Monday, June 16, 2025
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आज से शारदीय नवरात्रि आरंभ, पहले दिन मां शैलपुत्री को ऐसे करें प्रसन्न, जानिए- शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। आज रविवार 15 अक्टूबर है। आज ही से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है। सनातन धर्म के हिंदू पंचाग के अनुसार हर एक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर देवी आराधना का महापर्व आरंभ हो जाती है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना होती है और मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री का पूजा की जाती है।

NAVRATRI

इस मुहूर्त में करें कलश स्थापना

हिंदू धर्म में अभिजीत मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। अभिजीत मुहूर्त में किया गया कार्य और पूजा बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में हिंदू पंचांग के अनुसार 15 अक्तूबर को अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना की जा सकती है। आज सुबह अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 44 मिनट से शुरू हो जाएगा।

हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व होता है। एक साल में चार नवरात्रि आते हैं जिसमें शारदीय और चैत्र नवरात्रि होते है जबकि दो गुप्त नवरात्रि होते हैं। नवरात्रि पर 9 दिनों तक देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-आराधना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि पर देवी दुर्गा की आराधना पर सभी तरह की मनोकामनाएं अवश्य ही पूरी होती हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान कुछ कार्यों को नहीं करना चाहिए नहीं तो देवी दुर्गा रुष्ट हो जाएंगी और पूजा का संपूर्ण फल नहीं प्राप्त हो सकेगा।

दिननवरात्रि दिनतिथि पूजा-अनुष्ठान 
15 अक्तूबर 2023नवरात्रि दिन 1प्रतिपदादेवी शैलपुत्री की पूजा से चंद्र दोष समाप्त होता है।
16 अक्तूबर 2023नवरात्रि दिन 2द्वितीयादेवी ब्रह्मचारिणी की पूजा से मंगल दोष खत्म होता है।
17 अक्तूबर 2023नवरात्रि दिन 3तृतीयादेवी चंद्रघण्टा पूजा से शुक्र ग्रह का प्रभाव बढ़ता है।
18 अक्तूबर 2023नवरात्रि दिन 4चतुर्थीमाँ कूष्माण्डा की पूजा से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है।
19 अक्तूबर 2023नवरात्रि दिन 5पंचमीदेवी स्कंदमाता की पूजा से बुध ग्रह का दोष कम होता है।
20 अक्तूबर 2023नवरात्रि दिन 6षष्ठीदेवी कात्यायनी की पूजा से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है।
21 अक्तूबर 2023नवरात्रि दिन 7सप्तमी देवी कालरात्रि की पूजा से शनिदोष खत्म होता है।
22 अक्तूबर 2023नवरात्रि दिन 8अष्टमीदेवी महागौरी की पूजा से राहु का बुरा प्रभाव खत्म होता है।
23 अक्तूबर 2023नवरात्रि दिन 9नवमीदेवी सिद्धिदात्री की पूजा से केतु का असर कम होता है।
  • नवरात्रि के दिनों में शराब और अन्य तरह के नशे का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • नवरात्रि पर बाल और नाखून नहीं कटवाना चाहिए।
  • तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए।
  • महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए।
  • लेदर से बनी चीजों का इस्तेमाल न करें।
  • किसी को परेशान नहीं करना चाहिए।

नवरात्रि में नौ दुर्गा की पूजा से मिलता है लाभ

नवरात्रि पर देवी दुर्गा की आराधना करने पर सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्रि के 9 दिनों तक देवी के नौ स्वरूप देवी शैलपुत्री, देवी ब्रह्मचारिणी, देवी चंद्रघण्टा, मां कूष्माण्डा, देवी स्कंदमाता, देवी कात्यायनी, देवी कालरात्रि, देवी महागौरी, देवी महागौरी और देवी सिद्धिदात्री की पूजा-आराधना होती है। इन नौ दिनों देवी की उपासना करने पर कई तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है।

घट स्थापना पर इन पूजा सामग्री का करें प्रयोग

जौ, मिट्टी, जल का कलश, लौंग, कपूर, मौली, रोली, चावल, सिक्के, अशोक, आम के पत्ते, नारियल, चुनरी, फल, फूल

