें क्योंकि यह शिशु के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है।
मिठाइयों के अधिक सेवन से प्रेगनेंसी में डायबिटीज होने का खतरा रहता है, जिससे प्री टर्म बर्थ की समस्या पैदा हो सकती है।
-त्योहारों के भागदौड़ में अपने आराम से किसी भी तरह का समझौता न करें।