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आठ साल के बेटे के सामने मां से हुआ था रेप, 10 साल बाद आया फैसला
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: जिले में 7 सितंबर 2013 में भड़के दंगे में 7 महिलाओं के साथ रेप किया गया था। इस मामले में 10 साल बाद कोर्ट ने एक महिला के साथ रेप करने वाले 3 आरोपियों में से 2 को दोषी माना है। वहीं एक आरोपी की सुनवाई के 2 साल पहले मौत हो चुकी है। कोर्ट ने दोनों दोषियों को 20-20 साल की सुनाई है। साथ ही 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
इन आरोपियों ने महिला के बेटे के सामने उससे रेप किया था। महिला के विरोध करने पर इन लोगों ने उसके मासूम बेटे की गर्दन पर चाकू रख दिया था। सभी आरोपी महिला को अधमरा समझ कर छोड़कर मौके से फरार हो गए थे। रेप करने वाले दोषियों के नाम कुलदीप पुत्र ओमकारा, महेश वीर पुत्र प्रकाश और सिकंदर पुत्र इकबाल है। ये सभी लोग अभी जमानत पर बाहर थे। महिला ने सभी के खिलाफ घटना के लगभग साढ़े 5 महीने बाद केस दर्ज करवाया था।
दंगे में हुए सभी अपराधों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। रेप के मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद सभी आरोपियों को साल 2014 में जेल भेज दिया गया था। हालांकि बाद में ये सभी आरोपी जमानत पर बाहर आ गए थे।
पीड़िता के वकील एडवोकेट रिजवान अहमद का कहना है कि कोर्ट ने पीड़िता के बयान और सबूतों के आधार पर ये सजा सुनाई है। आरोपी अपना पक्ष कोर्ट में साबित नहीं कर पाए हैं। न्याय मिलने के बाद पीड़िता खुश है। वहीं दोषी सिकंदर और महेश वीर ने अपने ऊपर लगाए आरोपों को गलत बताया है। दोषियों का कहना है, पहले सिर्फ मारपीट और आगजनी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। बाद में रेप की धारा भी जोड़ दिया गया। हम लोगों को झूठा फंसाया गया है।
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