Wednesday, January 22, 2025
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जानिए, यूएई-इजरायल की दोस्ती क्यों कैसे हुई अहम ? क्यों पाकिस्तान हो रहा परेशान ?

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि ऐसे समय में जब नई दिल्ली और अबु धाबी के बीच रिश्तों में मजबूती आ रही है, इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच रिश्ते सामान्य होने से कई अवसर खुल गए हैं।

भारत ने यूएई और इजरायल के बीच डील का स्वागत किया है और दोपक्षीय समाधान के लिए इजरायल और फिलिस्तीन में सीधी बातचीत शुरू करने की अपील की है।

यूएई और इजरायल के बीच सामान्य हो रहे रिश्तों के संदर्भ में जयशंकर ने गल्फ न्यूज से कहा, ”जब दो रणनीतिक दोस्त साथ आते हैं तो इससे कई अवसर सामने आते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि भारत और यूएई के संबंध तेजी से बढ़ रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा, ”यूएई भारत के विस्तारित पड़ोस का केंद्र है। हम यूएई को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के चौराहे पर देखते हैं, जैसे पूर्व में सिंगापुर है, पश्चिम में यूएई है।”

गल्फ न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद व्यक्तिगत रूप से अधिकारियों को यूएई के साथ संबंधों पर जोर देने का आदेश दिया है।

पिछले कुछ सालों में नई दिल्ली ने पश्चिमी एशियाई देशों खासकर गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल और सऊदी अरब के साथ रिश्तों में सुधार के लिए काफी कूटनीतिक पूंजी खर्च की। संबंध ऊर्जा से बढ़कर सुरक्षा और रक्षा सहयोग तक पहुंच गए हैं, जिनमें इंटेलिजेंस शेयरिंग और आतंकवाद विरोधी सहयोग शामिल है।

पश्चिम एशिया में करीब 80 लाख भारतीय प्रवासियों की उपस्थिति इन प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कारक रही है। यूएई और सऊदी अरब ने भारत का रिश्ता इस्लामिक सहयोग संगठन के साथ सुधारने में मदद की है। हालांकि, कश्मीर जैसे मुद्दों पर मतभेद अभी कायम है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 में विदेश सचिव के रूप में जयशंकर के यूएई दौरे से उन्हें विदेश राज्य मंत्री अनवर गारगाश के साथ घनिष्ठता बढाने में मदद मिली थी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मोदी की टीम पश्चिमी एशियाई देशों के लिए इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दा या सिर्फ ईंधन के स्रोत की संकुचित धारना से आगे बढ़ी।

2015 में मोदी 34 सालों में यूएई का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री रहे। अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नहान 2017 में भारत में गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। पिछले छह साल में मोदी तीन बार यूएई आए।

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