जनवाणी ब्यूरो |
हल्द्वानी: गुरुवार शाम को बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने को लेकर भड़की हिंसा से इलाका जल उठा। पुलिस और प्रशासन की टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया। इससे 50 से अधिक पुलिस कर्मी और निगम कर्मी समेत 300 से ज्यादा घायल हो गए। जेसीबी समेत कई वाहन फूंक दिए गए हैं। हालात बेकाबू होते देख इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात है।
बवाल से जुड़ीं अहम् बातें
प्रशासन के पूर्व में तोड़े गए अतिक्रमण का मलबा लोगों ने छतों पर इकट्ठा कर लिया था
तंग गलियों के बीच से गुजर रहे पुलिस और प्रशासन के लोगों पर छतों से पत्थरों की बारिश का जवाब किसी के पास नहीं था
गली में मौजूद लोगों को छिपने के लिए न जगह मिल रही थी न किसी घर की छत पर जाने का रास्ता
कार्रवाई के बीच हर तरफ से पथराव होने लगा। शाम ढलते ही अंधेरा छा गया। पथराव, आगजनी और अंधेरे के बीच टीम फंस गई, जिस तरफ भी टीम जाती, उधर से पत्थर ही बरसते दिखे
अंधेरे के चलते रास्ते में गिरे वाहनों में फंसकर कई पुलिसकर्मी गिर गए। अंधेरे में टीम एक तरह से बदहवास सी हो गई। कुछ पुलिसकर्मी तो जैसे-तैसे निकल गए, पर कई पुलिसकर्मी वहीं फंसे रह गए
पथराव बढ़ने पर पुलिस टीम ने एके-47 से हवाई फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद भी उपद्रवी पथराव करते रहे। इसमें कुछ पुलिसकर्मी चोटिल हो गए
बवाल बढ़ता देख देर शाम करीब साढ़े 7 बजे उपद्रव कर रहे लोगों के पैर में गोली मारने के आदेश प्रशासन और पुलिस ने दिए
पुलिस की ओर से कई राउंड फायरिंग के बाद भी पथराव कम नहीं हुआ। इस दौरान छह को गोली लगने की सूचना आई
सरकारी जमीन पर मलिक का बगीचा क्षेत्र में अवैध कब्जा ढहाने की पुलिस, प्रशासन ने योजना तो बना ली, लेकिन इलाके की तंग गलियों का चक्रव्यूह समझने में चूक गई। यही भूल, उसके लिए आत्मघाती साबित हुई। यही नहीं क्षेत्र में अतिक्रमण वाली जगह के चारों ओर बस्ती बसी है।
यहां दो से तीन मंजिला मकान बने हैं, जिनकी गिनती हजारों में है। पुलिस-प्रशासन टीम पर सामने से उपद्रवियों के पथराव करते ही छतों से पत्थरों की बारिश होने लगी। प्रशासन ने पुलिस के जोर से काम निकालने की कोशिश जरूर की, लेकिन उपद्रवी इतने उग्र हो गए, मानों जान लेने पर तुले हों। पत्थरबाजी के साथ उनके रौद्र रूप ने पुलिस फोर्स, प्रशासन और नगर निगम की टीम को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।
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