- पुल के नीचे से जाने के बजाय टू व्हीलर चालक अपनाते हैं शार्ट कट
- बाइपास के डिवाइडर के अवैध कट बने लोगों की मुसीबत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एनएच-58 के खड़ौली पर रविवार की शाम करीब एक किलोमीटर से ज्यादा लगे जाम में सैकड़ों वाहन फंसे रहे। जाम की वजह अवैध कट हैं, जहां पर दुपहिया वाहनों को जबरिया ले जाया जाता हैं, जिससे जाम लग जाता हैं। जाम के चलते वाहनों में बैठे लोग हलकान रहे। करीब तीन से चार घंटे तक इस मुख्य हाइवे पर जाम लगा रहा, लोग व्याकुल रहे, लेकिन पुलिस कहीं नजर नहीं आयी। ऐसा नहीं कि एनएच-58 के हाइवे पर केवल आज रविवार को ही जाम लगा हो।
दरअसल, हाइवे के इस स्थान पर शाम के वक्त चार बजे से करीब सात बजे के दरमियान प्रतिनि जाम लगता है। शनिवार वीक एंड और रविवार अवकाश का दिन होने की वजह हालात ज्यादा खराब रहते हैं। साल का महीना व मौसम कैसा भी हो, लेकिन शाम के वक्त इस जगह पर जाम में फंसना यहां से गुजरने वालों का नसीब हो गया है। जाम तो ठीक है, लेकिन मुसीबत तो तब होती है
जब जाम में फंसे लोगों की मदद को कोई पहुंचता नहीं है। लोग बिलबिलाते रहते हैं। यहां लगने वाले जाम के एक नहीं कई कारण है। अवैध कट को एनएचएआई के अफसर भी नहीं रोक पा रहे हैं। टोल तो पूरा लिया जा रहा हैं, सुविधा हाइवे पर नहीं दी जा रही हैं। लोगों को हर रोज जाम से जूझना पड़ता हैं।
होटल और ढाबे बने मुसीबत
हाइवे पर खड़ौली के पास दर्जनों होटल ढाबे इस जाम की असली वजह हैं। तमाम ढाबे हाइवे से सटे हुए हैं। इनमें से 90 फीसदी नॉनवेज के हैं। खड़ौली में मेन हाइवे पर ही एक मस्जिद है। मस्जिद के आसपास ही ये तमाम ढाबे मौजूद हैं। जो भी गाड़ियां यहां से गुजरती हैं उनमें से ज्यादातर इन ढाबों पर रुकती हैं। ढाबों के सामने की कई फीट की जगह कच्ची है, लेकिन जो गाड़ियां इन ढाबों पर रुकती हैं
वो हाइवे से हटकर बजाय कच्ची जगह में रूकने के मेन हाइवे पर ही खड़ी होती है। इसकी की वजह है, जो कच्ची जगह है वहां बड़े हिस्से में पानी भरा रहता है। जगह इस लायक नहीं कि वहां गाड़ी खड़ी की जाए। होटलों के आगे मेन हाइवे पर खड़ी होने वाली ये गाड़ियां ही सारे फसाद की जड़ हैं।
ट्रकों का सड़क पर कब्जा
खड़ौली हाइवे पर जाम की दूसरी वजह ढाबों के सामने घंटों खड़े होने वाले ट्रक हैं। एनएच-58 पर आमतौर पर लंबे रूट के भारी वाहन भी बड़ी संख्या में गुजरते हैं। ऐसे ही भारी वाहनों में कई-कई टायरा ट्रक भी शामिल होते हैं। दरअसल, लंबे रूट पर चलने वाले ट्रक ड्राइवर हाइवे पर आमतौर पर ऐसे ढाबों के सामने गाड़ी रोकते हैं, जहां दो-चार घंटे आराम कर सकें। खड़ौली हाइवे के ढाबों व होटलों के आगे ऐसे ही लंबी दूरी तय करने वाले ट्रकों का कब्जा होता है। होटलों के सामने खड़े होने वाले ये ट्रक हाइवे का एक बड़ा हिस्सा कब्जा लेते हैं। जो जाम की बड़ी वजह हैं।
कट बने हैं मुसीबत
खड़ौली गांव के सामने से गुजरने वाले हाइवे और जाम का जब से यह हाइवे बना है तब से पुराना नाता है। हालांकि खड़ौली के सामने जहां यह जाम लगता है, वहां से बागपत फ्लाईओवर करीब एक किलोमीटर है, होना तो यह चाहिए कि यदि सड़क के दूसरी ओर जाना हो तो बागपत फ्लाईओवर के नीचे से होकर जाए तो बेहतर है, ऐसा होने से काफी हद तक जाम की मुसीबत से निजात पायी जा सकती है,
लेकि न दो पहिया वाहन चालक हाइवे के दूसरी ओर जाने के लिए फ्लाई ओवर का अंडरपास यूज करने के लिए जगह-जगह खुले कट प्रयोग करते हैं। रोड पार करने के लिए हाइवे का डिवाइडर जंप करना भी खड़ौली जाम की एक वजह है और रही सही कसर यहां स्थित शराब का ठेका पूरी कर देता है। ठेके के पास ही नॉनवेज व खाने के सामान की दूसरी दुकानें होने की वजह से गाड़ियों के ब्रेक लगते है और वो जाम में तब्दील हो जाते हैं।