Friday, March 29, 2024
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अब हस्तिनापुर और जंबूद्वीप का इतिहास जान सकेंगे छात्र

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  • विवि के इतिहास विभाग में शुरू हो रहे तीन नए कोर्स
  • दिल्ली विवि के बाद अब सीसीएसयू में होगी इतिहास में बीए आॅनर्स की पढ़ाई

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: चौधरी चरण सिंह विवि के इतिहास विभाग में पहली बार बीए इतिहास आॅनर्स कोर्स शुरू होने जा रहा है। साथ ही एमए इन एंशिएंट इंडियन हिस्ट्री कल्चर एंड आर्केलॉजी पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है। छात्र जहां हस्तिनापुर और जंबूद्वीप के बारे में जान सकेंगे वहीं सिनौली के उत्खनन में मिले नए साक्ष्यों को ही भारतीय प्राचीन व पुरातात्विक इतिहास के तौर पर पढ़ाया जाएगा।

बता दें कि सिनौली के उत्खनन में मिले नए साक्ष्यों ने महाभारत कालीन समय के पुख्ता सबूत दुनियर के सामने ला दिए है। डिस्कवरी चैनल की ओर से भी सिनौली पर एक डॉक्यूमेट्री तैयार की गई है जिसे अभिनेता मनोज बाजपेई की एंकरिंग के साथ टेलीकॉस्ट भी किया जा चुका है। इतिहास विभाग में शुरू हो रहे तीन नए कोर्स की जानकारी देने के लिए गुरुवार को विभाग में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया।

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वार्ता को संबोधित करते हुए इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. विघ्नेश कुमार ने बताया कि विभाग में इस वर्ष तीन नए कोर्स शुरू होने जा रहे है। जिसमें दिल्ली विवि के बाद मेरठ विवि के इतिहास विभाग में बीए आॅनर्स का कोर्स शुरू होने जा रहा है। वहीं दूसरा कोर्स टूरिज्म के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को देखते हुए होटेलियरिंग के क्षेत्र में रोजगार के नवीन अवसरों की दृष्टि से पीजी डिप्लोमा इन टूरिज्म एंड होटेलियरिंग कोर्स और एमए एंशिएंट इंडियन हिस्ट्री कल्चर एंड आर्केलॉजी भी शामिल है।

प्रो. अराधना ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत रोजगार के नए अवसर खोजे जा रहे है जिसके तहत इन कोर्स को शुरू किया जा रहा है। पीजी डिप्लोमा इन टूरिज्म एंड होटेहलयरिंग कोर्स के छात्रों को जानकारी देने के लिए हस्तिनापुर, मवाना, गढ़मुक्तेश्वर, जंबूद्वीप, सिसोली, भामोरी आदि का भ्रमण कराया जाएगा। क्योंकि देखने में आता है कि छात्र-छात्राओं को हस्तिनापुर तक का इतिहास ज्ञात नहीं होता है। वार्ता में डा. योगेश और डा. कुलदीप त्यागी आदि मौजूद रहे।

इतनी होगी सीटें

तीनों ही पाठ्यक्रम में 40-40 सीटें होगी और प्रति सेमेस्टर 10 हजार रुपये शुल्क लगेगा। विवि के इतिहास विभाग में आयोजित प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी गई।

विवि में ज्वेलरी डिजाइनिंग की भी होगी पढ़ाई

चौधरी चरण सिंह विवि के छात्र अब ज्वेलरी डिजाइनिंग और बीए इंग्लिश आॅनर्स का कोर्स भी कर सकेंगे। अब तक बीए इंग्लिश आॅनर्स का कोर्स करने के लिए छात्र-छात्राओं को दिल्ली विवि का रुख करना पड़ता था, लेकिन नए सत्र से यह व्यवस्था विवि के अंग्रेजी विभाग में भी शुरू होने जा रही है।

बता दें कि गुरुवार को विवि में हुई विद्वत परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। अंग्रेजी विभाग में बीए आॅनर्स, योग विभाग में बीए योग और ललित कला विभाग में बीएससी ज्वेलरी डिजाइनिंग यानि बी-डेस और बैचलर फाइन आर्ट्स का कोर्स भी शुुर करने का निर्णय लिया गया है। वहीं परिषद ने हिंदी विभाग का नाम बदलकर हिंदी एंड अदर मॉडर्न इंडियन लैंग्वेज यानि हिंदी और अन्य आधुनिक भारतीय भाषाएं कर दिया है।

बैठक के दौरान विद्वत परिषद द्वारा एक संकाय का गठन भी किया गया जिसमें फैकल्टी आॅफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट बनाए जाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही फैक्ल्टी आॅफ एजुकेशन का नाम बदलकर फैकल्टी आॅफ टीचर्स एजुकेशन करने का निर्णय भी लिया गया। वहीं विवि में फैकल्टी बनाने पर भी चर्चा चल रही है। जिसकी कार्रवाई जल्द ही पूरी हो सकती है।

बैठक के दौरान विवि कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने विवि से जुड़े छह जिलों के कॉलेजों के लिए और भी कई अहम् फैसले लिए, जिसमें सबसे बड़ा फैसला गौतबुद्धनगर के जेवर में बनने वाले राजकीय महाविद्यालय के लिए लिया गया। अब जेवर महाविद्यालय में छात्र-छात्राएं बीए, बीकॉम और बीएससी की पढ़ाई भी कर सकेंगे।

वहीं, इस महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए रोजगार परक कोर्स भी शुरू किए जा रहे हैं, जिसमें फिल्म, एविएशन, डिफेंस स्टडीज के साथ कई और कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। बैठक में प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार, प्रो. भूपेंद्र, प्रो. हरे कृष्णा, प्रो. एनसी लोहानी आदि मौजूद रहे।

अब अंग्रेजी के छात्र पढ़ेंगे जयप्रकाश नारायण की प्रिजन डायरी

चौधरी चरण सिंह विवि के अंग्रेजी विभाग के छात्रों को अब लोकनायक जयप्रकाश नरायण की प्रिजन डायरी पढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय का इंटीग्र्रल हूमनिज्म भी कोर्स में शामिल किया गया है। वहीं इसमें महात्मा गांधी की माय एक्सपेरिमेंट विथ टूथ भी शामिल है। डायरी आॅटोबॉयोग्राफी और बॉयोग्राफी के तहत सभी बिंदू बीए इंग्लिश आॅनर्स पाठ्यक्रम में शामिल किए गए हैं।

अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डा. विकास शर्मा ने बताया कि यह सभी अंग्रेजी में पढ़ाए जाएंगे और इनकी किताबें भी उपलब्ध है। गुरुवार को बैठक में मुहर लगने के बाद अब विवि से छात्र तीन साल में बीए इंग्लिश आॅनर्स कर सकेंगे। यह पाठ्यक्रम छह सेमेस्टर यानि तीन साल का होगा। हर सेमेस्टर 400 अंक यानि कुल मिलाकर 2400 अंक की परीक्षा होगी। परिसर में इनकी 30 सीट होगी।

हर सेमेस्टर में एक प्रैक्टिकल और तीन थ्यौरी पेपर होंगे। इसके अलावा छात्रों को राष्ट्रीय और विभागीय सेमिनार में प्रतिभाग करना, शैक्षिक भ्रमण, ग्रुप डिस्कशन, मौखिक परीक्षा, बुक रिव्यू और लाइब्रेरी वर्क तीन सालों के दौरान करने होंगे। अंतिम सेमेस्टर में छात्रों को लघु शोध प्रबंध लिखना होगा। जिसको 30 पेज में पूरा करना होगा।

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