Tuesday, May 20, 2025
- Advertisement -

प्राणी मात्र को आत्मतुल्य समझना ही अहिंसा का आदर्श

Sanskar 5


अहिंसा शब्द जहां व्यापकता लिए हुए है वहीं इस शब्द में संपूर्ण संसार का हित समाहित है। इस शब्द का प्रभाव किसी व्यक्ति या वर्ग विशेष पर नहीं बल्कि संपूर्ण संसार पर है। अहिंसा की प्रतिष्ठा विश्व में फैलती है तो विरोध शब्द भी

लुप्त हो जाता है। जहां विरोध न हो वहीं अहिंसा का साक्षात स्वरूप देखा जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने जीवन को अहिंसामय बनाए। जीवन को अहिंसामय बनाए। हिंसा के मौजूद रहते प्राणी का जीवन मरण से मुक्त होना संभव नहीं है। सद्भावना, मैत्री, निष्कपट चरित्र व स्वच्छता के व्यवहार का पालने करने से ही अहिंसा का विकास संभव है।

अहिंसा का आदर्श है प्राणी मात्र को आत्म तुल्य समझना। यह अहिंसा का आदर्श होने के साथ-साथ अहिंसा की पूर्णता भी है। अहं का प्रभाव बढा है। फलस्वरूप जीवन में हिंसात्मक शक्तियां हावी होती जा रही है। ऐसे में मानव में शांति बात कैसे सोची जा सकती है। विश्व की सबसे बड़ी शक्ति अहिंसा ही है। अहिंसा के बिना किसी भी क्षेत्र में शांति की कामना नहीं की जा सकती है। विश्व अहिंसा शक्ति के विकास की पहल व्यक्ति में त्याग भावना का विकास कर सकती है। विश्व की सेवा एवं जनकल्याण के लिए त्याग भावना का होना अति आवश्यक है। बिना अहिंसा शक्ति के विकास के त्याग भावना का विकास नहीं किया जा सकता है।

अहिंसात्मक शक्तियों की पहल व्यक्ति में त्याग भावना का विकास कर सकती है। जब भी संसार में हिंसा या अंशाति होती है, तो मानव समुदाय में अहिंसात्मक चेतना लुप्त प्राय: हो जाती है। यही संघर्ष का मूल है। अहिंसा ही शांति का मूल है इस भावना को समझकर अगर सार्थक प्रयास किए जाएं तो अशांति या हिंसा का प्रश्न भी पैदा नहीं होता। विश्व की शांति में अहिंसा को अंतत: अपनाना ही पड़ेगा। क्योंकि बिना अहिंसा के प्रयोग के शांति एवं अहिंसा की कामना भी नही की जा सकती है।

दार्शनिक आचार्य महाप्रज्ञ कहते थे-‘महात्मा गांधी, आचार्य विनोबा भावे और आचार्य तुलसी ने भारत के भविष्य की कल्पना शांति और अहिंसा के अग्रदूत के रूप में की थी। उसके हमें एक शक्तिशाली आवाज बनानी है। आज अहिंसा पर खंड-खंड में अनेक जगह कार्य हो रहा है, पर बिखरा हुआ होने के कारण उसका परिणाम सामने नहीं आ रहा है। अहिंसा समवाय अपने मंत्र को पूरा करने में भी तभी सफल हो पाएगा जब इसके सदस्य वृत्तियों के परिष्कार के प्रति दृढसंकल्पित हों।

आचार्य महाप्रज्ञ की यह स्पष्ट सोच आज जन मानस को अहिंसा की ओर प्रेरित करती हैं।’ विश्व में अहिंसा की शक्ति प्रखर बनें। इसके लिए अणुव्रत के मंच से व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं। इस समवाय के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अहिंसा प्रशिक्षण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। जब अहिंसा प्रशिक्षकों की एक टीम बनकर तैयार हो जायेगी, तभी इस समवाय की बात जन सामान्य के हृदय में प्रतिष्ठित की जा सकती है। अहिंसा के क्षेत्र में काम करने वाले समवाय द्वारा एक संकल्प पत्र जारी किया गया। वे संकल्प इस प्रकार हैं-

  • मैं अपने जीवन में हिंसा के अल्पीकरण का प्रयास करूंगा।

  • दूसरों की आस्थाओं तथा विचारों के प्रति सहिष्णु रहूंगा।

  • किसी भी विवाद को शांति एवं सदभावना से सुलझाने का प्रयास करूंगा।

  • अन्याय, अज्ञान, शोषण, गरीबी, बेकारी जैसी मूलभूत समस्याओं के समाधान का प्रयत्न करूंगा।

  • श्रम, स्वावलंबन, संयम, संविभाग तथा संवेग नियंत्रण की साधना करूंगा।

  • प्रतिदिन आत्मनिरीक्षण करूंगा।

अहिंसा-समवास के प्रणेता आचार्य महाप्रज्ञ अहिंसा की प्रतिष्ठा के लिए कहते हैं- अहिंसा के विकास के लिए मन और वचन का शुद्धिकरण आवश्यक है। व्यक्ति को भावनात्मक क्रिया के साथ-साथ मानसिक अहिंसा और वाणी की अहिंसा का प्रयोग भी करना चाहिए। ज्यादा बोलने में कहीं न कहीं समस्या उत्पन्न हो जाती है। हालांकि वाणी संयम रखना अत्यंत कठिन है। वाणी व सहिष्णुता का बहुत गहरा संबंध है। जिस व्यक्ति में सहन करने की शक्ति आ गई वह वाणी का संयम रख सकता है।

वाणी व सहिष्णुता का संयम महाव्रत की देन है। महाप्रज्ञ कहते है कि व्यक्ति को अपनों की कही बात को सहना असहनीय लगात है। हर व्यक्ति आवेश में आ जाता है। सहिष्णुता शुद्धिकरण हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग है। जिसे महाव्रत का पालन करना है उसे सहिष्णुता का पालन करना आना चाहिए। जो व्यक्ति मन, वचन और काया को साध लेता है व अहिसंक है। इसके लिए दृढ निश्चयी बनना होगा।

अगर हमारा निश्चय, भावना और अभ्यास मजबूत नहीं है तो हम किसी भी कार्य को संपूर्ण नहीं कर सकते। आचार्य महाप्रज्ञ ने विश्वस्तर पर अहिंसा-समवाय के माध्यम से विश्व शांति एवं अहिंसा का सार्थक प्रयत्न किया। अनुसंधान, प्रशिक्षण और प्रयोग की त्रिआयामी योजना पर आधारित यह समवाय अहिंसा चेतना की सार्थक पहल है।

-डॉ. वीरेंद्र भाटी मंगल


janwani address 5

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

US-Russia: Trump और Putin के बीच यूक्रेन युद्ध पर दो घंटे की बातचीत, समझौते के बाद युद्धविराम के संकेत

जनवाणी ब्यूरो ।नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड...

Tech News: Google Chrome में मिली गंभीर सुरक्षा खामी, CERT-In ने तुरंत अपडेट करने की दी सलाह

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और...
spot_imgspot_img