- निरपुड़ा के इस होनहार छात्र ने नवरात्र में साझी बनाकर जुटाया खर्च
जनवाणी संवाददाता |
दाहा: गरीबी में प्रतिभाएं छिपी रह जाती हैं। संसाधन वाले अपनी प्रतिभाओं को पटल पर ले आते हैं। लेकिन, कई बार निर्धन प्रतिभा वहीं दबकर दम तोड़ देती है।
निरपुड़ा गांव का एक होनहार इंटरमीडिएट उत्तीर्ण छात्र इसी गरीबी के कारण बीएफए में प्रवेश नहीं ले पाया है। उसके पास इसके लिए रुपये नहीं हैं। अब उसने किसी तरह से इस प्रतिभा को नवरात्र में सांझी बनाकर निखारा। इससे उसकी कलाकारी सबके सामने भी आई और एक सप्ताह का खाने का काम भी चल गया।
यह हैं निरपुड़ा गांव निवासी संदीप कुमार उपाध्याय पुत्र चरण सिंह। उसकी आयु 22 वर्ष है। उसकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा अपने पैतृक गांव से करने के बाद टीकरी के इंटर हरचंदमल जैन इंटर कॉलेज से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद हाल ही बीए फाइनल इयर का छात्र है। अब बीएफए का कोर्स करना चहता है।
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण नहीं कर पा रहा है। संदीप उपाध्याय ने बताया कि कौन नहीं चाहता कि वह अपने माता-पिता को बुढ़ापे में सुख न दे। उसके मन में भी यही इच्छा है। लेकिन, अब उसे दिख नहीं रहा कि वह उन्हें कुछ सुख दे पाएगा। वह चाहता था कि उसे यदि बीएफए में प्रवेश में मिल जाए तो वह अपनी प्रतिभा को ऊंचे स्तर तक दिखा सकता है। लेकिन, उसके सामने गरीबी आड़े आ रही है।
उसके पिता मजदूरी करके किसी तरह से काम चला रहे हैं। यदि उसे भी उसकी प्रतिभा को दिखाने का मौका न मिला तो पेट भरने के लिए उसे भी मजदूर ही बनना पड़ेगा। उसने बताया कि नवरात्र में सांझी की जरूरत होती है। गांव में ही उसने इस कार्य को शुरु किया। देवी के विभिन्न प्रतिरूप बना रहा है।
उसे इससे जो भी मिलता है। उसे अपने माता-पिता व अन्य सदस्यों पर खर्च कर देता है। उसने बताया कि उसने एक देवी की कलाकृति बनाई। इसको बनाने में उसे 15 दिन का समय लगा है। अपनी पढ़ाई के लिए उसे यह कलाकृति कुछ ऊंचे दामों में बेचने की इच्छा है। इसे बड़े ही मन लगाकर बनाया है। इसके बेचने से जो रुपये मिलेंगे। इससे अपनी पढ़ाई व घर का खर्चा वहन करना पड़ेगा।