Tuesday, April 22, 2025
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वॉइसओवर आर्टिस्ट अपनी आवाज को बनाएं अपनी पहचान

PROFILE


वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में सफलता का सबसे बड़ा निवेश आपकी आवाज है। मधुर और स्पष्ट आवाज, आवाज को जरूरत के मुताबिक बदलने का हुनर और सुरीली आवाज से श्रोता को अपनी तरफ खींचने की कशिश ही एक वॉइस ओवर आर्टिस्ट को महान और कामयाब बनाता है। इस मुकाम को पाने के लिए अपनी आवाज को निरंतर निखारते रहने और उसे जरूरत के हिसाब से सँवारते रहने की जरूरत होती है। अपनी आवाज की रिकॉर्डिंग को सुनकर उसमें कमियों को सुधारने और उच्चारण को निरंतर मॉड्यूलेट करते रहने से जॉब्स के अवसर के लायक योग्यता बनी रहती है। वॉइस ओवर आर्टिस्ट का कार्य एक साधना है जिसमें कामयाबी के लिए निरंतर अभ्यास सबसे अहम शर्त है।

दबच्चों के कार्टून फिल्मों जैसे छोटा भीम, सूपरमैन, टॉम और जेरी, डोरोमेन इत्यादि में आपने जंगल में जानवरों को आदमी की आवाज में बोलते जरूर सुना होगा। या फिर टेलीविजन पर ऐनमैटिड सीरियल्स या अन्य विज्ञापनों में कलाकारों को मधुर आवाज में विभिन्न प्रोडक्टस के प्रचार करते भी अवश्य सुना होगा। इंग्लिश और अन्य दूसरी भाषाओं की फिल्मों में कलाकारों को हिन्दी या अन्य रीजेनल भाषाओं में फरार्टे से बोलते भी आपने जरूर सुना होगा। क्या आपने कभी यह सोचा है कि यह चमत्कार कैसे होता है? दरअसल ये सभी आवाज वॉइसओवर आर्टिस्ट के होते हैं जो अपनी आवाज को सिनेमा, टेलीफिल्म्स, टेलीविजन शो, टेलीविजन सोप ओपेरा, रेडियो कमर्शियल्स, डॉक्यूमेन्टरी, एनिमेशन, ई- लर्निंग प्रोग्राम्स इत्यादि के लिए देते हैं। एक वॉयसओवर आर्टिस्ट आॅफ कैमरा कमेन्टेटर होता है जो आर्टिस्ट डबिंग के माध्यम से या कैरिक्टर के आॅरिजनल वॉयस के रूप में कार्य करता है। आशय यह है कि एक वॉयसओवर आर्टिस्ट ऐसा प्रोफेशनल होता है जो लिखे गए मैसेज और कंटेन्ट को आॅडियो में विभिन्न भाषाओं में कन्वर्ट करता है।

आवश्यक कौशल
वॉइसओवर आर्टिस्ट का कॅरियर बोलने के हुनर पर निर्भर करता है। भाषा पर अच्छी पकड़, करेक्ट डिक्शन, वॉयस मॉड्यूलेशन में मास्टरी और आवाज की क्लेरिटी जैसे कौशल के साथ एक वॉयसओवर आर्टिस्ट के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है। इस डोमेन में कामयाबी के लिए निरंतर अभ्यास और खुद को अपडेटेड करते रहने की जरूरत होती है। इसके अतिरिक्त वॉइसओवर आर्टिस्ट के रूप में कॅरियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवार में निम्न गुणों का होना आवश्यक

