Saturday, April 26, 2025
- Advertisement -

खुशी और संतुष्टिी

Amritvani

एक राजा का जन्म दिन था। सुबह जब वह घूमने निकला तो उसने तय किया कि वह रास्ते में मिलने वाले सबसे पहले व्यक्ति को आज पूरी तरह से खुश व सन्तुष्ट करेगाउसे एक भिखारी मिला। भिखारी ने राजा सें भीख मांगी तो राजा ने भिखारी की तरफ एक तांबे का सिक्का उछाल दिया। सिक्का भिखारी के हाथ सें छूट कर नाली में जा गिरा। भिखारी नाली में हाथ डालकर तांबे का सिक्का ढूंढने लगा। राजा ने उसे बुलाकर दूसरा तांबे का सिक्का दे दिया। भिखारी ने खुश होकर वह सिक्का अपनी जेब में रख लिया और वापिस जाकर नाली में गिरा सिक्का ढूंढने लगा राजा को लगा कि भिखारी बहुत गरीब है। उसने भिखारी को फिर बुलाया और चांदी का एक सिक्का दिया। भिखारी ने राजा की जय-जयकार करते हुये चांदी का सिक्का रख लिया और फिर नाली में तांबे वाला सिक्का ढूंढने लगा राजा ने उसे फिर बुलाया और अब भिखारी को एक सोने का सिक्का दिया। भिखारी खुशी से झूम उठा और वापिस भागकर अपना हाथ नाली की तरफ बढाने लगा। राजा को बहुत बुरा लगा। उसे खुद से तय की गयी बात याद आ गयी कि पहले मिलने वाले व्यक्ति को आज खुश एवं सन्तुष्ट करना है। उसने भिखारी को फिर से बुलाया और कहा कि मैं तुम्हें अपना आधा राज-पाट देता हूं। अब तो खुश व सन्तुष्ट हो जाओ। भिखारी बोला, सरकार! मैं तो खुश और संतुष्ट तभी हो सकूंगा, जब नाली में गिरा हुआ तांबे का सिक्का भी मुझे मिल जाएगा। हमारा हाल कैसा है? हमें परमात्मा ने मानव रूपी अनमोल खजाना दिया है और हम उसे भूलकर संसार रूपी नाली में तांबे के सिक्के निकालने के लिए जीवन गंवाते जा रहे हैं। इस अनमोल मानव जीवन का हम सही इस्तेमाल करें, हमारा जीवन धन्य हो जाएगा।

janwani address 220

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Weather: उत्तर भारत में लू का कहर, पूर्वोत्तर में बारिश से तबाही

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट​कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Meerut News: मवाना की वैष्णवी सिंगल ने प्रदेश की टॉप 10 लिस्ट में पाया स्थान

जनवाणी ब्यूरो |मवाना शुगर: मिल में सुपरवाइजर और शाम...
spot_imgspot_img