- पशुधनमंत्री बोले, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई, मिलेगी सजा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अब यदि कोई भी पशुपालक दूध न देने वाली गायों को खुला छोड़ेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पशु क्रूरता अधिनियम के तहत उस पर कार्रवाई होगी तथा संबधित व्यक्ति को जेल को जेल भेजने का प्रावधान किया जाएगा। मेरठ का प्रभार मिलने के बाद पहली बार जिले के दौरे पर मेरठ आए प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि यह एक बहुत गलत प्रवृति बनती जा रही है कि जब तक गाय दूध दे तब तक तो वो पशुपालक की देखरेख में रहती है,
लेकिन जब वो दूध देना बंद कर देती है तब पशुपालक उसे खुले में छोड़ देता है जो कि बेहद दुखद है। मंत्री ने कहा कि अब कोई भी पशुपालक ऐसा नहीं कर पाएंगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई पशुपालक दूध देना बंद कर चुकी गाय को खुले में छोड़ेगा तो उसका पता लगाकर उसके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई करवाई जाएगी तथा संबधित व्यक्ति को जेल भेजने का प्रावधान भी किया जाएगा।
अल्पसंख्यकों की समस्याओं को लेकर मंत्री को सौंपा ज्ञापन
अल्पसंख्यकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह को एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में मांग की गई है कि यूपी में पंजाबी विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए तथा सिख बोर्ड का गठन हो। दिल्ली, हिमाचल व राजस्थान की भांति सिख धर्म के बच्चों की शादियों को ‘आनन्द मेरिज एक्ट’ के तहत रजिस्टर्ड किया जाए। उत्तर प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों में अलग से पंजाबी भाषा का विभाग खोलने की भी मांग की गई।
यह भी मांग की गई कि राज्य सरकार से सहायता प्राप्त सभी विद्यालयों एवं लाइब्रेरियों में पंजाबी पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं एवं भारतेन्दु नाट्य अकादमी में पंजाबी भाषा संस्कृति व नाट्य कला के जानकार विद्वानों की नियुक्ति की जाएं। इस अवसर पर खालसा हेल्प फाउंडेशन के चेयरमेन हरप्रीत सिंह मान, राष्ट्रपति पदक से सम्मानित सरदार सरबजीत सिंह कपूर व अल खिदमत फाउंडेशन के तनसीर अहमद भी मौजूद थे।
पीपीपी मॉडल पर विकसित होंगी गोशालाएं
अब गोशालाएं भी पीपीपी मॉडल पर विकसित होंगी। इस संबध में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि इसके लिए कार्ययोजना तैयार की गई है और शीघ्र ही इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। सोमवार को मेरठ आए मंत्री धर्मपाल सिंह ने घोषणा की कि इसके लिए गोशाला बनाने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।
पशुधन मंत्री के अनुसार गोशाला विकसित करने वाले व्यक्ति को 30 एकड़ जमीन नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। इसी जमीन पर वे गोशाला चलाएगा। इसके लिए 40 साल का पट्टा लिखवाया जाएगा। निराश्रित गोवंश के लिए मार्च तक कार्ययोजना तैयार कराकर इस पर अमल भी शुरू कर दिया जाएगा।
मंत्री के अनुसार इस प्रकार की गोशालाएं विकसित करने वाले व्यक्ति को पांच हजार गायें भी उपलब्ध कराई जाएंगी और यह सभी गाय देसी होंगी। सड़कों पर फिरने वाली सभी निराश्रित गायों को इन गोशालाओं में भिजवाने की रणनीति और जिम्मेदारी भी तय जाएगी। मंत्री ने कहा कि देसी गायों का दूध किसी अमृत से कम नहीं होता। इसलिए इन गोशालाओं में देसी गायों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।