- भीषण धमाके से उड़ा हारुन का घर, बेटी आसमा और 22 दिन का बच्चा गंभीर रूप से घायल
- विस्फोट में मारे गए पांच लोगों के शव मेडिकल की मोर्चरी में रखे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लोहिया नगर कालोनी के एम पाकेट-307-308 में बने आतिशबाजी गोदाम में आतिशबाजी बड़े पैमाने पर तैयार हो रही थी। सुबह 7 बजे के आसपास विस्फोट इतना जबरदस्त था कि कि हादसा स्थल से दो आवास छोड़कर गली के बराबर में मेन रोड पर हारुन का एम-304 आवास भी पूरी तरह दहल गया। सबसे ज्यादा क्षति हारुन के घर की हुई। बताते हैं हारुन टोपी बनाने का काम करते हैं।
परिवार में 6 सदस्य हैं। सबसे बड़ा बेटा अनस ग्राउंड फ्लोर पर बनी परचून की दुकान चलाता है। जब विस्फोट हुआ तो परिवार के सभी सदस्य घर पर थे। हारुन की बेटी असमा और उनका पति शादाब भी घर पर आये हुए थे। असमा पहली मंजिल पर बने कमरे में अपने 22 दिन के बच्चे आर्यन के साथ बैठी थी।गोदाम में जैसे ही विस्फोट हुआ तो हारुन का पूरा घर दहल गया। जिस कमरे में असमा बैठी थी उसकी छत उड़ गई और एक हिस्से पूरी तरह से टूट गई। कमरे में मौजूद असमा गंभीर रुप से घायल हो गई।
वहीं पति शादाब को भी चोट आई और बच्चा आर्यन भी मामूली रुप से घायल हो गया। पहली मंजिल पर बने सभी कमरों की दीवारें टूट चुकी थी। अनस ने बताया कि धमाके के बाद घर में चीखपुकार मच गई। मानों ऐसा लगा कि भयंकर भूकम्प आया है। आनन फानन में असमा और उसके बच्चे को मेडिकल में भर्ती कराया गया। अनस ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान उनके घर को हुआ है। पहली मंजिल का पूरा हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। खुदा का शुक्र है कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। अगर छत गिरने वाले हिस्से में कोई होता तो जान चली जाती।
ये हुए विस्फोट में घायल
मृतक पांच लोग बिहार के जिला भोजपुर के निवासी बताये गए हैं। वहीं घायलों में लोहिया नगर एल ब्लॉक निवासी अोमकार व उसका पोता कार्तिक 4 वर्ष, लोहिया नगर निवासी आसमा 37 वर्ष, सरोज, सोनाक्षी 8 वर्ष, करण 5 वर्ष, रोहित 4 वर्ष मेडिकल में भर्ती हैं।
शिनाख्त के लिए परिजनों का इंतजार
लोहिया नगर में मंगलवार की सुबह हुए धमाकों में जो पांच लोग मारे गए हैं। उनकी शिनाख्त के लिए परिजनों के आने का इंतजार किया जा रहा है। एलएलआरएम मेडिकल के मीडिया प्रभारी डा. वीडी पांडेय ने बताया कि मंगलवार को लोहिया नगर हादसे का शिकार हुए लोगों के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका। दरअसल, पुलिस का कहना है कि मृतकों की शिनाख्त के लिए उनके परिजनों के आने का इंतजार किया जा रहा है।
जो कुछ जानकारी मरने वालों की पहचान के संबंध में अब तक मिली है, उसको लेकर पुलिस पक्की तौर पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। वहीं मेडिकल प्रशासन का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में नियम है कि जिनका पोस्टमार्टम किया जाना है उनकी यदि शिनाख्त नहीं हुई है तो कम से कम 72 घंटे प्रतीक्षा की जानी चाहिए। यदि 72 घंटे में भी शिनाख्त नहीं हो पाती है तो फिर उनका पोस्टमार्टम कर दिया जाता है
