Sunday, September 15, 2024
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कुछ देर की बारिश में टापू बना महानगर

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  • मेन रोड से लेकर गली-मोहल्लो में भरा पानी, जलभराव के चलते जगह-जगह रास्ता जाम से हुई परेशानी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: गुरुवार की दोपहर मिनटों की बारिश में महानगर को टापू बना दिया। मेन रोड से लेकर गली मोहल्लों तक में जलभराव हुआ। नालों की सफाई का दावा करने वाले नगर निगम के दफ्तर और महापौर के कैम्प कार्यालय तक में पानी भर गया। शहर के पॉश एरिया साकेत, सिविल लाइन में भी सड़कें पानी से लबालब नजर आर्इं। जलभराव से बड़ी संख्या में दुपहिया वाहन खराब हो गए और लोगों को गंदे पानी में ही उन्हें खींचना पड़ा। उधर, स्कूल व कालेजों से लौटने वाले छात्र-छात्राओं को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ा। जलभराव के चलते वाहन सड़कों पर रेंगते रहे। जगह-जगह जाम लगने से लोग हलकान हो गए।

गुरुवार दोपहर साढ़े 12 बजे बारिश शुरू हुई। आधा घंटे की बारिश से शहर जलमग्न हो गया। नाले व नालियों की गंदगी सड़कों पर आ गई। सोतीगंज, बेगमबाग, थापरनगर, पटेल नगर, बच्चा पार्क, खैरनगर, अहमद रोड, अमीर रोड, नगर निगम रोड, पूर्वा महावीर, मकबरा डिग्गी, मकबरा घोसियान, रेलवे रोड, रौनकपुरा, भटीपुरा, प्रेमपुरी, जैननगर, आनंदपुरी, बागपत गेट, देहली गेट, कृष्णपुरी, बागड़ियान मोहल्ला, ईश्वरपुरी ब्रह्मपुरी, इंदिरा नगर, तारापुरी, श्याम नगर, नूर नगर, लिसाड़ी, फतेहउल्लाहपुर रोड, सिद्दीकनगर,

लिसाड़ी गेट, प्रहलादनगर, आजाद रोड, गोला कुआं, इस्लामाबाद, बुनकर नगर, राम बाग, गोलाकुआं, आजाद रोड, सुभाषनगर, पुरानी मोहनपुरी, आर्यनगर, नेहरू नगर आदि क्षेत्रों में जलभराव हुआ। पॉश एरिया साकेत और सिविल लाइन में भी जलभराव से लोगों खासी परेशानी हुई। स्टेडियम की दुकानें में भी पानी भर गया। जलभराव से पांडवनगर, माधवपुरम, शताब्दीनगर, श्रद्धापुरी, पल्लवपुरम आदि कालोनियों में भी अछूती नहीं रहीं। जलभराव के कारण बच्चा पार्क, घंटाघर, सोतीगंज, रेलवे रोड, अहमद रोड, खैरनगर में जाम की समस्या खड़ी हो गई।

तेज बारिश से मेडा और पीवीवीएनएल दफ्तरों में भरा पानी

महानगर में गुरुवार को दोपहर में पड़ी तेज बारिश से मेरठ विकास प्राधिकरण और पीवीवीएनएल के दफ्तरों में पानी भर गया। पानी भी इतना भरा कि लोगों की आवाजाही तो थम ही गई, निकलना तक दूभर हो गया। अपने कार्य से दफ्तरों में आए लोग दो घंटे तक फंसे रह गए। करीब एक घंटा हुई बारिश से मेडा गेट पर एक फीट पानी था। गेट के सिक्योरिटी गार्ड ने बताया कि यदि तीन चार घंटे जमकर बारिश हो जाए तो पानी मेडा के मुख्य भवन तक पहुंच जाएगा। इसके परिसर में स्थित अन्य कार्यालय के ग्राउंड फ्लोर भी पानी में होते हैं। दोपहर में जिस वक्त बारिश हो रही थी, वहीं वक्त लंच का था।

तमाम सरकारी कर्मचारी बारिश रुकने का इंतजार करते रहे, लेकिन बारिश रुकने के बाद भी गेट पर पानी भरा होने की वजह से बाहर नहीं निकल सके। सबसे मेडा में प्रतिदिन बड़ी संख्या में आमजन अपने सामान्य कामकाज के लिए आते हैं, वो सभी बारिश में फंसे रह गए। कुछ लोग गेट पर भरे पानी से होकर निकले, लेकिन सबसे ज्यादा मुसीबत रजिस्ट्री कार्यालय में आने वालों ने उठायी। रजिस्ट्री कार्यालय में बुजुर्ग व महिलाओं को भी लिखा पढ़ी के लाया जाता है। वहां टोकन सिस्टम है। टोकन पर यदि ना मौजूद रहे तो फिर घंटों इंतजार करना पड़ता है। कई बुजुर्गों को उनके परिजन बारिश में लेकर पहुंचे। बारिश के दौरान मेडा कैंपस में जाम लग गया। इसकी मुसीबत सबसे ज्यादा पैदल चलने वालों व दो पहिया वाहन चालकों को उठानी पड़ी।

बारिश के दौरान जो लोग गाड़ियों में पहुंचे थे। पार्किंग स्पेस न मिलने की वजह से उन्होंने अपनी गाड़ियां जहां पानी भरा हुआ था। वहां लगा दीं और उतरकर चल दिए। पीवीवीएनएल परिसर में जहां अधिकारियों के सरकारी आवास हैं, वहां से लेकर जहां बिजली के बिल जमा होते हैं वो पूरा रास्ता पानी में था। यहां भी कर्मचारी बारिश के दौरान लंच में बाहर नहीं निकल सके। भीतर ही बैठकर बारिश के रुकने का इंतजार करते रहे। अच्छी बात यह रही कैंपस कि नई बिल्डिंग में जहां ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर समीक्षा को पहुंचे थे, वहां पानी नहीं भरा। कर्मचारियों ने बताया कि जब भारी बारिश होती है तो नई व पुरानी दोनों कार्यालय परिसर में पानी भर जाता है। दरअसल, ड्रेनेज सिस्टम ठीक ना होने की वजह से पानी भरता है।

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