Wednesday, September 18, 2024
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टैंक के तेल का खेल, निगम के अधिकारी मौन

  • पेट्रोल पंप संचालक ने नहीं दिखाया, कोर्ट से तेल पंप सुचारू रूप से संचालित करने का कोई अग्रिम आदेश

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कलक्ट्रेट से चंद कदम की दूरी पर स्थित पेट्रोल पंप को अवैध रूप से संचालित होने के मामले में बुधवार को खबर प्रकाशित होने के बाद भी पेट्रोल पंप तो रोजमर्रा की तरह से खुला,अखिर खुलता भी क्यों न जब पेट्रोल पंप संचालक ने कोर्ट से 1 लाख से अधिक पेट्रोल टैंक के अंदर बताते हुये उसे खाली करने मात्र के लिये अनुमति जो हासिल की हुई है।

जिसकी आड़ में वह करीब तीन महीने से उसी अनुमति से हर रोज भारी मात्रा में पेट्रोल डीजल टैंक में भरता है और उसकी बिक्री करता है। वहीं बुधवार को पीड़ित ने इस मामले में फिर से अधिकारियों से शिकायत की। जिसकी शिकायत पर अधिकारी भी मौन हो गये। सहायक अपर नगरायुक्त ने एक बार तो पेट्रोल पंप संचालक का पक्ष मजबूती से रखा कि उनके पास सामान्य रूप से पेट्रोल पंप संचालित करने की अनुमति है।

माधवपुरम निवासी दीपांकर शर्मा के द्वारा कलक्ट्रेट से चंद कदम की दूरी पर जो पेट्रोल पंप 1951 से से संचालित हो रहा है। उसके गलत तरीक से संचालित होने की शिकायत नगर निगम के साथ तमाम अधिकारियों से की। जिसमें कार्रवाई नहीं होने पर उसने डीएम व कमिश्नर को शिकायत की। जिसमें दीपांकर शर्मा ने बताया कि उन्हे जानकारी हुई की नगर निगम से मात्र पांच वर्षों के लिये उस भूमि को लीज पर लिया गया था। जिस पर पेट्रोल पंप संचालित हो रहा है।

पांच वर्षों के बाद पेट्रोल पंप संचालित करने की जगह को नगर निगम से लीज पर लेना रिकार्ड में नहीं दिखाया गया। वहीं पेटोलियम विभाग से केवल करीब 25 हजार लीटर तेल दोनो टैंकों में रखने की अनुमति प्राप्त की। जिसमें एक टैंक में 16000 लीटर व दूसरे टैंक में 11000 लीटर तेल रखने की अनुमति 31 दिसंबर 2025 तक के लिये प्राप्त कर ली, लेकिन दीपांकर के द्वारा की गई शिकायतों की जांच में पेट्रोल पंप का संचालन गलत तरीके से होना पाया गया।

जिसके बाद निगम द्वारा पेट्रोल पंप को सील कर दिया, लेकिन पेट्रोल पंप संचालक मैमर्स बसंतलाल बैनीप्रसाद द्वारा पार्टनर सरला देवी ईस्टर्न कचहरी रोड नगर निगम के द्वारा लगाई गई सील के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया। उसने दोनों टेंकों में एक लाख लीटर से अधिक तेल बताते हुये उसे निकालने की अनुमति मांगी। जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुये आदेश जारी किया कि पेट्रोल पंप की सील केवल पेट्रोल के टैंकों में भरे तेल को निकालने के लिये दी जा रही है।

नया तेल न तो टैंक में भरा जायेगा और न ही उसकी बिक्री हो सकेगी। जिसके बाद पेट्रोल पंप संचालक ने उसी अनुमति को आधार बनाकर नगर निगम के अधिकारियों से मिलीभगत कर खुलेआम पेट्रोल पंप का संचालन शुरू कर दिया। जिसकी शिकायत मंगलवार 14 मार्च 2023 को भी दीपांकर ने नगरायुक्त अमित पाल शर्मा को शिकायती पत्र देते हुये की।

वहीं इस संबंध में मीडिया कर्मी ने पेट्रोल पंप पर संपर्क किया तो पेट्रोल पंप संचालक वहां पर मिले और उन्होंने पहले तो दीपांकर के सभी आरोपों को नकार दिया। जब उनसे पेट्रोल पंप संचालन की अनुमति के कोर्ट या नगर निगम से कोई आदेश हैं तो उसे दिखाने को कहा तो उन्होंने बताया कि उनका मैनेजर प्रवीण ही इस संबंध में कुछ बता सकता है। उन्होंने प्रवीण का मोबाइल नंबर भी दिया न तो पेट्रोल पंप संचालक ही कोई पेट्रोल पंप के संचालन का अनुमति पत्र दिखा सके।

वहीं न ही मैनेजर प्रवीण जानकारी दे सका। दीपांकर ने गलत तरीके से संचालित होने की बात के साथ टैंक के खेल के बारे में जो जानकारी दी। उसे लेकर नगर निगम के अधिकारी भी सकते में आ गये और मानो मौन साध गये। पेट्रोलियम विभाग से अनुमति दो टैंकों में करीब 25 हजार लीटर की और कोर्ट से किस तरह एक लाख लीटर से अधिक पेट्रोल बताकर खुलेआम पेट्रोल पंप संचालित किया जा रहा है।

इस संबंध में सहायक अपर आयुक्त ब्रजपाल सिंह से बात की गई तो वह भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके और उनके पास भी वही हथियार बचा कि सवाल का जवाब देने से बचने का एक ही तरीका है कि मोबाइल कॉल ही रिसीव न की जाये।

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