Friday, April 19, 2024
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57 साल का विवि: पढ़ाई से लेकर रिसर्च तक नाम

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  • नए सत्र से नई शिक्षा नीति के तहत शुरू हो रहे रोजगार परक कोर्स
  • विवि का टैंट से शुरू हुआ था सफर, यूजी-पीजी में 500 से ज्यादा चल रहे है कोर्स

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कागज और पेन के साथ एमफिल एवं रिसर्च के लिए शुरू हुए चौधरी चरण सिंह विवि ने 57 साल का बड़Þा मुकाम हासिल कर लिया है। इन 57 वर्षो में विवि न केवल यूजी-पीजी कोर्स में आगे बढ़ा है, बल्कि खुद को तकनीकी गुणवत्ता और रिसर्च में भी स्थापित किया है। नैक और रिसर्च में विवि प्रदेश के अन्य विवि से काफी आगे है।

बता दें कि चौधरी चरण सिंह विवि सन 1969 में एमफिल की शुरुआत करने वाला पहला विवि बना। पीएचडी के बाद 1973 में विवि में पीजी कोर्स शुरू किए गए। आज विवि परिसर में बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी, एमकॉम, पत्रकारिता कोर्स, कृषि विज्ञान, मानविकी, सामाजिक विज्ञान, शारीरिक शिक्षा समित 50 से अधिक कोर्स संचालित किए जा रहे है।

इतना ही नहीं विवि नई शिक्षा नीति को लागू करने में भी पीछे नहीं रहा है। नई शिक्षा नीति के तहत विवि के अधिकांश विभागों में जहां सिलेबस तैयार किया गया है वहीं नई शिक्षा नीति के तहत रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विवि स्तर पर कई तरह के रोजगार परक कोर्स और शार्ट टर्म कोर्स शुरू किए गए हैं, जो कि नए सत्र से संचालित किए जाएंगे।

वहीं इस बार सबसे बड़ी बात यह रही है कि 57 साल से दो मंडलों का बोझ उठा रहा चौधरी चरण सिंह विवि अब केवल एक ही मंडल के कॉलेजों के कार्यभार को देखेगा। क्योंकि सहारनपुर विवि बनने के बाद मेरठ विवि से तीन जिले अलग हो चुके हैं। जिसमें सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर शामिल है।

छात्रों को घर बैठे डिग्री उपलब्ध करा विवि

तकनीकी और आधुनिकता की दौड़ में शामिल हो रहा चौधरी चरण सिंह विवि अब छात्र-छात्राओं को घर बैठे प्रोवेजन सर्टिफिकेट और माइग्रेशन उपलब्ध करा रहा है। ऐसे में विवि लाखों छात्रों को राहत दे चुका है। वहीं विवि पूरी तरह पेपर लेस होने की ओर भी काम कर रहा है

ताकि छात्र-छात्राओं को किसी तरह की परेशानी न हो और सभी काम आॅनलाइन माध्यम से किए जा सके। विवि में पूरे साल 50 लाख के करीब बिजली यूनिट की खपत होती है। विवि इसके लिए पहले पौने चार करोड़ रुपये तक का बिल पेय करता था, लेकिन विवि में सौर ऊर्जा प्लांट लगने के बाद विवि को 3.90 रुपये प्रति यूनिट में बिजली मिल रही है।

इन नए कोर्स में होगी पढ़ाई

फिल्म प्रोडेक्शन, सिमोटोग्राफी, योग में डिप्लोमा, ज्वैलरी डिजाइनिंग, ज्योतिष, कर्मकांड में सर्टिफिकेट कोर्स, सर्टिफिकेट एंड वीडियों एडिटिंग आदि।

क्या-क्या बदला

  1. परीक्षा फार्म आॅनलाइन और परिणाम भी आॅनलाइन।
  2. सेमेस्टर की मार्कशीट आॅनलाइन और छात्र प्रिंट भी ले सकते हैं।
  3. 14 सौ किलोमीटर का सौर कैंपस प्राकृतिक ऊर्जा पर चल रहा।
  4. 42 रेन वॉटर हार्वेस्टिंग यूनिट प्रति वर्ष बचा रही लाखों यूनिट और पानी।
  5. माइग्रेशन, प्रोविजनल सर्टिफिकेट और डिग्री आॅनलाइन।
  6. प्राइवेट छात्रों को कोरियर द्वारा घर पहुंचाई जा रही डिग्री।
  7. सिंगल विंडो सिस्टम से काम और छात्रों के लिए छात्र सहायता केंद्र पर विशेष काउंटर।
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