- सरधना चर्च महोत्सव मेला: मेले के अंतिम दिन पहुंची तीर्थयात्रियों की भारी भीड़
- एक लाख से अधिक लोग हुए शामिल, माता मरियम से की विश्व शांति की प्रार्थना
- आगरा धर्म प्रांत के धर्माध्यक्ष ने कराई समारोही प्रार्थना
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: तेरे चरणों में आए मां मरिया, तेरी शरण में सुख-दुख लाए मां मरिया। सरधना के ऐतिहासिक चर्च मोहत्सव में पहुंचे श्रद्धालुओं के लबों पर यही आरजू जब प्रार्थना स्थल पर गंूजी तो सारा माहौल ईश्वरमयी हो गया। कृपाओं की माता के महोत्सव में मुख्य दिन रविवार को भारी संख्या में श्रद्धालुओें ने मन्नतों के कैंडल जलाए।
महोत्सव में मुख्य प्रार्थना समारोही पवित्र मिस्सा बलिदान मुख्य अनुष्ठाता महाप्रांत आगराम के महा धर्माध्यक्ष हिस ग्रेस अल्बर्ट डी-सूजा ने संपन्न कराई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। शाम तीन बजे चर्च से बेगम के महल तक जुलूस निकाला गया। शाम को श्रद्धालु पवित्र जल लेकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए।
व्यवस्था बनाने में पुलिस के साथ एनसीसी कैड्ेस और गणमान्य लोगों ने कमान संभाले रखी। भीड़ को संभालने में प्रशासन को काफी पसीना बहाना पड़ा।
महोत्सव के मुख्य और अंतिम दिन रविवार को सुबह सवेरे से ही प्रार्थना का दौर शुरू हो गया था। सुबह छह बजे खीस्तयाग प्रार्थना कराई गई। इसके बाद सुबह आठ बजे प्रार्थना हुई। महोत्सव में मुख्य प्रार्थना समारोही पवित्र मिस्सा बलिदान मुख्य अनुष्ठाता महाप्रांत आगराम के महा धर्माध्यक्ष हिस ग्रेस अल्बर्ट डी-सूजा ने संपन्न कराई।
उनके साथ अन्य बिशप व फादर्स फादर केवी जॉर्ज, फादर ससिन बाबू आदि शामिल रहे। समारोही प्रार्थना में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। प्रार्थना में ग्रेस अल्बर्ट डी-सूजा ने विश्व में शांति व्यवस्था बनाए रखने, खलिहान की उन्नती होने तथा धर्मालंबियों से सभी तक सुसमाचार पहुंचाने की बात कही। इसके बाद 12 बजे बीमारों एवं धार्मिक वस्तुओं की आशीष की गई।
इस दौरान श्रद्धालुओं ने पवित्र जल ग्रहण किया। तत्पश्चात शाम तीन बजे संत पिता ग्रेगोरी सोलहवें द्वारा बेगम को भेंट किए गए माता मरियम के तबररुक (रेलिक) के साथ चर्च से बेगम के महल (संत चार्ल्स इंटर कॉलेज) तक जुलूस निकाला गया। जुलूस में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। बेगम के महल पहुंचकर पवित्र यूखरीस्त की आशीष चढ़ाई गई। वहीं, दूसरी ओर मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही।
मेले में अनुमानित करीब दो लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे। व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस बल, एनएनसीस कैडेट्स एवं गणमान्य लोगों ने कमान संभाले रखी। गणमान्य लोगों मेें सूर्यदेव त्यागी, पंकज जैन, समर कुरैशी, शाहवेज अंसारी, वीरेंद्र चौधरी, ललित गुप्ता, जीशान कुरैशी, पूर्व चेयरमैन निजाम अंसारी, शैलेंद्र गुप्ता आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद श्रद्धालु अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए।ी
सरधना ने फिर पेश की सौहार्द की मिसाल
बेगम की नगरी सरधना के लोगों ने एक बार फिर धर्म से ऊपर उठकर आपसी सौहार्द की मिसाल कायम की। रविवार को चर्च मेले में ईसाई समुदाय के अलावा अन्य सभी धर्म के लोग पहुंचे। खास बात यह रही कि सभी धर्म के लोगों ने व्यवस्था बनाने में प्रशासन का पूरा सहयोग किया। सर्वधर्म के लोगों ने एक साथ मिलकर मेला सकुशल संपन्न कराया। जो असामाजिक तत्वों के मुंह पर तमाचा है।
ऐतिहासिक चर्च में लगने वाले मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। मेले को लेकर प्रशासन के होश उडेÞ रहते हंै, लेकिन यह सरधना का सौहार्द ही है कि कभी इस विशाल मेले में किसी तरह का कोई व्यवधान नहीं आया। हर बार की तरह इस बार भी मेले में ईसाई समुदाय के अलावा सभी धर्म के लोग सहयोग में आगे रहे। रविवार को मुख्य कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। व्यवस्था बनाने के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात थी।
इसके बाद भी नगर के मुख्य लोगों ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। धर्म से ऊपर उठकर लोग बाहर से आने वाले लोगों की सेवा करने में जुटे रहे। यह नजारा देख लग रहा था मानो कार्यक्रम ईसाई समुदाय का नहीं, बल्कि सर्वधर्म का हो। यही वजह है कि इतना बड़ा कार्यक्रम सकुशल संपन्न होता है।
