जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नई बायोफ्यूल पॉलिसी बनाने एवं नई एमएसएमई नीति के साथ ही उत्तर प्रदेश के राज्य योजना आयोग का पुनर्गठन कर स्टेट ट्रांसफॉरमेशन कमीशन के रूप में विकसित किए जाने सहित बीस नए प्रस्ताव पास कर दिए। मंगलवार को लोकभवन सभागार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित यूपी मंत्री परिषद की बैठक मे जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है उनमें कई बड़े नीतिगत फैसले भी लिए गए हैं। इसकी जानकारी देते के लिए नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा व पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता कर पत्रकारों की इसकी जानकारी दी।
नगर विकास मंत्री ने परिषद के द्वारा मंजूर प्रस्तावों की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें ऊर्जा विभाग के अंतर्गत जैव ऊर्जा से संबंधित नई बायोफ्यूल पॉलिसी के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। जिसके अंतर्गत किसानों की आय बढ़ाने,पराली जलाने से उत्पन्न वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी। वही जैव अपशिष्ट का निस्तारण वैज्ञानिक विधि से हो सकेगा। खेतों की उर्वरता बढ़ेगी एवं पर्यावरण अनुकूल जैव ऊर्जा के उत्पादन में बढ़ोतरी भी होगी। इसके तहत 5 वर्ष में स्थापित होने वाली जैव ऊर्जा परियोजनाओ, बायोगैस, बायोकॉल, बायोएथेनॉल तथा बायोडीजल, पर भारत सरकार की अतिरिक्त उत्पादन योजना पर इंसेंटिव दिया जाएगा।
इसके जैव ऊर्जा उद्यमी एवं संयंत्रों की स्थापना तथा फीडस्टॉक के संग्रहण एवं भंडारण के लिए अधिकतम 30 वर्षों की लीज अवधि पर भूमि एक रूपये प्रति एकड़ वार्षिक के टोकन लीज रेंट पर दी जाएगी। इसके साथ ही मंत्री ने बताया कि योगी सरकार ने मंत्रिपरिषद की बैठक में नई एमएसएमई नीति 2022 को भी मंजूरी दी है। इस पर जानकारी देते हुए अरविंद शर्मा ने कहा कि नई एमएसएमई नीति से प्रदेश में लाखों लोगों को रोजगार मिले और प्रदेश का विकास हो इसके लिए सरकार ने यह नई नीति बनाई है। इसके तहत पूरे प्रदेश में हर ग्रामीण क्षेत्र में एमएसएमई छोटे-छोटे लघु एवं मध्यम उद्यम की स्थापना के लिए ग्राम सभाओं में 5 एकड़ जमीन चिन्हित की जाएगी। जो उद्योग निदेशालय को दी जाएगी। जिसमें उद्योग लगाने का प्रयास होगा।
इसके साथ ही सभी एक्सप्रेसवे के अगल-बगल औद्योगिक कॉरीडोर में भी 5 किलोमीटर के अंतर्गत 5 एकड़ से अधिक भूमि उद्योग निदेशालय को इंडस्ट्रियल क्लस्टर के विकास के लिए देगी। इसके अलावा योगी सरकार ने बैठक में जिस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी सहमति जताई है उसमें उत्तर प्रदेश राज्य योजना आयोग को पुनर्गठित करने का प्रस्ताव पास कर दिया गया। इसके अंतर्गत 1972 के समय बना यूपी के राज्य योजना आयोग को सरकार पुनर्गठित कर स्टेट ट्रांसफॉरमेशन कमीशन के रूप में विकसित करेगी।
यह कमीशन योजना आयोग के पुराने कार्यों के साथ ही एक थिंक टैंक के रूप में अलग-अलग विशेषज्ञों के साथ संवाद स्थापित कर, राय लेकर प्रदेश के विकास में वर्तमान नीतियों में बदलाव और नई नीतियों का निर्माण करते हुए कार्य करेगा। यह कमीशन पीपीपी मॉडल पर वित्तीय संसाधनों के डेवलपमेंट आदि का ध्यान रखते हुए केंद्रीय योजनाओं वह एजेंसियों के मार्फत भी आउटकम बेस्ड परफॉर्मेंस पर काम करेगा।
