- एमडीए को लिखी चिट्ठी, ग्रीन बेल्ट में करें निर्माण पर कार्रवाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एनएचएआई की टीम मंगलवार की सुबह खड़ौली स्थित निर्माणाधीन तीनों दुकानों का निर्माण रुकवाने के लिए पहुंची। एनएचएआई की टीम ने हाइवे के किनारे से नौ मीटर की पैमाइश की, जिसके दायरे में दुकानों का निर्माण नहीं आया। एनएचएआई की लैंड को छोड़कर दुकानों का निर्माण किया जा रहा था। अब एनएचएआई ने एक पत्र मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) को लिखा है, जिसमें एमडीए से ग्रीन बेल्ट में निर्माण की जा रही तीनों दुकानों के ध्वस्तीकरण के लिए कहा है।
दरअसल, एमडीए इंजीनियरों की सेटिंग से ही तीनों दुकानों का निर्माण किया जा रहा है, जिसके चलते निर्माण को रुकवाया तक नहीं गया। यदि जबरिया दुकानों का निर्माण किया जा रहा है तो इसमें थाने में एफआईआर क्यों दर्ज नहीं कराई जा रही हैं। एनएच-58 पर अतिक्रमण व होर्डिंग्स को लेकर ‘जनवाणी’ने मुहिम चला रखी हैं। इस मुहिम के तहत खड़ौली में तीन दुकानों के अवैध निर्माण का मामला भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद ही एनएचएआई की टीम यहां मौके पर पहुंची।
उधर, एमडीए इंजीनियर राकेश पंवार का कहना है कि तीनों दुकानों का निर्माण ग्रीन बेल्ट में किया जा रहा हैं, जिसके खिलाफ तीन नोटिस जारी किये जा चुके हैं। अब इसमें सील की कार्रवाई की जाएगी। सील के बाद भी निर्माण किया जाएगा तो एफआईआर दर्ज करायी जाएगी। हाइवे पर अवैध निर्माणों की बाढ़ आ गई है। ज्यादातर निर्माण ग्रीन बेल्ट में बनाये जा रहे हैं, जिनको रोका नहीं जा रहा हैं। नोटिस थमाकर इंजीनियर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। इसके बाद भी अवैध निर्माण चलता रहता हैं।
सरकारी जमीन पर कैसे बन गई बिल्डिंग?
मेरठ: गांधी आश्रम से सटे नाले पर एक बड़ा अवैध निर्माण चल रहा हैं। यह अवैध निर्माण सरकारी जमीन कब्जाकर किया जा रहा हैं। पहले भी इसमें लिंटर डालकर निर्माण कर दिया गया था। यह मामला एमडीए में पहुंचा था, जब नौ जून को एमडीए की टीम ने सरकारी जमीन में बनाये गए निर्माण को गिरा दिया था। अब फिर से सरकारी जमीन पर निर्माण कर दिया गया है।
लिंटर भी डाल दिया गया हैं, लेकिन इस बार एमडीए के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली हैं। जब पहले यह निर्माण सरकारी जमीन में था और अवैध भी था, फिर इस बार एमडीए ने निर्माण कैसे होने दिया? पहले भी ‘जनवाणी’ ने यह मामला उठाया था, जिसके बाद ही सरकारी जमीन से एमडीए इंजीनियरों ने निर्माण गिरा दिया था। अब फिर कब होगी कार्रवाई?