- ढाई माह में और ऊंचे हो गए कूड़े के पहाड़, एनजीटी में 16 दिसंबर को होगी मामले की सुनवाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: महानगर में वैज्ञानिक तरीके से कूड़ा निस्तारित न करने को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नगर निगम पर ठोंके गए पांच करोड़ के जुर्माने को लेकर फिर तलवार लटक गई। इस मामले को लेकर 16 दिसंबर को एनजीटी कोर्ट में सुनवाई होगी। उधर, वैज्ञानिक तरीके से कूड़े का निस्तारण तो दूर कूड़े के पहाड़ और ऊंचे हो गए हैं। ऐसे में नगर निगम के अधिकारियों को और अधिक डर सता रहा है।
दरअसल, महानगर में लगभग 1200 मैट्रिक टन कूड़ा रोजाना निकलता है। नगर निगम द्वारा लोहियानगर में वर्षांे से कूड़े को डंप किया जा रहा है। यहां कूड़े के पहाड़ बन गए। जो दिन ब दिन ऊंचे होते जा रहे हैं। हालांकि इस बीच नगर निगम ने दिल्ली रोड पर मंगतपुरम और गांवड़ी में भी कूड़ा डलवाया तो वहां भी पहाड़ खड़े हो गए। कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण न होने से लोहिया नगर के आसपास के क्षेत्रों का भूगर्भ जल बेहद प्रदूषित हो रहा है, साथ ही वहां वायु प्रदूषण भी हो रहा है। वहां के लोग परेशान हैं।
उन्हें गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा हो रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने दो वर्ष पूर्व एनजीटी में इस मामले को लेकर शिकायत की थी। नगर निगम ने एनजीटी में कुछ साक्ष्य प्रस्तुत किए थे, जिनपर याचिकाकर्ता ने आपत्ति लगा दी थी। इसके बाद एनजीटी ने संयुक्त टीम बनाकर मेरठ भेजकर जांच कराई। टीम ने लोहियानगर और गांवड़ी में कूड़े के पहाड़ देखे। वैज्ञानिक तरीके से कूड़ा निस्तारण न होने की रिपोर्ट पर एनजीटी ने उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नगर निगम पर जुर्माना लगाने के आदेश दिए।
प्रदूषण बोर्ड ने तीन जुलाई को नगर निगम को जुर्माना लगाने का नोटिस जारी किया। नगर िनगम ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। दो माह तक महीने इंतजार करने के बाद बोर्ड ने तीन सितंबर को नगर निगम पर दस लाख रुपये प्रति माह की दर से 50 महीने का पांच करोड़ का जुर्माना नगर निगम पर लगाया। अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार ने प्रदूषण बोर्ड को पत्र भेजकर अपना पक्ष रखा। जिसमें बताया गया कि गांवड़ी में लीगेसी वेस्ट के निस्तारण को 150 टीडीपी का प्लांट लगाया गया। लोहियानगर में लीगेसी वेस्ट निस्तारण को 29 जून 2021 को 300 टीडीपी का प्लांट लगाया गया।
एक नवंबर 2021 में प्लांट को दो शिफ्ट में संचालित किया जा रहा है, जिससे क्षमता 600 टीडीपी हो गई। इसके बाद से जुर्माना वसूली कार्रवाई रुकी है। अब इस मामले में 16 दिसंबर को एनजीटी कोर्ट में सुनवाई है। ऐसे में नगर निगम के अधिकारियों के होश उड़े हैं। क्योंकि सभी स्थानों पर कूड़े के पहाड़ तीन माह में और ऊंचे हो गए। दोनों स्थानों पर प्लांट भी आठ घंटा भी पूरी तरह कार्य नहीं कर पा रहे। ऐसे में नगर निगम पर कार्रवाई होने की आशंका जताई जा रही है।
एनजीटी में अपना पक्ष रखेंगे: प्रमोद
अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार का कहना है कि एनजीटी में नगर निगम की ओर से अपना पक्ष रखा जाएगा। कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से कितना निस्तारण हो रहा है, कोर्ट को पूरी जानकारी दी जाएगी। एनटीपीसी द्वारा 900 टीडीपी के वेस्ट टू चार कोल एनर्जी प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू होने की जानकारी भी दी जाएगी।