माना जाता है
* मीठी आवाज, साफ और सटीक उच्चारण और फरार्टेदार बोलने की कला
* ऐक्टिंग स्किल्स का गुण, वॉयस रिकॉर्डिंग और औडियो इक्विपमेंट्स के बारे में जानकारी।
* टोन मॉड्यूलेशन, डिक्शन और रेंज अर्थात वराइइटी पर कमांड।
* कैरिक्टर के बॉडी लैंग्वेज के आधार पर लीप मूवमेंट को सिंनक्रनाइज करने की कला में महारथ।
* आवाज के अनुसार भावों के इक्स्प्रेशन में तालमेल करने का गुण।
* आवाज के पिच, पेस और वॉल्यूम में कन्सिस्टनसी।
* मिमिक्री की कला।
* टोन को नियंत्रित करने और रिदम को ग्रहण करने की कला।
* आवाज की वर्सटिलिटी ताकि वह बहुत सारे कैरिक्टर को सूट कर सके।

वॉइसओवर आर्टिस्ट क्या कार्य करते हैं
वॉयसओवर आर्टिस्ट के मुख्य जॉब प्रोफाइल्स निम्नांकित होते हैं
* वीडिओ और आॅडियो के लिए वॉयस रिकॉर्डिंग करना।
* रेडियो जिंगल्स, कार्टून कैरिक्टर्स, ऐनमैटिड सीरियल्स के कैरिक्टर्स को वॉयस देना।
* ऐड्वर्टाइजिंग एजेंसी के लिए कार्य करना और विभिन्न विज्ञापनों के पात्रों को आवाज देना।
* सिनेमा, डाक्यूमेंट्री और अन्य पर्मोशनल मटेरियल्स के कैरिक्टर्स को आवाज देना।
* टीवी शो, सिनेमा, ऐनमैटिड फीचर्स और अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए डबिंग करना।
* ई लर्निंग प्रोग्राम्स, पॉडकास्ट, कॉपोर्रेट सेक्टर और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक कार्य करना।

इस प्रकार एक वॉयसओवर आर्टिस्ट के जॉब प्रोफाइल को नैरेशन (कहानी वर्णन करने), औडियो बुक, कमर्शियल्स, विडिओ गेम्स, प्रोमो, ई झ्र लर्निंग, एनिमेशन और अन्य कई श्रेणियों में बांटा जा सकता है।

शुरुआत कैसे और कहां से करें
वॉइसओवर आर्टिस्ट का प्रोफेशन आवाज की जादू का होता है जिसमें कामयाबी की सबसे मुख्य कसौटी और ऐसेट आपकी वॉयस होती है। यही कारण है कि इस डोमेन में एंट्री के लिए किसी एजुकेशनल क्वालिफकैशन की जरूरत नहीं होती है, बल्कि अच्छी आवाज ही इसके लिए सबसे बड़ी अर्हता होती है। आवश्यक रेंज, टोन, पेस और रिदम वाले आवाज के साथ कोई भी उम्मीदवार इस डोमेन में अपना कॅरियर बना सकता है। लेकिन अपनी आवाज को निखारने, व्यक्तित्व को सँवारने, आवाज को मॉड्यूलेट करने और इस पेशे के कुछ आवश्यक ट्रिक्स को जानने के लिए मीडिया हाउस के द्वारा आयोजित कुछ शॉर्ट टर्म स्पेशलाइज्ड प्रोग्राम्स और वर्कशॉप्स में प्रशिक्षण आवश्यक होता है। वॉयस ओवर आर्टिस्ट बनने के इच्छुक उम्मीदवार निम्नांकित संस्थाओं से कोर्स करके प्रोफेशनल कौशल प्राप्त कर सकते हैं-
-एशियन अकादमी आॅफ फिल्म एंड टेलीविजन, नॉएडा
-मारवाह स्टूडियो नॉएडा
-इंडियन स्कूल आॅफ कम्युनिकेशन पुणे
-आरके फिल्म्स एण्ड मीडिया अकादेमी, नई दिल्ली
-सिम्बायोसिस इंस्टिट्यूट आॅफ मास कम्युनिकेशन पुणे
-जेवियर इंस्टिट्यूट आॅफ कम्युनिकेशन मुंबई
-इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ मास कम्यूनिकेशन, नई दिल्ली
-इंस्टिट्यूट आॅफ वॉयस कल्चर एण्ड डिजिटल डबिंग स्टूडियो, मुंबई