नवरात्रि पर आज इस उपाय से करें मां शैलपुत्री को प्रसन्न

नवरात्रि के पहले दिन देवी आदि शक्ति दुर्गा के पहले स्वरूप की पूजा होती है। मां शैलपुत्री देवी पार्वती का ही स्वरूप हैं जो सहज भाव से पूजन करने से शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं।माँ की कृपा पाने के लिए इस दिन मंदिर में त्रिशूल अर्पित करें।

आज कैसे करें घटस्थापना, जानें पूरी पूजा विधि

  • सबसे पहले सुबह स्नान करते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • फिर इसके बाद पूजा स्थल पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।
  • फिर मिट्टी के बर्तन में मिट्टी डाले और उसमें जौ मिला दें।
  • भगवान गणेश का नाम लें और मां दुर्गा का स्मरण करते हुए अखंड ज्योति जलाएं।
  • तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं और मौली बांध दें।
  • लोटे में गंगाजल मिलाकर पानी भर दें।
  • फिर इस पात्र में सिक्के, सुपारी, अक्षत और फूल डालें।
  • कलश में अशोक और आम के पत्ते लगाएं।
  • इसके बाद सभी तरह की पूजन सामग्री को एकत्रित करते हुए पूजा आरंभ करें।

शारदीय नवरात्रि बना शुभ योग

आज से शुभ नवरात्रि का महापर्व प्रारंभ हो गया है। आज से आने वाले 9 दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा-आराधना की जाएगी। इस बार शारदीय नवरात्रि बहुत ही शुभ योग में शुरू हुआ है। आपको बता दें कि 15 अक्तूबर, सोमवार को बुधादित्य योग, सुनफा योग, वेशी योग और लक्ष्मी योग का संयोग बना हुआ है। इसके अलावा देवी दुर्गा का आगमन हाथी की सवारी के साथ हुआ है जिसे भी बहुत शुभ माना गया है।

शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों में 9 देवियों के 9 बीज मंत्र
शारदीय नवरात्रि के दिनदेवीबीज मंत्र
पहला दिनशैलपुत्री ह्रीं शिवायै नम:।
दूसरा दिनब्रह्मचारिणी ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
तीसरा दिनचन्द्रघण्टा ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
चौथा दिनकूष्मांडा ऐं ह्री देव्यै नम:।
पांचवा दिनस्कंदमाताह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
छठा दिनकात्यायनीक्लीं श्री त्रिनेत्राय नम:।
सातवाँ दिनकालरात्रिक्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
आठवां दिनमहागौरी श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
नौवां दिनसिद्धिदात्रीह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।


नवरात्रि के पहले दिन मां को लगाएं ये भोग

कलश स्थापना के साथ आज से देवी शक्ति की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्रि का पर्व आरंभ हो गया है। नवरात्रि के पहले देवी के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की उपासना का महत्व होता है। माता शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं, इसीलिए इनको सफेद रंग बेहद प्रिय है।इस दिन मां को गाय के घी का भोग लगाना शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री को घी का भोग अर्पित करने पर आरोग्य की प्राप्ति होती है और देवी मां अपने भक्तों को हर संकट से मुक्ति देती है।

नवरात्रि के 9 दिन के अनुसार भोग

शारदीय नवरात्रि 2023 नवरात्रि के दिन माता का भोग
पहला दिनमाँ शैलपुत्री देवी देसी घी
दूसरा दिनब्रह्मचारिणी देवीशक्कर,सफेद मिठाई,मिश्री और फल
तीसरा दिनचंद्रघंटा देवीमिठाई और खीर
चौथा दिनकुष्मांडा देवीमालपुआ
पांचवां दिनस्कंदमाता देवी केला
छठा दिनकात्यायनी देवीशहद
सातवां दिनकालरात्रि देवीगुड़
आठवां दिनमहागौरी देवीनारियल
नौवां दिनसिद्धिदात्री देवीअनार और तिल


नवरात्रि कलश स्थापना की पूजन सामग्री

नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा करने का विधान होता है। कलश स्थापना के साथ ही पूजा आरंभ हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार मां दुर्गा की पूजा में कई तरह की पूजन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है। मां दुर्गा लाल रंग बहुत ही प्रिय होता है। कलश स्थापना के लिए मिट्टी का पात्र, कलश, चुनरी, जौ, मिट्टी, मौली, कपूर, रौली, पान-सुपारी, साबुत चावल, आम के पत्ते, फल-फूल और श्रृंगार की सभी चीजें।

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