नए कमीशन की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। उनके साथ दोनों उपमुख्यमंत्री समेत प्रदेश के वित्त मंत्री, कृषि, समाज कल्याण, पंचायती राज, औद्योगिक विकास, जल शक्ति, नगर विकास, नियोजन विभाग के राज्यमंत्री पदेन सदस्य होंगे। इस नए एसटीसी में उपाध्यक्ष के पद पर किसी आर्थिक एवं वित्त विभाग के जानकार एवं विषय विशेषज्ञ को मुख्यमंत्री द्वारा चयनित किया जाएगा। एवं इन सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसमें जोड़ा जाएगा।
वही यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि बुंदेलखंड के चित्रकूट जनपद में टाइगर रिजर्व क्षेत्र को विकसित किया जाएगा। उसके अंतर्गत पंचायत रानीपुर में पार्क की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इसमें वन्य जीव विहार में लगभग 52000 हेक्टेयर से अधिक भूमि को अधिकृत कर 50% केंद्र सरकार व 50% राज्य सरकार के खर्च पर इसे विकसित किया जाएगा। इसके अलावा मंत्री उपनिबंधक कार्यालयों में डिजिटल रजिस्ट्री कार्य को और विस्तार पूर्वक करते हुए पिछले 2017 से पहले 2002 तक की सभी संपत्तियों का डिजिटलाइजेशन कर उन्हें संरक्षित करने की शुरुआत की जाएगी।
इस कार्य को अगले 1 साल के भीतर संपन्न कर लिया जाएगा। इससे विगत 2002 से अब तक की सभी रजिस्ट्री पत्र डिजिटल रूप से संरक्षित कर लिए जाएंगे। इसके साथ ही पर्यटन मंत्री ने एक अन्य निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि अयोध्या के विकास को लेकर योगी सरकार काफी गंभीर है इसी के तहत अयोध्या 2047 मिशन के अंतर्गत निजी निवेशकों के माध्यम से यात्री निवास डॉरमेट्री, बड़ी पार्किंग, आदि का निर्माण सरकार कराएगी। वर्तमान में अयोध्या लगभग 100 से अधिक होटल एवं साधु संतों के आश्रमों में स्थित 30,000 कमरों का भी विकास आदि का कार्य सरकार कराने की तैयारी कर रही है। इस प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है।
वहीं एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के के बारे में बताते हुए मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश में ग्राम पंचायतों में डिस्टिक सेवा पोर्टल पर आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि जारी करने के लिए 15 रुपए सुविधा शुल्क लिए जाते है जो कि ग्राम पंचायत के खाते में जमा करा दिए जाते हैं। मंत्रिपरिषद ने इस में परिवर्तन करते हुए रूपये 5 पंचायत सहायक को देकर शेष बचे रूपये 10 पंचायत के खाते में जमा करने के निर्णय को मंजूरी दी है।
इसके अलावा यूपी की योगी सरकार ने अब 50 करोड़ से अधिक के पीडब्ल्यूडी विकास कार्यों कब स्टेट ट्रांसफॉरमेशन कमीशन में एक पीएमयू की व्यवस्था की जाएगी इसे प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के रूप में विकसित कर बेहतरीन गुणवत्ता के साथ प्रदेश के सरकारी भवनों के निर्माण की उचित व्यवस्था कर दी जाएगी। यह यूनिट आयोग में बेहतर विषय विशेषज्ञों से संवाद स्थापित कर केंद्रीय एजेंसियों आदि के सहयोग से भी इन निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग करेगी। इसके साथ ही योगी सरकार ने 10 अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों पर भी मंगलवार को अपनी मुहर लगाई।