Wednesday, January 15, 2025
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रैपिड रेल: मार्च में शुरू होगा टनल का काम

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: आरआरटीएस का काम तेजी पकड़ रहा है। प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज त्यागी ने दावा किया कि मार्च में मेरठ में टनल का काम शुरू कर दिया जाएगा। सबसे पहले इसका सर्वे किया जाएगा, जिसके बाद दायरे में आने वाले मकानों की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। टनल की गहराई 15 फीट जमीन में होगी, जबकि बेगमपुल पर टनल की गहराई बीस फीट होगी।

टनल साढ़े पांच किमी लंबी बनेगी। भूमिगत टनल टू-लेन की बनेगी। यही नहीं, बेगमपुल पर जगह कम होने के कारण टू-लेन होगी तथा बाकी स्थानों पर फोर लाइन ट्रैक बनेगा। आरआरटीएस के कार्यों की विस्तार से जानकारी शताब्दीनगर स्थित एलटी के यार्ड में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी गई। इस दौरान दिल्ली से लेकर मेरठ तक पूरे ट्रैक की जानकारी दी गई। मेरठ में आरआरटीएस के चार स्टेशन होंगे, जहां पर रैपिड रेल रुकेंगी, बाकी जो 13 स्टेंशन बनाये गए हैं, उन पर मेट्रो रुकेगी।

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परतापुर से मोदीपुरम के बीच में रैपिड रेल के ट्रैक पर ही मेट्रों भी दौड़ेगी। इसकी पूरी व्यवस्था आरआरटीएस ने की है। फुटबाल चौराहे को सेंट्रल स्टेशन बनाया गया है। सर्वप्रथम टनल का कार्य तहसील से आरंभ होगा। इसकी एनओसी भी आरआरटीएस को मिल गई है।

टनल से प्रभावित होने वाले मकानों की गुणवत्ता जांची जाएगी, फिर उनकी उसी हिसाब से मरम्मत आरआरटीएस की तरफ से कराई जाएगी। सोतीगंज और भैंसाली बस स्टैंड के आसपास के कुछ मकानों के नीचे होकर टनल गुरजेगी, लेकिन इससे मकान प्रभावित नहीं होंगे।

पुराने मकान यदि है तो उनकी मरम्मत का काम कराया जाएगा। मेरठ में आरआरटीएस के जो स्टेशन होंगे, उनमें मेरठ साउथ, शताब्दीनगर, बेगमपुल और मोदीपुरम शामिल है। इसके साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि ब्रह्मपुरी स्टेशन के बाद आरआरटीएस डाउन जाएगी, ताकि फुटबाल चौराहे से अंडर ग्राउड शहर में दौड़ेगी।

इसके लिए पहले एलाइनमेंट फिक्स किया जाएगा। टनल का काम करने से पहले तमाम औपचारिकताएं धरातल पर पूरी की जाएगी। इसके दायरे में आने वाले मकानों को सर्वप्रथम सुरक्षित किया जाएगा। किस तरह से प्रयोगशाला में मानकों की गुणवत्ता चेक की जाती है, उसको भी प्रोजेक्ट मैनेजर ने पत्रकारों को दिखाया। यार्ड में तेजी के साथ चल रहे कार्य की जानकारी दी और चल रहे कार्य किस तरह से धरातल पर चल रहा है, उससे भी रूबरू कराया। इस दौरान जनसंपर्क अधिकारी प्रेरणा, पुनीत वत्स आदि मौजूद रहे।

ये है कॉरीडोर

  • कॉरीडोर की लंबाई: 82.15 किमी
  • एलिवेटेड लंबाई: 70.5 किमी
  • भूमिगत लंबाई: 11.5 किमी
  • दिल्ली में कॉरीडोर का हिस्सा 14 किमी, यूपी में 68 किमी

दो मेटेनेंस डिपो: दुहाई-मोदीपुरम

  • साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी का संचालन का लक्ष्य 2023 में कब पूरी होगी परियोजना?
  • दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरीडोर का संचालन 2025 में
  • परियोजना की लागत: 30,274 करोड़
  • प्रत्येक पांच से 10 मिनट में पहुंचेगी ट्रेन
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