- लखनऊ का रात का सफर पसंद करते हैं मेरठी, यात्रियों को तरस रही लखनऊ जाने वाली वंदे भारत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ से लखनऊ जाने के लिए नौचंदी एक्सप्रेस का मेरठवासियों पर चढ़ा क्रेज कम होने का नाम नहीं ले रहा। यही वजह है कि नौचंदी एक्सप्रेस ने राज्यरानी एक्सप्रेस और सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन को पछाड़ रखा है। अधिकांश लखनऊ जाने वाले यात्री नौचंदी एक्सप्रेस से सफर करना पसंद करते हैं।
30 वर्ष पूर्व मेरठ से लखनऊ होते हुए प्रयागराज जाने के लिए नौचंदी एक्सप्रेस का संचालन शुरू किया गया था। यह ट्रेन वाया मुरादाबाद, बरेली संचालित की जाती है। सहारनपुर के लोगों द्वारा लखनऊ और इलाहाबाद के लिए ट्रेन चलाने की मांग की गई तो नौचंदी एक्सप्रेस में सहारनपुर से छह डिब्बे मेरठ आकर नौचंदी एक्सप्रेस में जोड़ने शुरू कर दिए। इस ट्रेन को लिंक एक्सप्रेस नाम दिया गया। अब इस ट्रेन का संचालन सहारनपुर से किया जा रहा है। नौचंदी एक्सप्रेस में दो जनरल कोच, चार सेकेंड क्लास स्लीपर कोच, पांच थर्ड ऐसी, दो सेकेंड ऐसी और एक फर्स्ट ऐसी कोच होते हैं।
दो कोच को छोड़कर सभी में बर्थ होती हैं। नौचंदी एक्सप्रेस मेरठ के सिटी स्टेशन से रात 8:05 बजे चलती है और सुबह करीब चार बजे लखनऊ पहुंचाती है। उधर, करीब दो वर्ष पूर्व मेरठ से लखनऊ के लिए संचालित राज्यरानी एक्सप्रेस सीट वाली ट्रेन है। उक्त ट्रेन सुबह 5:25 बजे मेरठ से लखनऊ के लिए चलती है। 31 अगस्त को मेरठ से लखनऊ के लिए सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू किया गया। उक्त ट्रेन चेयरकार ट्रेन है, जिसमें बैठकर ही सफर किया जाता है। उक्त ट्रेन मेरठ से सुबह 6:40 बजे चलती है।
इन दोनों ट्रेनों में सीटें खाली जा रही हैं। वंदे भारत में मेरठ से यात्री भी रोजाना सफर नहीं कर रहे। इसकी वजह किराया अधिक होने के साथ-साथ इनका मेरठ से चलने का समय दिन का होना है। राज्यरानी में एस-टू क्लास और चेयरकार क्लास के टिकट होते हैं, जबकि वंदे भारत में चेयर कार और एक्लूसिव चेयरकार के टिकट होते हैं, दोनों ही बेहद महंगे हैं, जबकि नौचंदी एक्सप्रेस में जनरल टिकट और सेकेंड क्लास स्लीपर का किराया, थर्ड ऐसी, सेकेंड ऐसी और फर्स्ट ऐसी का किराया राज्यरानी व वंदे भारत से कम है।
लखनऊ जाने के लिए सैकड़ों यात्रियों की पहल पसंद नौचंदी एक्सप्रेस बनी हुई है। इसकी एक वजह बर्थ वाली ट्रेन का होने से इसमें लेटकर यात्री सफर करने का आनंद है, यानि लेटने की वजह से यात्रियों को थकान नहीं होती। दूसरी वजह है इस ट्रेन का संचालन रात को होना। रात को चलकर यह ट्रेन सुबह दिन निकलने से पहले लखनऊ पहुंचा देती है, प्रयागराज भी यात्रियों को सुबह में पहुंचा देती है, जबकि राज्यरानी व वंदे भारत आधे से अधिक दिन बीतने पर लखनऊ पहुंचाती हैं।
इसके अलावा नौचंदी का किराया वंदे भारत के मुकाबले बेहद कम है। यही वजह है कि मेरठ से रोजाना करीब तीन सौ से साढ़े तीन सौ यात्री लखनऊ, बरेली, सीतापुर, प्रयागराज के लिए सवार होते हैं। इस ट्रेन में हमेशा वेटिंग रहती है, जबकि राज्यरानी में बड़ी संख्या में सीटें खाली रहती हैं और वंदे भारत तो लगभग खाली चल रही है, इसमें मेरठ से रोजाना 60-70 यात्री ही सफर कर रहे हैं।
मथुरा में ट्रैक बहाल
मेरठ: मथुरा में बुधवार की रात एक मालगाड़ी के 26 वैगन पटरी से उतर गए थे। जिस कारण उक्त ट्रैक की अनेक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था और कुछ ट्रेनों के रूट को बदल दिया गया था। योग नगरी ऋषिकेश से पुरी जाने वाली 18478 कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस और ऋषिकेश से लक्ष्मीबाईनगर इंदौर जाने वाली 14310 उज्जैनी एक्सप्रेस को मेरठ से दिल्ली, मथुरा के बजाए मेरठ से हापुड़, खुर्जा, अलीगढ़, आगरा होते हुए संचालित किया गया था। रूट बदलने से इन ट्रेनों से दिल्ली, फरीदाबाद, मथुरा, कोसीकला जाने वाले यात्रियों को परेशानी हुई। शुक्रवार को मथुरा में ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया। इससे उत्कल और उज्जैनी एक्सप्रेस को मेरठ से निर्धारित रूट से संचालित किया गया। इससे इन ट्रेनों से सफर करने वाले यात्रियों ने राहत महसूस की।