- सालों से सरकारी राशन ले रहा था पोहल्ली गांव का बुजुर्ग किशोरी सिंह, आठ माह पहले कट गई यूनिट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिला पूर्ति कार्यालय में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। सालों से जिस राशन कार्ड के माध्यम से 78 वर्षीय बुजुर्ग किशोरी सिंह राशन ले रहा है, आठ माह पहले अचानक उसकी यूनिट कट गई। जानकारी करने पर पता चला कि उसके नाम की यूनिट बिहार के भोजपुर जिले के राशन कार्ड में दर्ज हो गई है। पीड़ित किशोरी सिंह का आरोप है कि उसने बिहार को सपने में भी नहीं देखा, बावजूद इसके वहां कौन व्यक्ति है, जो उसके हिस्से का राशन खा रहा है।
सरधना तहसील के गांव पोहल्ली निवासी किशोरी सिंह (78) पिछले 6-7 महीनों से लगातार जिला पूर्ति कार्यालय के चक्कर काट रहा है। उसने बताया कि उसकी पत्नी रामरोशनी (75) के नाम राशन कार्ड है। जिसमें उसका और उसके बेटे कुलदीप (36) का नाम दर्ज है। सालों से वह तीन यूनिट का 15 किलोग्राम राशन सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से ले रहे थे। आरोप है कि करीब आठ माह पहले जब वह राशन लेने के लिए गए, तो उन्हें 10 किलोग्राम ही राशन दिया गया।
कम राशन मिलने की वजह पूछी तो पता चला कि राशन कार्ड में उनका नाम कट गया है। किशोरी सिंह का कहना है कि जब वह नाम कटने की वजह जानने के लिए तहसील में गए, तो वहां पता चला कि उनका नाम बिहार के भोजपुर में एक राशन कार्ड में दर्ज हो गया है। बुजुर्ग किशोरी सिंह का कहना है उन्हें इस समस्या के समाधान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है, पर कोई सुनने को तैयार नहीं।
भोजपुर में दर्ज हो गया नाम
किशोरी सिंह ने बताया कि जब उन्होंने तहसील में जानकारी ली तो पता चला कि बिहार स्थित भोजपुर के राशन कार्ड संख्या 1029710900600552 में उनका नाम दर्ज हो गया है। वहीं पर कोई उनके हिस्से का राशन ले रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी रामरोशनी के नाम राशन कार्ड संख्या 213840419665 में उनका नाम दर्ज था।
भोजपुर डीएम ही निकालेंगे समाधान
पीड़ित किशोरी सिंह ने बताया कि वह बुधवार को भी पूर्ति कार्यालय समस्या लेकर पहुंचे थे, लेकिन वहां पर उन्हें बताया कि भोजपुर के डीएम को संपर्क करना होगा। पूर्ति कार्यालय के क्लर्क ने उन्हें भोजपुर डीएम के चार नंबर दिए है, जिन पर संपर्क करने और समस्या बताने से समाधान होने की बात कही गई है।
आधार कार्ड से हो सकती है गड़बड़ी: डीएसओ
जिलापूर्ति अधिकारी विनय सिंह का कहना है कि गड़बड़ी कैसे हुई, यह तो किशोरी सिंह ही बता सकते है। उनका आधार कार्ड बिहार के भोजपुर में लगा होगा, तभी उनका नाम वहां के राशन कार्ड में दर्ज हुआ है। उन्होंने कहा कि भोजपुर में ही डीएम को शिकायत भेजकर वह अपना नाम कटवा सकते हैं।
पहले भी हो चुका है इस तरह का मामला
जिला पूर्ति कार्यालय में इस तरह का यह पहला मामला नहीं आया है। इससे पहले भी एक राशन कार्ड धारक के साथ ऐसे हो चुका है। मेरठ क्षेत्र के ही एक कार्ड धारक का नाम छत्तीसगढ़ के मुंगेली में एक राशन कार्ड में दर्ज हो गया था। उन्हें भी इसके समाधान के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।