चूंकि वॉयसओवर आर्टिस्ट के डोमेन में आवाज ही सबसे बड़ी अर्हता और निवेश है और इसके लिए किसी फॉर्मल एजुकेशनल क्वालिफिकेशन की बाध्यता नहीं होती है, इसीलिए यह अत्यंत गला काट प्रतियोगिता का क्षेत्र बन चुका है जिसमें कॅरियर और जॉब का डोमेन उम्मीदवार की पब्लिसिटी और प्रोफिशन्सी पर निर्भर करता है। एक वॉइस ओवर आर्टिस्ट डबिंग आर्टिस्ट भी बन सकता है। इसमें कामयाबी ओपन आॅडिशन या टैलेंट एजेंसी से संभव हो सकता है।
अपनी आवाज के रिकार्ड किए गए प्रोफेशनल डेमो सीडी को किसी क्लाइंट को भेजकर इस डोमेन में कॅरियर की शुरुआत की जा सकती है। शुरू में वॉयसओवर आर्टिस्ट रेडियो प्रोग्राम, विज्ञापन और अन्य प्रोजेक्ट के लिए इस प्रकार के डेमो, रेज्यूम और अपनी आवाज की सीडी भेजकर अपने लिए जॉब की तलाश कर सकते हैं। वॉइसओवर आर्टिस्ट के लिए सबसे अधिक जॉब के अवसर आॅडिशन के जरिए उपलब्ध होते हैं। वॉइस से जुड़ी एजेंसियों में आॅडिशन देने से भी जॉब्स के अवसर खुलते हैं। मीडिया चैनल्स, विज्ञापन कंपनियों, स्पोर्ट्स इंडस्ट्री, प्रोडक्शन हाउस को इस प्रकार के वॉइस ओवर आर्टिस्ट की काफी अधिक मांग होती है। रेडियो में रेडियो जॉकी के रूप में भी जॉब्स के अवसरों की कोई कमी नहीं है। हाउस आॅडिशन देते रहने से अपनी कला में निखार तो आता ही है साथ ही इसमें बेशुमार अवसरों की राहें भी खुलती हैं।

फेसबुक, इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया के अन्य चैनलों पर भी वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में अवसर पाने के लिए डेमो, सीडी और रेज्यूम को पोस्ट करते रहने से भी इस डोमेन में जॉब्स के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। इस माध्यम से रिकॉर्डिंग स्टूडियो, टीवी और केबल स्टेशन, मल्टीमीडिया कंपनियों में भी जॉब्स के भरपूर अवसर उपलब्ध हैं। वैसे आज के सोशल मीडिया और इनफार्मेशन टेक्नॉलोजी की क्रांति के युग में खुद का वेल इक्विप्ड होम स्टूडियो भी इस डोमेन में कॅरियर को काफी बढ़ावा दे सकता है।

जॉब्स के अवसर कहां हैं
विज्ञापन एजेंसी, रेडियो और टेलीविजन इंडस्ट्री, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा और फैशन इंडस्ट्रीज, कार्टून नेटवर्क चैनल्स, डाक्यूमेंट्री, डिस्कवरी और अन्य हिस्टॉरिकल चैनल, निजी और सरकारी एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स में ई-लर्निंग कोर्स, नेशनल जीअग्रैफिक चैनल्स, ड्रामा स्कूल, ऐनमैटिड मूवीज इंडस्ट्री, आॅनलाइन एजुकेशनल प्रोजेक्ट, विडिओ गेम्स इंडस्ट्री, कॉपोर्रेट और बड़े बिजनेंस हाउस, पॉडकास्ट इंडस्ट्री आदि।
                                                                                                 -श्रीप्रकाश शर्मा


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