अधिकारियों ने यहां के लोगों का आभार प्रकट किया। प्रशासनिक अधिकारियों का भी कहना है कि इतनी भीड़ को संभाला बड़ी मुश्किल का काम होता है, लेकिन सरधना के गणमान्यों के साथ आम लोग मेला संपन्न कराने में अपनी जिम्मेदारी समझते हंै। यह सरधना का सौभाग्य है।
गत वर्ष के मुकाबले बहुत कम रही भीड़
इस बार सरधना चर्च में लगे मेले में आए श्रद्धालुओं की संख्या गत वर्ष के मुकाबले बहुत कम देखने को मिली। इस बार मेले में करीब दो लाख से अधिक तीर्थयात्री आने की अंदाजा लगाया जा रहा था। मगर यह आंकड़ा दुकानदारों की उम्मीदों पर पानी फेर गया। मेले में इस बार पहले से आधी से भी कम भीड़ नजर आई।
सुबह से ही भीड़ बढ़Þने का सिलसिला शुरू हो गया था। सामूहिक प्रार्थना के दौरान मेला परिसर में केवल लोगों के सिर नजर आ रहे थे। चर्च में माता मरियम की चमत्कारी तस्वीर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को कतार में लगना पड़ा। मगर यह भीड़ ज्यादा देर तक नहीं रही। 10 बजे के बाद से ही मेले में लोगों की संख्या बहुत कम हो गई थी। अच्छी बात यह रही कि भीड़ कितनी रही,
लेकिन सब कुछ सकुशल संपन्न हुआ। मेला संपन्न होने पर अधिकारियों ने भी व्यवस्था की कमान संभालने वालों को धन्यवाद दिया। हालांकि भीड़ कम होने के कारण दुकानदारों को इस बार नुकसान उठाना पड़ा है। हालात यह रही की मेले की सड़कें खाली नजर आई।
दुकानदारों और पर्यटकों से हुई अवैध वसूली
इस बार अवैध वसूली को लेकर प्रशासन काफी सख्त था। मीटिंग में भी मुख्य रूप से अवैध वसूली की मुद्दा उठा था। इसके बाद भी मेले में बाहर से आने वाले दुकानदारों और पर्यटकों से हर तरह से अवैध वसूली की गई। दुकानदारों से शुल्क लेने और पार्किंग के लिए पालिका ने अपने स्तर से व्यवस्था कर रखी थी। इसके बाद भी कुछ लोगों ने दुकानदारों और पर्यटकों से अवैध वसूली की। इससे पर्यटकों एवं दुकानदारों में काफी नाराजगी देखने को मिली। दुकानदारों ने भी नुकसान की भरपाई करने के लिए मंहगे दामों में सामान बेचा।
श्रद्धालुओं की सेवा करने से हो जाती है मन्नत पूरी
कृपाओं की माता के महोत्सव पर चर्च में लगने वाले मेले में श्रद्धालु अपनी मन्नतों के लिए माता मरियम के समक्ष शीश नवा रहे हैं। मगर इनमें कुछ श्रद्धालु ऐसे भी हैं, जिनकी मन्नत तीर्थयात्रियों की सेवा करने मात्र से पूरी हो जाती है। यही कारण है कि यहां प्रतिवर्ष मेले मेें विभिन्न शहरों से आकर लोग विशाल लंगर लगाकर तीर्थयात्रियों को निशुल्क भोजन व अन्य सुविधा प्रदान करते हैं।
कश्मीर निवासी सावन मसी का कहना है कि वह पिछले 20 वर्षों से मेले में आते हैं। पहले उनके पिता यहां लंगर लगाते हैं। उन्हीं के पद चिह्नों पर वह भी चल रह हैं। उनका कहना है कि श्रद्धालुओं की सेवा करने मात्र से ही माता मरियम उनकी मनोकामना पूरी करती है। इसके अलावा अमृतसर के हरबीर कौर का कहना है कि उनकी शादी को आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें सनतान का सुख नहीं पाया था।
वह यही मन्नत लेकर मेले में आए थे और श्रद्धालुओं की सेवा की। अगले साल उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। तभी से वह लगातार मेले मेें लंगर लगाते आ रहे हैं। पूरा परिवार मिलकर श्रद्धालुआें की सेवा करता है। इसके अलावा विभिन्न शहरों से आने वाले लोग मेले में लंगर लगाकर तीर्थयात्रियों की पूरे श्रद्धा भाव से सेवा करते हैं।
जेब कतरों ने खूब किया हाथ साफ
मेले में जेब कतरों ने जमकर मौके का फायदा उठाया। उन्होंने लोगों की जेबों पर खूब हाथ साफ किये। चोरों के आतंक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सैकड़ों तीर्थयात्रियों के मोबाइल चोरी हो गए। इसके अलावा मेले में कई लोगों के पर्स जेब कतरों ने उड़ा दिये। इस दौरान पुलिस ने कई संदिग्ध युवकों को भी पकड़ा। मगर पुलिस की इतनी संख्या होने के बाद भी चोरों ने भीड़ में खूब हाथ साफ किया।
पर्यटकों ने जमकर की खरीदारी
मेले में आए पर्यटकों ने जमकर खरीदारी की। उन्होंने यादगार के तौर पर लगी दुकानें से धार्मिक वस्तुओं के अलावा अन्य सामान खरीदा। हालांकि मेले में दुकानदारों ने मौका का फायदा उठाकर सभी सामान के दाम में वृद्धि कर रखी थी, लेकिन इसके बाद भी श्रद्धालुओं ने यादगार के तौर पर मेले में जमकर खरीदारी की। इससे दुकानदारों के चेहरे खिले रहे।