Monday, August 18, 2025
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मेडा प्रवर्तन प्रभारी बोले, ग्रैंड-5 पर होगी कार्रवाई

  • मेडा के इंजीनियरों की टीम ने किया मौके पर जाकर निरीक्षण

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: ग्रैंड-5 में चल रहे अवैध निर्माण के मामले को लेकर मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने गंभीरता से लिया हैं। प्रवर्तन प्रभारी अर्पित यादव ने इंजीनियरों की टीम मौके पर भेजी तथा अवैध निर्माण को तत्काल रोकने के लिए कहा हैं। यही नहीं, प्रवर्तन प्रभारी ने कहा है कि अवैध निर्माण पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।

गै्रंड-फाइव में जो निर्माण चल रहा हैं, वो ग्रीन वर्ज में हो रहा हैं। इसका कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं। इसकी जांच इंजीनियरों की टीम ने मौके पर पहुंचकर कर ली हैं। अब इसके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए फाइल तैयार की जाएगी। इसकी रिपोर्ट भी इंजीनियरों की तरफ से आला अफसरों को दे दी गई हैं।

बता दे कि एनएच-58 पर स्थित हैं ग्रैंड-फाइव रिसोर्ट। इसमें पिछले छह माह से बड़ा निर्माण कार्य चल रहा हैं। ये निर्माण ग्रीन वर्ज में किया जा रहा हैं। 15 फीट ऊंची दीवार बना दी गई हैं। इसमें ये निर्माण चलता रहा और मेडा के इंजीनियरों ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते बड़ा निर्माण हो गया। ये पूरा निर्माण ही ग्रीन वर्ज में कर दिया गया हैं। यही नहीं, ग्रैंड फाइव रिसोर्ट के बीच से होकर सिंचाई विभाग का रजवाहा (नाला) भी गया हुआ हैं,

जिसकी घेराबंदी रिसोर्ट मालिक ने कर ली हैं। इसकी शिकायत भी हुई थी, मगर ये पूरा मामला दबा दिया गया। अब अवैध निर्माण का मामला फिर से सुर्खियों में आ गया हैं। प्राधिकरण इंजीनियरों ने इस अवैध निर्माण पर रिसोर्ट मालिक को कोई नोटिस भी नहीं दिया हैं, जिसके बाद प्राधिकरण इंजीनियरों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि छोटे से निर्माण पर इंजीनियरों की टीम पहुंचकर नोटिस बाजी करने लगती हैं, लेकिन इस मामले में कार्रवाई ही नहीं की गई।

एक तरह से देखा जाए तो रिसोर्ट पर अवैध निर्माण का मामला इंजीनियर की सेटिंग से चल रहा था। इसी वजह से छह माह तक अवैध निर्माण होता चला गया। अब इस अवैध निर्माण को पुराना दर्शाने के लिए रात के अंधेरे में भी पेंट कराया जा रहा हैं। ऐसा करके प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय के सामने ये साबित करने का प्रयास किया जा रहा है कि अवैध निर्माण वर्तमान का नहीं हैं, ये पहले निर्माण कराया गया था।

ऐसा करने से इंजीनियर भी बच जाएगा और रिसोर्ट मालिक के अवैध निर्माण पर बुलडोजर भी नहीं चलेगा। इस तरह से इंजीनियरों का खेल चल रहा हैं। अवैध निर्माण को पुराना साबित कर दिया जाता हैं, जिसके बाद इंजीनियर ध्वस्तीकरण से हाथ खींच लेते हैं। प्राधिकरण के प्रवर्तन प्रभारी अर्पित यादव ने बताया कि ग्रैंड-फाइव पर पहले भी अवैध निर्माण के मामले में कार्रवाई हो चुकी हैं। रिसोर्ट मालिक अवैध निर्माण करने से बाज नहीं आ रहा हैं। पहले भी चेताया गया था।

ग्रीन वर्ज में निर्माण रुकवा दिया गया था, लेकिन इंजीनियरों की अब रिपोर्ट मिली हैं, उसमें ये तथ्य सामने आया है कि अवैध निर्माण रिसोर्ट में बड़े स्तर पर कर दिया गया हैं। इस पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। ध्वस्तीकरण के लिए फाइल तैयार की जा रही हैं। पहले सील होगा, फिर ध्वस्तीकरण कर दिया जाएगा। इसको लेकर पूरी रिपोर्ट अर्पित यादव ने अपने इंजीनियर से ली हैं।

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