नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म करवाचौथ का त्योहार बहुत विशेष माना जाता है। यह सुहाग से जुड़े सभी व्रतों में सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए और तरक्की के लिए निर्जला उवास रखती हैं। यह कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। वहीं, पूरे दिन व्रत रखकर महिलाएं चांद निकलने पर पारण करती हैं।
वहीं, करवा चौथ मुख्य रूप से पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में मनाया जाता है, जो सभी सुहागिनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। करवा चौथ पर करवा माता की पूजा का विधान है। ऐसे में व्रत कथा सुनने और माता की पूजा करने से अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही उनका दाम्पत्य जीवन खुशहाल रहता है।
बताया जा रहा है कि इस बार करवा चौथ पर व्यतीपात योग बन रहा है। इस योग में पूजा करने से सुखी परिवार का आशीर्वाद मिलता है। तो ऐसे में आइए इस दिन चांद निकलने के समय से लेकर पूजा विधि के बारे में जानते हैं।
तिथि
- कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि- 19 अक्तूबर 2024 को शाम 06 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी।
- तिथि का समापन-20 अक्तूबर को दोपहर 03 बजकर 47 मिनट पर होगा।
- उदया तिथि के अनुसार करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 दिन रविवार को रखा जाएगा।
चांद के निकलने का समय
इस साल करवा चौथ पर पूजा का समय 20 अक्तूबर शाम 5 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा, और शाम 7 बजकर 02 मिनट तक रहने वाला है।
पूजन विधि
- करवा चौथ के दिन सुबह ही स्नान कर लें। फिर मुहूर्त के अनुसार करवा चौथ व्रत की कथा सुनें। इसके बाद सभी बड़ों के पैर छुएं और आशीर्वाद प्राप्त करें।
- अब शाम की पूजा के लिए थाली में फूल, धूप-दीप, रोली, मिठाई और पानी का लोटा रख लें।
- इस दौरान करवा में चावल भरकर उसे दक्षिणा के रूप में रख दें।
- आप अपने रिवाजों के आधार पर अन्य दान के सामानों को भी रख सकते हैं।
- इसके बाद चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- अब छलनी की सतह पर जलता हुआ दीया रखें और चंद्र दर्शन करें।
- बाद में इसी छन्नी से पति का मुख देखें।
- फिर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत का पारण करें। इस दौरान सभी बड़ो का आशीर्वाद जरूर लें।
- आप करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें, और उनके पैर छू लें।