तथा पुलिस लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया जाता है। वहीं, दूसरी ओर कहा जा रहा है कि जो लोग इस हादसे का शिकार हुए हैं उनके बिहार के किसी दूरदराज के गांव के रहने की तो पुष्टि हुई है। साथ ही यह भी बताया गया है कि मजदूरी करने वाले ये सभी बेहद गरीबी में गुजर बसर करने वाले परिवारों की पृष्ट भूमि से आते थे।
इसके चलते माना जा रहा है कि यदि परिजनों को किसी माध्यम से इस दर्दनाक हादसे की खबर भी मिल गयी होगी तो भी उनको यहां पहुंचने में कम से कम दो से तीन दिन लग जाएंगे। ऐसे में पुलिस का यही प्रयास है कि परिजनों के आने व शिनाख्त के बाद ही पोस्टमार्टम कराया जाए।
हमास इजराइल के युद्ध में मलबे में तब्दील बिल्डिंग जैसा गोदाम का नजारा
मंगलवार सुबह का मंगल अमंगल लेकर आया। सुबह के सात बजे थे। लोहिया नगर कालोनी के एम पॉकेट का नजारा ठीक हमास और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध जैसा था। कालोनी के कुछ लोग गहरी नींद में सोये थे। वहीं कुछ लोग अपने बच्चों के लिए दूध लेने के लिए निकल पड़े थे। अचानक सुबह कालोनी पूरी तरह दहल उठती है। धरती हिलने लगती है। लोग समझे कंही से बम या राकेट और मिसाइल गिरी है। लोग अपने घरों से धमाके की आवाज की ओर लपक पड़े।
सामने एम- 307 के गोदाम का मंजर देखा तो सहम गए। सामने लाशें चार लाशे पड़ी थी। करीब तीन सौ गज में बना गोदाम पूरी तरह जमींदोज हो चुका था। लोहे के भारीभरकम बड़े बड़े दरवाज मुड़कर दूर जा गिरे थे। कई मीटरों दूर तक मलबा और र्इंट इधर उधर बिखरी हुई थी। कई घरों की दीवारे भी टूट चुकी थी। कई लोगों के घरों में दरारे आ चुकी थी। लोगों का हुजूम इस तरह भयभीत था कि हर कोई कह उठा, अरे ये तो हमास और इजराइल के बीच चल रहे भीषण गोलाबारी जैसा नजारा है।
इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में जिस तरह बिल्डिंग गिरकर मलबे में तब्दील होती दिखाई दे रही हैं। वैसा ही भंयकर बम विस्फोट यहां हुआ है। कंही यहां बड़े बम तो नहीं बनाये जा रहे थे। गोदाम में हुए विस्फोट से सटे एक ग्राउंड फ्लोर पर बने फिटनेस यूनिसैक्स जिम में युवा एक्सरसाईज कर रहे थे। करीब 15 से 20 की संख्या में सभी युवा जिम में लगे म्यूजिक पर एक्सरसाईज में व्यस्त थे। अचानक जिम की बिल्डिंग हिलती है और अंदर लगे शीशे टूटकर नीचे गिर जाते हैं। धमाके की आवाज सुनकर जिम से बाहर की ओर भागे युवा तो वहां का दृश्य देखकर कांप गये।
सभी मिनटों में नो दो ग्यारह हो गए। शास्त्री नगर के ब्लॉक निवासी राजेन्द्र कुमार ने हारुन के घर के बराबर में अपना मकान किराये पर दिया था। विस्फोट के चलते मकान की छत तिरछी हो गई। दीपक और उसकी पत्नी सरोज बाल बाल बच गए। अधिकांश लोग विस्फोट की आवाज सुनकर और गोदाम व आसपास का दृश्य देखकर कांप उठे। रोज मोबाइल व टीवी पर देख रहे हमास इजराइल युद्ध को याद कर सिहर उठे। यही कहते सुने गए ये तो