- आरोपी दीपक चौधरी को एसटीएफ ने मथुरा से किया गिरफ्तार, वृंदावन में संत के यहां रहकर की सेवा
- फरारी के दौरान मथुरा में की तीसरी शादी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: तीन साल पहले साली की हत्या करके फरार चल रहे 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश को एसटीएफ ने वृंदावन से गिरफ्तार कर लिया है। फरारी के बाद आरोपी ने मथुरा में एक आश्रम में संत की सेवा करने लगा और तीसरी शादी कर ली।
एसटीएफ के एएसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि जनवरी 2018 में थाना पल्लवपुरम में प्रीति हत्याकांड की सनसनीखेज घटना घटित हुई थी। इस घटना को अंजाम देने वाले 50 हजार के इनामी दीपक चौधरी को एसटीएफ ने वृंदावन से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार दीपक ने पूछताछ पर बताया कि उसकी शादी वर्ष 2003 में मंजू निवासी शामली से हुई थी। शादी के दो वर्ष बाद बेटी पैदा होने पर साली प्रीति घर रहने आई और उस दौरान इसके और प्रीति के बीच नजदीकी पैदा हो गयी।
वर्ष 2006 में इसने अपनी पत्नी को घर छोड़कर प्रीति को लेकर लुधियाना चला गया। वर्ष 2017 में इसकी पत्नी मंजू और साली साथ रहने लगे। पत्नी मंजू से एक बेटी हुई जिसके नाम से इसने मार्केटिंग कम्पनी खोली, जिसमें प्रीति को प्रोपराइटर रखा। वर्ष 2012 में मंजू व प्रीति दोनो से एक-एक लड़का पैदा हुआ तो 2016 में क्वीन्स लैंड पार्क कालोनी में एक फ्लैट प्रीति के नाम से खरीदा और वहां रहने लगा तथा मंजू मोदीनगर रहती थी।
धीरे-धीरे प्रीति का मन इसके तरफ से हटने लगा। गत 30 दिसंबर 2018 की रात को वह मोदीनगर से अचानक पल्लवपुरम आया तो प्रीति घर पर नहीं मिली और देर रात घर पर आई। जिस पर दोनों की आपस में बहुत लड़ाई हुई। इसने गुस्से में उसका चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी और वहां से फरार हो गया तथा पत्नी मंजू को फोन पर इस घटना के संबंध में बताया। इसके बाद यह बस से इलाहाबाद चला गया और नेट से सर्च कर हाईकोर्ट के सबसे अच्छे वकील का नम्बर निकाला और उनसे सम्पर्क किया। वकील ने इससे कहा कि तुम सरेंडर हो जाओ और 20 लाख रुपये लगेगे तुम्हारी बेल करा दूंगा।
यह एक आश्रम में चला गया। 5-7 दिन वहां रहने के बाद वृन्दावन मथुरा आ गया तथा यमुना किनारे महाराज जी की सेवा करने लगा। एक माह उनकी सेवा करने पर लगभग 25-30 हजार दान से इकट्ठा हो गये तो यह एक वकील के माध्यम से आगरा के मार्केटिंग व्यापारी शर्मा के पास गया तथा उसके साथ मिलकर मार्केटिंग का काम शुरू कर दिया तथा वहां आॅफिस में एक कीर्ति नाम की रिसेप्शनिस्ट रखी। एक महीने व्यापारी शर्मा के साथ काम किया पर उसने इसे धोखा दे दिया। चूंकि यह अपना आधार, पैन आदि पकड़े जाने के डर से कही प्रयोग नहीं कर रहा था। इसलिए अपने नाम से कही काम शुरू नहीं कर पा रहा था।
इसने कीर्ति को अपने भरोसे में लिया और उसके पहचान पत्र आदि लगाकर उसकी मां सुधा के नाम से सुधा सेल्स कापोर्रेशन कम्पनी शुरू की और कीर्ति के साथ आगरा में किराये पर रहने लगा। उसने झूठ बोला कि मेरी पत्नी रोड एक्सीडेंट में मर गयी हैं तथा ससुराल वालों ने उसकी हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। वर्ष 2019 में कीर्ति से शादी कर ली। कीर्ति से भी एक बेटा पैदा हुआ। वर्ष 2020 में कीर्ति और बेटे के साथ वो वृन्दावन में शिफ्ट हो गया और श्रीगणेश सिटी कालोनी में किराये पर रहने लगा।
इसने प्रेस का फर्जी पहचान पत्र बना रखा था जिससे जहां भी चेंकिंग हो तो मुझे अपना डीएल, आधार कार्ड आदि न दिखाना पड़े और प्रेस के कार्ड को दिखाकर निकल जाता था। जब कभी भी घर बात करना होता था मथुरा से दूर खाटूश्याम, धौलपुर, हरिद्वार आदि स्थानों पर जाकर किसी का फोन मांग कर अपने घर फोन करता था तथा फोन कर वापस मथुरा आ जाता था।