जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कफील खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ‘राज धर्म’ निभाने के बजाय ‘बाल हठ’ में लगी रही। यूपी सरकार अब मुझे किसी और मामले में फंसाकर गिरफ्तार कर सकती है।
मैं हमेशा अपने उन सभी शुभचिंतकों का आभारी रहूंगा, जिन्होंने मेरी रिहाई के लिए आवाज उठाई। प्रशासन मुझे रिहा करने के लिए तैयार नहीं था, लेकिन लोगों की दुआओं का नतीजा है कि आज मुझे रिहा किया गया।
रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने कहा था कि राजा को ‘राज धर्म’ के लिए कार्य करना चाहिए। लेकिन, उत्तर प्रदेश के अंदर राजा ‘राज धर्म’ का पालन करने के बजाय ‘बाल हठ’ कर रहे हैं। ‘पांच दिन तक ना खाना दिया गया और ना पानी।
कफील खान ने उत्तर प्रदेश सरकार से अपील करते हुए कहा कि उन्हें उनकी नौकरी वापस दे दी जाए, ताकि वो एक डॉक्टर के तौर पर देश की सेवा कर सकें।
कफील खान ने कहा, ‘मुझे बिना किसी अपराध के, झूठे, काल्पनिक और निराधार मामलों में फंसाकर जेल में रखा गया। यहां तक कि मुझे पांच दिन तक ना खाना दिया गया और ना पानी।’
डॉक्टर कफ़ील ने कहा, “मैं यूपी एसटीएफ को भी शुक्रिया कहना चाहता हूं जिसने मुंबई से मथुरा लाते हुए मेरी हत्या नहीं की।”
रिहाई के बाद अपने भविष्य के बारे में बात करते हुए डॉक्टर कफ़ील ने बताया कि वो बिहार, केरल और असम में बाढ़ प्रभावित राज्यों में जाकर राहत कार्यों में हिस्सा लेना चाहते हैं।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज मामले में किया गया था सस्पेंड
इससे पहले अगस्त 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में डॉ. कफील खान को सस्पेंड कर दिया गया था। कफील खान के ऊपर इस मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया। इस मामले में कफील खान करीब 9 महीने तक जेल में रहे और 25 अप्रैल 2018 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहते हुए जमानत दी कि उनके खिलाफ लापरवाही बरतने का कोई सबूत पुलिस के पास नहीं है।