Thursday, May 15, 2025
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शिक्षक संघ खफा, मूल्यांकन का बहिष्कार

  • 5 सूत्रीय मांग पत्र की डेडलाइन शुक्रवार शाम हो गयी थी समाप्त
  • माध्यमिक शिक्षक संघ ने बैठक कर लिया था मूल्यांकन बहिष्कार का निर्णय

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की मूल्यांकन कार्य पर शनिवार को बहिष्कार के बादल छा गये। शिक्षक संघों पांच सूत्रीय मांगों जिनमें मृतक सहायक शिक्षक धर्मेंद्र के परिवार को कम से कम एक करोड़ की आर्थिक सहायता और पत्नी को नौकरी देने को पूरा करने के लिये सरकार को दी गयी समय सीमा समाप्त होने के बाद शनिवार को धरना प्रदर्शन कर पूर्ण मूल्यांकन बहिष्कार किया गया। हालांकि इधर विभाग द्वारा आंशिक मूल्यांकन होने का दावा किया गया। शिक्षक संघ पदाधिकारियों द्वारा सरकार के प्रति जमकर रोष प्रकट किया गया और इंसाफ मिलने में देरी का ठीकरा सरकार के सिर फोड़ा गया।

प्रदेश के कुल 260 मूल्यांकन केंद्रों सहित मेरठ के चार केंद्रों, जिनमें राजकीय माध्यमिक विद्यालय, देवनागरी इंटर कालेज और एसएसडी ब्वायज इंटर कालेज, लालकुर्ती पर सुबह मूल्यांकन शुरू होने से पहले ही शिक्षक संघ के पदाधिकार और सदस्य लामबंद होने लगे। शिक्षक नेता विपिन भारद्वाज के नेतृत्व में सभी एक दिन पूर्व शुक्रवार को प्रदेश स्तर की बैठक में मूल्यांकन बहिष्कार के निर्णय का पालन करते हुये कापी चेकिंग का कार्य बंद कर दिया। सूचना पर पहुंचे जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार ने वार्ता कर मूल्यांकन पुन: शुरू कराने का प्रयास किया, जोकि विफल रहा।

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विपिन भारद्वाज ने बताया कि मृतक धर्मेंद्र के परिवार के साथ पूरा शिक्षक संघ पूरी मजबूती से खड़ा है और इंसाफ मिलने तक खड़ा रहेगा। कहा कि धर्मेंद्र कुमार की हत्या से पूरा शिक्षक समाज खुद को ठगा हुआ और असुरक्षित महसूस कर रहा है। प्रदेश व्यापी मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे रवि भूषण ने कहा कि यह कोई सामान्य घटना नहीं थी और 25 लाख की आर्थिक सहायता, जो सरकार की ओर से जारी की गई है, वह बेहद मामूली है। शिक्षक संघ इस सबसे काफी आहत महसूस कर रहा है। कहा कि जब तक पांच सूत्रीय मांगे सरकार नहीं मानती उनके द्वारा मूल्यांकन बहिष्कार कार्यदिवस में भी जारी रहेगा।

ये हैं शिक्षक संघ की पांच प्रमुख मांगे

  • मृतक सहायक शिक्षक धर्मेंद्र कुमार के परिवार को कम से कम एक से दो करोड़ की आर्थिक सहायता मिले।
  • मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाये।
  • वाराणसी के महगांव के स्कूल में वह सहायक शिक्षक थे, उसका नाम धर्मेंद्र कुमार के नाम पर रखा जाये।
  • शिक्षकों को मूल्यांकन केंद्र पर कापियां लाने और ले जाने के कार्य से मुक्त रखा जाये।
  • सहायक शिक्षक के हत्यारोपी आरक्षी पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर त्वरित न्याय की व्यवस्था हो।

ये हुआ मूल्यांकन

बहिष्कार के चलते एनएएस कालेज में परीक्षकों ने एक भी कापी चेक नहीं की। जबकि डीएन इंटर कालेज में कार्य रोके जाने से पूर्व हाईस्कूल की 3266 कापियां चेक हुई तो वहीं जीआईसी पर इंटरमीडिएट की 3835 कापियों का मूल्यांकन हुआ। उधर, एसएसडी ब्वायज लालकुर्ती में इंटर की 12013 कापियों को मूल्यांकन हुआ।

इन केंद्र पर ये रही अनुपस्थिति

जीआईसी 134, डीएन 193, एसएसडी ब्वायज इंटर कालेज 178, एनएएस इंटर 318 आदि।

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